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Shiva Panchakshari Mantra: क्या है शिव पंचाक्षर मंत्र? जानें इसका अर्थ, महत्व और लाभ

Shiva panchakshari mantra

भोलेनाथ की पूजा के लिए शास्त्रों में पांच अक्षर बताए गए हैं और ये पांच अक्षर हैं न, म, शि, व और य जो मिलकर नम: शिवाय बनाते हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ब्रह्मांड में पांच तत्व शामिल हैं: पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश और वायु। सृष्टि के पांचों तत्व भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से नियंत्रित होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार “ॐ नमः शिवाय” लोक कल्याण के लिए बनाया गया पहला मंत्र है। जिस प्रकार देवादिदेव महादेव सर्वश्रेष्ठ देव हैं, उसी प्रकार भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ‘नम शिवाय’ भी सर्वश्रेष्ठ है।

आज के लेख में हम इसी पंचाक्षरी मंत्र की विस्तृत व्याख्या करने जा रहे हैं। इसे आप सोमवार व्रत में भी पढ़ सकते हैं। हम जानेंगे की इसका महत्त्व क्या है, इस स्तोत्र का अर्थ क्या है और इस पाठ के लाभ क्या हैं।

शिव पंचाक्षर स्त्रोत्र का महत्त्व (Shiva Panchakshari Strot Importance in Hindi)

इस शिव पंचाक्षर स्तोत्र के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य जी हैं, जो भगवान शिव के परम भक्त हैं। यह मन्त्र नमः शिवाय पर आधारित है। 

न – पृथ्वी तत्त्व 

म – जल तत्त्व का 

शि – अग्नि तत्त्व 

वा – वायु तत्त्व का और 

य – आकाश तत्त्व का प्रतिनिधित्व करता है।

इस प्रकार ये पूरा मंत्र सृष्टि के 5 तत्वों का संचालन करता है और पूरा पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शंकर की कृपा का बखान करता है।

शिव पंचाक्षर मंत्र (Shiva Panchakshari Mantra Lyrics in Hindi) 

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,

भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,

तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,

नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।

मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,

तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,

सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,

तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,

मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,

तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय,

पिनाकहस्ताय सनातनाय ।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय,

तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥

शिव पंचाक्षरी मंत्र अर्थ (Shiva Panchakshari Mantra Meaning in Hindi)

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,

भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,

तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥

अर्थ: जिनके कण्ठ (गले) में सर्पों का हार है, जिनके तीन दिव्य नेत्र हैं, भस्म ही जिनका अंगराग है और दिशाएँ ही जिनका वस्त्र हैं अर्थात् जो दिगम्बर (निर्वस्त्र) हैं ऐसे शुद्ध अविनाशी महेश्वर न कारस्वरूप शिव को नमस्कार है।

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,

नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।

मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,

तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥

अर्थ: गंगाजल और चन्दन से जिनकी अर्चना (पूजा) हुई है, मन्दार-पुष्प तथा अन्य पुष्पों से जिनकी भलिभाँति पूजा हुई है। नन्दी के अधिपति, शिवगणों के स्वामी महेश्वर म कारस्वरूप शिव को नमस्कार है।

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,

सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,

तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥

अर्थ: जो कल्याणस्वरूप हैं, पार्वतीजी के मुखकमल को प्रसन्न करने के लिए जो सूर्यस्वरूप हैं, जो दक्ष के यज्ञ का नाश करनेवाले हैं, जिनकी ध्वजा में वृषभ (बैल) का चिह्न शोभायमान है, ऐसे नीलकण्ठ स्वरूप शिव को नमस्कार है।

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,

मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,

तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥

अर्थ: वसिष्ठ मुनि, अगस्त्य ऋषि और गौतम ऋषि तथा इन्द्र आदि देवताओं ने जिनके मस्तक की पूजा की है, चन्द्रमा, सूर्य और अग्नि जिनके नेत्र हैं, ऐसे व कारस्वरूप शिव को नमस्कार है।

यक्षस्वरूपाय जटाधराय,

पिनाकहस्ताय सनातनाय ।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय,

तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥

अर्थ: जिन्होंने यक्ष स्वरूप धारण किया है, जो जटाधारी हैं, जिनके हाथ में पिनाक (शिवधनुष) है, जो दिव्य सनातन पुरुष हैं, ऐसे दिगम्बर देव य कारस्वरूप शिव को नमस्कार है।

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥

अर्थ: जो शिव के समक्ष इस पवित्र पञ्चाक्षर स्तोत्र का पाठ करता है, वह शिवलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी के साथ आनन्दित होता है।

मंत्र पाठ के लाभ (Shiva Panchakshari Mantra Benefits in Hindi)

इस स्तोत्र का पाठ नियमित पाठ किया जा सकता है और विशेष रूप से सोमवार व्रत, महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत के दिन इसका पाठ बहुत शुभ होता है। यह महामृत्युंजय मंत्र  के समान ही अति पावन है और शिवभक्तों को बेहद प्रिय है।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

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