bhaktiaanand.com

Chaitra Navratri Puja Vidhi & Samagri List 2024: नवरात्रि में इस विधि से करें पूजा, जानिए अष्टमी-नवमी पर हवन करने की विधि और सामग्री 

हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है। पंचांग के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है। एक चैत्र नवरात्रि, दो गुप्त नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है। यह त्यौहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। चारों नवरात्रि का अपना-अपना महत्व है। वहीं, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है और नवमी तिथि के साथ इसका समापन होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है। इस दौरान माता रानी के नौ अलग-अलग रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है।  आइये जानते हैं की नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा किस विधि से की जाती है और कन्या पूजन का महत्त्व क्या है। साथ ही जानते हैं की अष्टमी और नवमी पर हवन किस विधि से किया जायेगा और सामग्री क्या रहेगी।

चैत्र नवरात्रि पूजा सामग्री (Chaitra Navratri Puja Samagri List)

चैत्र नवरात्रि हवन की सामग्री (Chaitra Navratri Havan Samagri List)

चैत्र नवरात्रि पूजा सामग्री

चैत्र नवरात्रि पूजन Vidhi (Chaitra Navratri Puja Vidhi)

अष्टमी या नवमी पर करें हवन (Chaitra Navratri Ashtami & Navami Puja Vidhi)

अष्टमी या नवमी पर क्यों करना चाहिए कन्या पूजन?

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन में 1 से 9 कन्याओं का पूजन किया जा सकता है। और यहां अलग-अलग उम्र की कन्याओं की पूजा से विभिन्न मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पहली कन्या की पूजा से समृद्धि और ऐश्वर्य, दूसरी कन्या की पूजा से भोजन अर्थात अन्न-धान्य का वरदान मिलता है। तीसरी कन्या की पूजा से सत्य पुरुषार्थ, चौथी और पांचवीं कन्या की पूजा से बुद्धि-शक्ति और विद्याशक्ति का वरदान मिलता है। छठीं कन्या पूजा से सभी कार्य में कामयाबी और सांतवी कन्या पूजा से परम पद(मोक्ष) की प्राप्ति, आंठवी कन्या पूजा से अष्टलक्ष्मी की कृपा और 9 कन्याओं की पूजा से सभी प्रकार के सुख-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के दौरान भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों तक उपवास करते हैं। माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि पर शुभ मुहूर्त में देवी दुर्गा की पूजा करने से जीवन से सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि आती है। नवमी तिथि के साथ ही नवरात्रि का समापन होता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा के अलावा उनके नाम पर हवन भी किया जाता है। हवन करने से न केवल मन शुद्ध होता है बल्कि घर में सकारात्मक माहौल भी बनता है।

यह भी पढ़ें

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

Exit mobile version