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Vijaya Ekadashi Puja Vidhi 2024: इस विधि से करेंगे विजय एकादशी का व्रत तो नारायण होंगे प्रसन्न! देखिये पूजा विधि और सामग्री की सूची 

फाल्गुन माह का पहला एकादशी व्रत विजया एकादशी का है। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण इस तिथि को अपनी तिथि मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ तिथि पर जो भक्त जितेंद्रिय होकर विधि-विधान और व्रत से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष विजया एकादशी व्रत 6 मार्च को रखा जाएगा। आइये जानते हैं की विजया एकादशी पर किस विधि से व्रत रखना चाहिए और पूजा में किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है।

विजया एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त? (Vijaya Ekadashi Puja Muhurat 2024)

विजया एकादशी बुधवार, 6 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 6 मार्च को सुबह 6:30 बजे शुरू होगी और 7 मार्च को सुबह 4:13 बजे समाप्त होगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए सुबह 6:41 से 9:37 बजे तक का समय अच्छा है।

विजया एकादशी पूजा सामग्री (Vijaya Ekadashi Puja Samagri List)

Vijaya Ekadashi Puja Samagri List

विजया एकादशी पूजा विधि (Vijaya Ekadashi Puja Vidhi 2024)

विजया एकादशी व्रत के नियम (Vijaya Ekadashi Vrat Niyam)

विजया एकादशी के व्रत का उल्लेख हमें पद्म और स्कंद पुराण में मिलता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, इस एकादशी का व्रत करने वाला सदैव विजयी होता है। प्राचीन काल में कई राजा-महाराजा इस पद के प्रभाव से अपरिहार्य हार को जीत में बदल देते थे। मान्यता है कि भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध से पूर्व अपनी पूरी सेना सहित इस व्रत को रखा था। इस दिन का व्रत करने वाले भक्त के जीवन में शुभ कर्मों की वृद्धि होती है, मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर होते हैं। इसके लिए व्रत कथा का पाठ अवश्य करनी चाहिए। जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से इस एकादशी का व्रत रखता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

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