Maa Baglamukhi ki Aarti: शास्त्रों में माँ बगलामुखी माता को 10 विद्याओं में से एक विद्या माना जाता है। इसके अलावा माँ बगलामुखी को युद्ध की देवी के नाम से भी जाना जाता है। कई लोग तांत्रिक शक्तियों को प्राप्त करने के लिए भी माँ बगलामुखी माता की पूजा और आरती करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है, कि जो मनुष्य नियमित रूप से माँ बगलामुखी चालीसा और आरती का पाठ करता है, उसे कभी भी शत्रुओं का भय नहीं रहता। आज हम आपको बगुलामुखी माता की आरती के लिरिक्स, महत्व, और पाठ विधि के विषय में बताने जा रहे हैं।
बगलामुखी आरती का महत्व (Maa Baglamukhi Aarti Ka Mahatva)
बगलामुखी माता को ब्रहमांड की दस सर्वश्रेष्ठ शक्तियों में से आठवीं शक्ति माना जाता है। शास्त्रों में माँ बगलामुखी माता की पूजा, आरती, और चालीसा पाठ को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माँ बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है। शास्त्रों में बताया गया है, कि माँ बगलामुखी कलयुग की अधिष्ठात्री देवी हैं। मान्यताओं के अनुसार माँ बगलामुखी की पूजा करने से तुरंत फल प्राप्त होता है।
बगलामुखी देवी को इस ब्रहमांड की स्तम्भन शक्ति माना जाता है। अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं, तो आपके लिए माँ बगलामुखी की पूजा लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इनकी पूजा करने से दुश्मनों पर जीत हासिल होती है। विशेष रूप से माँ बगलामुखी की पूजा करने से कोर्ट-कचहरी और पुलिस के मामलों से छुटकारा मिलता हैं।
माँ बगलामुखी आरती पाठ विधि (Maa Baglamukhi Aarti Path Vidhi)
- माँ बगलामुखी की पूजा और आरती करने के लिए प्रातःकाल स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण कर लें।
- अब अपने घर के पूजा घर में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएँ।
- अब एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर माँ बगलामुखी यंत्र की स्थापना करें।
- अब माँ बगलामुखी को पीला वस्त्र पहनाने के बाद पीले फल चढ़ाएं और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं।
- इसके बाद धूप दीप जलाने के बाद माँ बगलामुखी चालीसा का पाठ करें।
- पूजा के अंत में माँ बगलामुखी की आरती करें।
माँ बगलामुखी आरती लिरिक्स (Maa Baglamukhi Aarti Lyrics)
जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरति करहुँ तुम्हारी।
पीत वसन तन पर तव सोहै,
कुण्डल की छबि न्यारी॥
कर-कमलों में मुद्गर धारै,
अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
चम्पक माल गले लहरावे,
सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
पालत हरत सृजत तुम जग को,
सब जीवन की हो रखवारी॥
मोह निशा में भ्रमत सकल जन,
करहु हृदय महँ, तुम उजियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही हो असुरारी॥
सन्तन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण पियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
तव चरणन जो ध्यान लगावै,
ताको हो सब भव-भयहारी॥
प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते नर मोक्षधाम अधिकारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता…
॥ दोहा ॥
बगलामुखी की आरती, पढ़ै सुनै जो कोय।
विनती कुलपति मिश्र की, सुख-सम्पति सब होय॥
माँ बगलामुखी की आरती के फायदे (Maa Baglamukhi Ki Aarti Ke Fayde)
- माँ बगलामुखी की पूजा और आरती करने से मनुष्य को भय मुक्ति, वाद-विवाद में विजय, और वाक सिद्धि प्राप्त होती है।
- कुछ लोग तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी माँ बगलामुखी की पूजा करते हैं।
- माँ बगलामुखी की आरती करने से सभी प्रकार की बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
- नियमित रूप से माँ बगलामुखी की पूजा और आरती करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
- अगर आप लम्बे समय से धन की कमी का सामना कर रहे हैं, तो रोज़ाना माँ बगलामुखी की पूजा और आरती करें।
- माँ बगलामुखी की पूजा और आरती करने से भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
- अगर आप जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से माँ बगलामुखी की पूजा और आरती करें। ऐसा करने से आपकी तरक्की के योग भी बनेंगे।
- अगर आप माँ बगलामुखी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उन्हें पीले फूल और नारियल चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएँगी।
- अपने जीवन की सभी बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए माँ बगलामुखी देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें। उसके बाद माँ बगलामुखी चालीसा और आरती का पाठ करें।
- अगर आपके जीवन में लम्बे समय से कोई बड़ी समस्या चल रही है, तो माँ बगलामुखी को पीला वस्त्र चढ़ाएं। ऐसा करने से माँ बगलामुखी सभी दुखों का नाश कर देती हैं।
- नियमित रूप से माँ बगलामुखी माता की पूजा और आरती करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है।
- अगर आपके घर में नकारात्मक शक्तियाँ मौजूद हैं, तो पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ रोज़ाना माँ बगलामुखी माता की पूजा और आरती करें। ऐसा करने से आपके घर से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ दूर हो जाएँगी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
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