एक समय था जब पश्चिमी देशों में योग को लेकर कई भ्रांतियां थीं, और भारत में भी सीमित समूह के लोग ही योग करते थे। परन्तु आज योग का पूरे विश्व में अद्वितीय स्थान है। योग की दुनिया में अष्टांग योग और हठ योग बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि यह कई आसनों का संग्रह है। हठ योग का एक बहुत प्रसिद्ध आसन है जिसका नाम शीर्षासन है। चूंकि यह सिर के बल किया जाता है इसलिए इसे शीर्षासन कहा जाता है। शीर्षासन एक ऐसा आसन है जिसके अभ्यास से हम कई गंभीर बीमारियों से हमेशा बचे रहते हैं।
आज इस लेख में आप जानेंगे कि शीर्षासन क्या है, यह किस प्रकार की विधि है और इसमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। आप इसके लाभों और इस आसन को आसानी से करने के लिए अपनाए जाने वाले सुझावों के बारे में भी जानेंगे।
शीर्षासन (Shirshasana in Hindi)
सिर के बल किये जाने वाले आसन को शीर्षासन कहते हैं। शीर्ष का अर्थ है ‘सिर’ और आसन का अर्थ ‘मुद्रा’ है। कई आसन बैठकर किये जाते हैं जैसे की वक्रासन परन्तु शीर्षासन को सिर झुकाकर और पैरों को ऊपर करके किया जाता है, इसीलिए इसे अंग्रेजी में “हेडस्टैंड पोज़” कहा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि शीर्षासन योग का अभ्यास स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। यह योगाभ्यास, जिसमें सिर को सहारा देकर खड़ा होना शामिल है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला माना जाता है। यह हठ योग के प्रमुख आसनों जैसे वृक्षसन, प्राणायाम और वीरभद्रासन आदि में से एक है।
सामान्य तौर पर सभी जानते हैं कि शीर्षासन सिरदर्द के लिए बहुत उपयोगी है। इस प्रक्रिया से मस्तिष्क में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे मस्तिष्क की सभी बीमारियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शीर्षासन करने के फायदे (Shirshasana Benefits in Hindi)
- शीर्षासन करने से सिर में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क सामान्य रूप से कार्य करने लगता है और सभी संवेदी अंगों (आंख, कान, नाक आदि) को लाभ मिलता है।
- यह आपकी याददाश्त और एकाग्रता में भी सुधार करता है।
- शीर्षासन आपके शरीर के ऊपरी भाग को मजबूत बनाता है।
- नियमित रूप से आसन का अभ्यास करके आप अपना वजन कम कर सकते हैं और मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं।
- कई दिनों तक नियमित रूप से शीर्षासन का अभ्यास करने से बालों का झड़ना रोका जा सकता है।
- शीर्षासन न केवल शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि संतुलन कौशल में भी सुधार करता है। शरीर को मज़बूत बनाने के लिए आप इसके साथ भुजंगासन भी अपना सकते हैं।
- मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह काफी बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक आराम और कम तनाव होता है।
- शीर्षासन का अभ्यास करने से आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और आप ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचे रहते हैं।
- चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए शीर्षासन बहुत उपयोगी है।
- यह महिलाओं में रजोनिवृत्ति के लक्षणों में भी सुधार करता है।
- इससे न सिर्फ शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं बल्कि दिमाग को भी आराम मिलता है।
शीर्षासन करने की विधि (Shirshasana Karne ki Vidhi)
- शीर्षासन योग करने के लिए सबसे पहले मैट पर बैठ जाएं और आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें। धीरे- धीरे पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- हाथों पर बैलेंस बनाएं और पैरों को एक साथ हैंडल करते हुए ध्यान से ऊपर उठाते रहें।
- अब शरीर का बैलेंस बनाते हुए सिर के सहार उल्टे खड़े होने की कोशिश करें। पैरों को पूरा सीधा करें।
- शुरुआत में कोहनी और पूरे हाथ नीचे टिकाकर अभ्यास करें और बाद में हथेलियों के बल पर ये आसन करें।
इन टिप्स को करें फॉलो (Shirshasana Precautions and Tips in Hindi)
- शीर्षासन करने का सबसे सुरक्षित तरीका किसी सहायक या प्रशिक्षक का उपयोग करना है। एक सहायक आपके शरीर को सही ढंग से संरेखित करने में आपकी सहायता करेगा। इससे आपको आसन करने और आसन से बाहर आने में मदद मिलेगी।
- शीर्षासन से पहले बॉडी को वार्मअप करें, इसके लिए तितली आसन अपना सकते हैं.
- सबसे पहले दीवार का प्रयोग करें। दीवार के सामने पूरी तरह न झुकें या उस पर बहुत अधिक न झुकें।
- बहुत चौड़ी कोहनियां, सिर की गलत स्थिति, हाथों और पैरों के बीच अपर्याप्त दूरी, बहुत तेजी से सांस लेना, रीढ़ पर बहुत अधिक तनाव डालना आदि गलतियों से बचें।
- यदि आपको गर्दन और रीढ़ की हड्डी की समस्या है, तो योग शिक्षक की उपस्थिति के बिना योग का अभ्यास करने से बचें।
- अपने चारों ओर फर्श पर कई कंबल या तकिए रखें। इस तरह, यदि आप गिरते हैं, तो आप धीरे से उतरेंगे। आपको चोट नहीं लगेगी।
- अगर आप उच्च रक्तचाप या बार-बार चक्कर आने की समस्या से पीड़ित हैं तो भी इससे बचें। इस स्थिति में आप बैठकर किये जाने वाले योगासन अपना सकते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को भी शीर्षासन से बचना चाहिए।
- मासिक धर्म के समय महिलाओं को शीर्षासन और अन्य उल्टे आसन से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शीर्षासन को किसी अनुभवी योग चिकित्सक या योग गुरु के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए क्योंकि गलत प्रदर्शन से गर्दन और सिर में चोट लग सकती है। अगर आप लंबे समय तक जवान और एक्टिव रहना चाहते हैं तो यह आसन एक बेहतरीन विकल्प है। यह आसन सिर के बल रहकर किया जाता है, जिससे यह आपके कोर और पाचन तंत्र को मजबूत करता है। इतना ही नहीं शीर्षासन के बहुत सारे फायदे हैं। शीर्षासन का अभ्यास प्रारंभ कीजिये और अपने जीवन को एक बेहतर स्वास्थ का उपहार दीजिये।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।