योगाभ्यास के दौरान शरीर को आध्यात्मिक अनुभव हो सकता है। दूसरी ओर, यह अनुभव हर किसी के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। योग आपके जीवन को एक नई दिशा देता है, योग स्वयं को खोजने की यात्रा है। भारत में महान योग गुरुओं ने मानव जीवन में संतुलन लाने के लिए कई योग आसन विकसित किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण योग आसनों में से एक है भद्रासन।
योग विशेषज्ञों का दावा है कि भद्रासन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और मस्तिष्क को सक्रिय रखने में मदद करता है। आइये भद्रासन के लाभ, विधि और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भद्रासन क्या है (Bhadrasana in Hindi)
“भद्र” का अर्थ है “वांछनीय” या “सुंदर”। इस आसन को भद्रासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह लंबे समय तक बैठकर ध्यान करने के लिए उपयुक्त है और शरीर को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखता है। भद्रासन को अंग्रेजी में “Gracious Pose” भी कहा जाता है। इस आसन की खास बात यह है कि यह मन को शांत करता है और शरीर को स्वस्थ और सुंदर बनाता है। इसके अलावा, यह फेफड़ों और पाचन तंत्र के लिए भी बहुत उपयोगी है।
भद्रासन कि विधि (Bhadrasana Steps in Hindi)
- इसे करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को सामने फैलाकर सीधे बैठ जाएं और अपने हाथों को अपने कूल्हों के पास रखें। सावधानी से आसन करें कि आपके शरीर का वज़न बाहों पर न आये। इस मुद्रा को दंडासन भी कहते हैं।
- अब दंडासन मुद्रा में रहते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाएं जैसे तितली आसन में बैठते समय करते हैं। अब अपने हाथों को अपने पैर की उंगलियों पर मजबूती से रखें और धीरे-धीरे दोनों पैरों की एड़ियों को मूलधारा तक संभव हो सके ले आएं।
- अगर आपकी जांघें फर्श को नहीं छू रही हैं तो आप उनके नीचे तकिया रखकर उन्हें सहारा दे सकते हैं।
भद्रासन के लाभ (Bhadrasana Benefits in Hindi)
- यह आसन आपके शरीर और दिमाग दोनों को मजबूत बनाता है।
- घुटने और कूल्हे की हड्डियों को मजबूत बनाता है और घुटनों के दर्द से राहत दिलाता है।
- यह पेट में कठोरता और तनाव को कम करने के लिए उपयोगी है।
- इस योग मुद्रा में बैठने से पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है और कोर्टिसोल का उत्पादन कम होता है, जिससे मस्तिष्क को एक अच्छा और सुखद एहसास मिलता है।
- भद्रासन याददाश्त और एकाग्रता में भी सुधार करता है और आपको बेहतर और अधिक कुशलता से काम करने में सहायता देता है।
- सिरदर्द, पीठ दर्द, आंखों की कमजोरी, अनिद्रा और हिचकी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
- भद्रासन महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट दर्द से भी राहत दिलाता है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए भी इस आसन का अभ्यास फायदेमंद होता है।
- यह ध्यान करने के लिए बैठने की अच्छी स्थिति है और मन की बेचैनी को कम करती है।
- भद्रासन एकाग्रता बढ़ाता है और दिमाग को तेज करता है।
- इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से महिलाओं में प्रजनन क्षमता बढ़ती है।
- भद्रासन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
- इस आसन से आप अपने पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।
- हाइपरएसिडिटी, कब्ज और पेट की कई समस्याओं के इलाज के लिए भद्रासन एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है।
- इस आसन का प्रतिदिन अभ्यास करने से आध्यात्मिक उन्नति भी होती है क्योंकि यह काम-वासना को कम करता है।
- इस आसन के अभ्यास से बवासीर,भगंदर आदि रोगों का दमन होता है।
- इस आसन के अभ्यास से वज्रासन के भी लाभ मिल जाते हैं और साथ ही इससे मूलाधार चक्र का उत्थान भी होता है।
भद्रासन करते समय इन बातों का रखें ध्यान (Bhadrasana Contraindications in Hindi)
- अगर आपकी पीठ में तेज दर्द है तो इस आसन को धीरे-धीरे करें।
- इस आसन को अपनी क्षमता से अधिक न करें। दूसरे शब्दों में, अपने आप को बैठने के लिए मजबूर न करें।
- अगर आपके घुटनों में दर्द है तो सबसे पहले पवनमुक्तासन करें।
- गठिया या साइटिका से पीड़ित लोगों को ये आसन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप गर्भवती हैं तो इसे अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- अगर आपको चोट लगी है तो इस आसन का अभ्यास न करें।
- उच्च रक्तचाप के रोगियों को भद्रासन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप डायरिया से पीड़ित हैं तो भी यह आसन न करें।
भद्रासन एक बहुत ही सरल और उपयोगी आसन है। भद्रासन का अभ्यास अलग-अलग तरीकों से किया जाता है, लेकिन यहां हमने आपको भद्रासन के सबसे सरल और लाभकारी रूप के बारे में जानकारी प्रदान की है। अगर आप पेट या घुटनों की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस योग का अभ्यास करना चाहिए। यदि आपको योगाभ्यास करते समय कोई समस्या आती है, तो आपको डॉक्टर/योग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। धीरे-धीरे अपने योगाभ्यास का समय बढ़ाएं।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।