bhaktiaanand.com

Kaal Sarp Dosh Upay: क्या है कालसर्प दोष? जानिये इसे दूर करने के सबसे सटीक उपाय

Kaal Sarp Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण शुभ और अशुभ योग बनते हैं। जहां शुभ योग व्यक्ति के जीवन में कई बड़ी उपलब्धियां दिलाते हैं, वहीं अशुभ योग व्यक्ति को राजा से रंक भी बना सकते हैं। अशुभ योगों की श्रेणी में सबसे पहले हम बात करेंगे काल सर्प दोष के बारे में। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। आइये जानते हैं क्या है काल सर्प दोष और इसके लक्षणों को पहचान कर कौन से उपायों से हम इससे बच सकते हैं।

क्या है काल सर्प दोष? (Kaal Sarp Dosh in Hindi)

कालसर्प दोष एक प्रतिकूल और अशुभ योग है। यदि यह किसी व्यक्ति की कुंडली में बनता है तो उसे परेशानियों और कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच ग्रह आया हो तो इस दोष को कालसर्प दोष कहा जाता है। ज्योतिष में राहु को काल नाम से दर्शाया गया है, जिसका अर्थ है मृत्यु और सर्प को केतु का अधिष्ठाता देवता माना जाता है। सर्प का अर्थ साँप होता है।

ज्योतिष में राहु को सांप का मुंह और केतु को सांप की पूंछ माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, राहु और केतु उनके अच्छे प्रभावों को नष्ट कर देते हैं। 

काल सर्प दोष के लक्षण (Kaal Sarp Dosh ke Lakshan)

काल सर्प दोष के लक्षण

काल सर्प दोष के उपाय (Kaal Sarp Dosh ke Upay)

  1. कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए दाल और साबुत नारियल को बहते पानी में प्रवाहित किया  सकता है।
  2. सवा माह तक प्रतिदिन सुबह उठते ही पक्षी को जौ के बीज खिलाना चाहिए।
  3. अपने घर के प्रवेश द्वार पर चांदी का अष्टधातु या स्वस्तिक लगाएं। इसे टांगने की जरूरत नहीं है, बस इसे दरवाजे या दीवार पर चिपका दें। इसके अलावा आप किसी धातु से बना सांप भी लगा सकते हैं।
  4. अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए धन का दान करें और कालसर्प योग का शांतिपाठ करें।
  5. नागपाश यंत्र को गले में पहना जा सकता है, लेकिन यंत्र को पहले पंडित द्वाराअभिमंत्रित किया जाना चाहिए।
  6. शयनकक्ष में लाल चादर और पर्दों का प्रयोग करने से भी दोष का प्रभाव कम होता है।
  7. जब कालसर्प योग हो और जीवन में गंभीर बाधाएं आ रही हों तो केतु मंत्र का जाप भी करना चाहिए।
  8. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको श्री गणेश जी की पूजा भी करनी चाहिए।

भोलेनाथ की करें अराधना 

  1. जिसकी कुंडली में कालसर्प दोष है, वह सोमवार के दिन लगातार सात दिनों तक भगवान शिव के शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। महादेव को चंदन की धूप अर्पित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
  2. दूसरा उपाय यह है कि सोमवार, शिवरात्रि या नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े बनाकर उन्हें दूध में डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं या उनका अभिषेक करें। इस दोष को दूर किया जा सकता है। इसके लिए सर्प गायत्री या महामृत्युंजय का जप करना चाहिए। यह सबके लिए करना संभव नहीं है । इसलिए कोशिश करें कि मंत्र का जाप किसी यज्ञोपवीतधारी, सर्प गायत्री जपने वाले ब्राह्मण से कराएं और अभिषेक स्वयं करें ।
  3. प्रत्येक सोमवार को भगवान शंकर का दही से अभिषेक करें। आप सोमवार का व्रत भी कर सकते हैं।
  4. “ओम नम: शिवाय” को 21 माला जाप करना चाहिए । इसके बाद गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। तांबे का नाग शिवलिंग पर चढ़ाएं। और महीने में एक बार भगवान शिव का सावन रुद्राभिषेक अवश्य करें।
  5. सोमवार के दिन चांदी का नाग शिव मंदिर में दान करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो मंदिर जाकर चांदी के नाग की पूजा कर लें।
  6. सावन माह में 30 दिनों तक भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।

श्री विष्णु की करें पूजा 

  1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष हो उसे नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए आप विष्णु चालीसा का पाठ कर सकते हैं। भगवान विष्णु की आरती भी उनकी पूजा का एक अच्छा तरीका है।
  2. इस दोष से छुटकारा पाने के लिए घर में भगवान श्री कृष्ण की मोर पंख धारण की हुई मूर्ति रखनी चाहिए, रोजाना उनकी पूजा करनी चाहिए और कृष्ण और विष्णु मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

शनिवार और मंगलवार के दिन करें ये उपाय (Kaal Sarp Dosh Remedies in Hindi)

  1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष को दूर करने के लिए शनिवार के दिन बहते पानी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित कर दें।
  2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से काल सर्प दोष दूर करने में इसका प्रभाव कम हो जाता है। इसके अलावा नियमित रूप से हर शनिवार को पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
  3. मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें। ये काम आपको रात के समय करना चाहिए। आपको बता दें कि श्री हनुमान जी स्वयं पूरे दिन श्री रामजी के चरणों में सेवक बनकर रहते हैं, इसलिए भक्तों को रात में उनकी सेवा करनी पड़ती है।
  4. नियमित हनुमान चालीसा का पाठ और मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल व बताशा अर्पित करना चाहिए।
  5. शनिवार के दिन व्रत रखें और राहु, केतु और शनि के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें। शनिवार के दिन श्री शनिदेव को तेल चढ़ाएं। आप शनिदेव को तिल या सरसों का तेल चढ़ा सकते हैं।
  6. प्रत्येक शनिवार को काले कपड़े में उड़द या मूंग की दाल पहनें और राहु मंत्र का जाप करें। फिर इस दाल को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें।

व्यक्ति को अपने जीवन में अपने कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है, लेकिन कुछ फल हमें पिछले जन्म में किए गए कर्मों का भी मिलता है। काल सर्प दोष का योग भी इसी प्रकार बनता है। जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं नाराज होती हैं या हम उनका सम्मान नहीं करते हैं तो हमारी कुंडली में यह दोष बनता है। इसे खत्म करने के लिए हमें न सिर्फ विशेष पूजा करनी चाहिए, बल्कि इस कमी के प्रभाव को कम करने के उपाय भी करने चाहिए।

यह भी पढ़ें

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

Exit mobile version