Balasana ke Fayde: अगर आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपके एक अच्छी जीवनशैली, पौष्टिक खानपान के अलावा शारीरिक सक्रियता बेहद आवश्यक है। आप अपनी शारीरिक सक्रियता को बढ़ाने के लिए योगाभ्यास कर सकते हैं। योग करने से शरीर अंदर और बाहर दोनों तरह से स्वस्थ रहता है। योग कई प्रकार के होते हैं जिनके अलग अलग स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आज हम आपको बालासन के बारे में बताने जा रहे हैं। बालासन करने से शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
क्या है बालासन (Kya Hai Balasana)
बालासन की मुद्रा माँ के गर्भ के अंदर शिशु की तरह होती है। इसे चाइल्ड पोज भी कहा जाता है। अगर आप शीर्षासन के बाद तुरंत बालासन करते हैं तो इससे आपकी सेहत को बहुत सारे फायदे हो सकते हैं। इस बात का ध्यान रखे कि भोजन करने के कम से कम पांच से छह घंटे बाद ही किसी भी आसन को करें। ख़ास करके बालासन को करते समय आंतें और पेट खाली होने चाहिए।
बालासन करने का तरीका (Balasana Steps in Hindi)
बालासन करने के लिए सबसे पहले एक चटाई बिछाकर घुटनों के बल बैठें।
अब अपने कूल्हों को खोलते हुए कमर को आगे की तरफ झुकाएं।
अब अपनी सांस को बाहर की तरफ छोड़ते हुए अपने माथे को जमीन के ऊपर रखते हुए हाथ को जमीन पर आगे जाने दें।
अपने धड़ को ज़्यादा से ज़्यादा जांघों पर दबाएं।
अब 5 मिनट ऐसे ही रहते हुए गहरी सांस लें।
बालासन करने के फ़ायदे (Balasana Benefits in Hindi)
- बालासन करने से सीने और फेफड़े खुल जाते हैं।
- अगर आपकी लोअर बैक में दर्द रहता है तो बालासन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
- बालासन करने से दिल की मांसपेशियों में मजबूती आती है।
- पेट दर्द से छुटकारा पाने के लिए बालासन करें।
- बालासन करने से थकान और तनाव की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- अगर आप डायबिटीज के मरीज है तो बालासन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
- बालासन करने से शरीर में एनर्जी आने के साथ मन को शांति मिलती है।
- इस आसन को करने से शरीर को आराम मिलता है।
- बालासन करने से घुटने के दर्द से आराम मिलता है।
- अगर आप डिप्रेशन की समस्या का सामना कर रहे हैं तो बालासन करने से आपके दिमाग को शांति मिलती है
- बालासन करने से कंधे चौड़े होते हैं।
- इस आसन को करने से पूरे शरीर में खून का संचार सही तरीके से होता है।
बालासन करते वक़्त रखें इन बातों का ध्यान
- बालासन करने से कुछ लोगों को समस्या सकती है। इस आसन को करने से हिप्स की मोबिलिटी कम हो जाती है जिससे एड़ियों को ज़मीन पर टिकाना मुश्किल होता है। इस समस्या से बचने के लिए इस आसन को करते समय आप अपने सिर के नीचे तकिया लगा लें। बाद में तकिया को धीरे-धीरे हटाने का प्रयास करें।
- अगर आप गर्भवती हैं या आपको दस्त की समस्या है तो भूलकर भी बालासन ना करें। इसके अलावा घुटने में चोट होने पर भी बालासन नहीं करना चाहिए।
- बालासन करते समय कभी भी अपनी शारीरिक क्षमता से ज़्यादा ताकत ना लगाएं।
- डिस्क्लेमर: हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। किसी भी प्रकार के आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।