August Mein Amavasya Kab ki Hai: हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में हरियाली अमावस्या के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, पर अमावस्या तिथि के दिन दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना बहुत ही अच्छा माना जाता है।
इसके अलावा शास्त्रों में अमावस्या के दिन को पितरों के तर्पण के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि, जो व्यक्ति अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करता है उसे मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण करने से जीवन कल्याण की अग्रसर होता है। जानें अगस्त में अमावस्या कब की है, हरियाली अमावस्या के महत्व, और पूजन विधि के बारे में।
अगस्त में अमावस्या कब की है (August Mein Amavasya Kab ki Hai)
इस बार श्रावण मॉस में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Amavasya Aug 2024 Date and Timings in Hindi)
सावन माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या तिथि की शुरुआत 03 अगस्त 2024 की दोपहर 03: 50 मिनट पर होगी। अगले दिन 04 अगस्त, 2024 को दोपहर 04: 42 मिनट पर हरियाली अमावस्या का समापन होगा। उदया तिथि के मुताबिक रविवार 4 अगस्त को सावन की हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।
क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या (Kyon Manayi Jati Hai Hariyali Amavasya)
सावन के महीने में बारिश होने के कारण चारो तरफ हरियाली ही हरियाली नज़र आती है जिससे प्रकृति की खूबसूरती और भी बढ़ जाती हैं, हर तरफ छाई हरियाली का नज़ारा इतना अधिक ख़ूबसूरत होता है की नज़र हटाने को दिल नहीं करता है। इसीलिए सावन में पड़ने वाली इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है।
हरियाली अमावस्या का महत्व (Hariyali Amavasya Ka Mahatav)
सनातन धर्म में सावन महीने में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-दान के कार्य बहुत ही शुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन शिव-पार्वती की पूजा करने का नियम है। हरियाली अमावस्या को पितरों के पिंडदान और श्राद्ध के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
शास्त्रों के मुताबिक हरियाली अमावस्या का त्यौहार मनुष्य के जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है। इस दिन सभी किसान खेती में इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरणों का भी पूजन करने के साथ भगवान से अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं। मान्यताओं के अनुसार जो भी किसान हरियाली अमावस्या के दिन पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भोलेनाथ की पूजा करता करते हैं उसे अच्छी बारिश और भरपूर फसल का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
हरियाली अमावस्या के दिन भोलेनाथ की पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पौधे लगाना भी बहुत बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और सभी देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन केला, तुलसी, पीपल, बरगद, नीम जैसे पौधे लगाए जा सकते हैं।
हरियाली अमावस्या पूजा विधि (Hariyali Amavasya Puja Vidhi)
- हरियाली अमावस्या के दिन प्रातःकाल जल्दी उठने के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें।
- अगर आपके घर के नज़दीक कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप अपने नहाने के पानी थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
- स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके अपने घर के पूजा घर की साफ सफाई करें।
- अब एक लकड़ी की चौकी पर भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करे।
- अब भोलेनाथ को फल, फूल अर्पित करने के बाद उनके सामने धूप और दीप जलाएं।
- इसके बाद शिव-पार्वती को भोग के रूप में खीर या मालपुआ का चढ़ाएं।
- अब शिव चालीसा का पाठ करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- अंत में भोलेनाथ की आरती उतारें।
हरियाली अमावस्या के फ़ायदे (Hariyali Amavasya ke Fayde)
- श्रावण मास में महादेव के पूजन को विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण माना जाता है। अगर आप हरियाली अमावस्या के दिन पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ शिव-पार्वती की पूजा करते हैं तो आपके ऊपर उनकी सदैव कृपा बनी रहेगी।
- हरियाली अमावस्या के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और आपकी हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करते हैं।
- अगर कोई कुंवारी कन्याएं हरियाली अमावस्या के दिन शिव-पार्वती की पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहे वरकी प्राप्ति होती है।
- अगर कोई सुहागिन महिला हरियाली अमावस्या के दिन पूरे श्रद्धा भाव से शिव पार्वती का पूजन करती है तो उसके पति को लम्बी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्पदोष, पितृदोष और शनि का प्रकोप है तो उसे हरियाली अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक,पंचामृत या रुद्राभिषेक करना चाहिए।
- हरियाली अमावस्या के दिन संध्याकाल में नदी के किनारे या मंदिर में दीप दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हरियाली अमावस्या के उपाय (Hariyali Amavasya Ke Upay)
- जीवन में खुशहाली लाने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन पति-पत्नी को मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करें। इसके साथ ही दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करते हुए ॐ नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से महादेव प्रसन्न हो जायेंगे और आपके वैवाहिक जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी।
- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन भोलेनाथ को आक या मदार के सफेद फूल अर्पित करें।
- शुभ फल प्राप्त करने के लिए हरियाली अमावस्या को गौमाता को रोटी पर खीर रखकर खिलाएं।
- पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन कुत्ते को सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं।
- पितरों को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन सवा मीटर सफेद कपड़े के अंदर लगभग 250 ग्राम चावल, 11 रुपए और सूखे नारियल को बांधकर 21 बार उतारा कर लें। अब इसे अपने घर की किसी सुरक्षित जगह पर रख दें।
- हरियाली अमावस्या के दिन संध्याकाल में पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करने के बाद पांच तरह की मिठाइयों को पीपल के पत्ते पर रखें।