अपने शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी को नियमित रूप से योग करने की सलाह देते हैं। योगासन का अभ्यास समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है और यह शरीर और दिमाग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। हालाँकि, योगासनों से अधिकतम लाभ तभी प्राप्त किया जा सकता है जब इनका अभ्यास नियमित और सही ढंग से किया जाए। आज के लेख में हम आपको बैठकर किए जाने वाले 5 सरल योगासनों की विधि समझाएंगे। आप योगाभ्यास करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ सावधानियां भी जानते हैं।
दण्डासन योग (Dandasana Steps in Hindi)
दण्डासन एकाग्रता को बढ़ता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। साथ ही ये कई आसनों का आधार भी है। यह अस्तमा जैसी बीमारी में फ़ायदेमंद है और शरीर की मासपेशियों को मज़बूत बनाता है। यह कन्धों और छाती में खिंचाव लाकर शरीर की मुद्रा में सुधार करता है।
- फर्श पर बैठ जाएं और अपने पैरों को अपने सामने फैला लें।
- जहां तक संभव हो अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
- अपने पैरों को एक साथ रखें।
- अपनी जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव आने दें।
- अपने कंधों को अपने कूल्हों के स्तर पर रखें अर्थात एक ही रेखा में रखें।
- अपनी बाहों को सीधा रखें और अपनी रीढ़ को सहारा देने के लिए अपनी हथेलियों को अपने कूल्हों के दोनों ओर फर्श पर रखें।
- श्वास लें और अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
- इसी मुद्रा में 3-6 बार गहरी सांस भरें।
- फिर धीरे-धीरे पहले की अवस्था में वापस आ जायें।
सुखासन योग (Sukhasana Steps in Hindi)
सुखासन शरीर की मुद्रा में सुधार लाता है और मानसिक तनाव, चिंता और थकान को दूर करता है। यह चेहरे पर ग्लो लाकर दाग-धब्बों को दूर भी करता है। यह अध्यात्मिक चेतना और योगाभ्यास की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण आसन है।
- योग मैट पर बैठ जाएं।
- इसके बाद दोनों घुटनों को बाहर रखते हुए पैरों को भीतर की तरफ मोड़ेंऔर पालथी जैसे मारकर बैठ जाएं। ध्यान रहे की एक पैर के ऊपर दूसरा पैर हो।
- कोशिश करें की आपके घुटने ज़मीन से लगे रहे।
- अपनी पीठ को इस तरह से बैलेंस करें कि आपकी रीढ़ की निचली हड्डी और प्यूबिक बोन फर्श से एकदम सधी रहे।
- अब जब आप ठीक प्रकार बैठे हैं तो अपनी हथेलियों को या तो अपनी गोद में रख लें या फिर आप उन्हें घुटनों पर रख सकते हैं और चाहें तो हथेलियां ऊपर की तरफ रहें।
- रीढ़ की निचली हड्डी और पूरी कमर को सीधा करें और कंधों को तानकर रखें।
- शुरुआत में अभ्यास आधे घंटे का करें और फिर समय बढ़ा दें।
- ये आसन रोज़ अलग अलग पैरों को ऊपर रखकर करें, जैसे अगर एक दिन आपने दाएं पैर को ऊपर रखा था तो अगले दिन बाएं पैर को ऊपर रखकर बैठें।
पश्चिमोत्तान आसन योग (Paschimottanasana Steps in Hindi)
यह शरीर के पश्च भाग (पिछले हिस्से) को अत्यधिक प्रभावित करता है इसलिए इस आसन को पश्चिमोत्तान आसन कहा जाता है। इस आसन को करने से पूरे शरीर में खिंचाव होता है और डायबटीज़, हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याओं के लिए अचूक उपाय की तरह काम करता है। यह आसन तनाव, चिंता और दिमाग से जुडी अन्य समस्याओं और साथ ही अनिद्रा की समस्या, पेट की बढती चर्बी आदि को दूर करने में सहायता करता है।
- दण्डासन में बैठ जायें और दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जायें।
- शरीर को सीधा तानकर रखें।
- अब आगे झुकें और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकडें।
- कोशिश करें की अपने माथे को घुटनों पर टिका पाएं।
- इस मुद्रा में 20-30 सेकंड तक रहें।
- अब धीरे-धीरे हाथों को ऊपर लायें और फिर पहले जैसी मुद्रा में आ जायें।
- थोड़ी देर इस प्रक्रिया को दोहराएं।
पद्मासन योग (Padmasana Steps in Hindi)
पद्मासन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह पीरियड क्रेम्प्स से राहत देता है क्योंकि पद्मासन में पेट, कमर और उससे निचले हिस्से की मसल्स रिलेक्स हो जाती हैं। साथ ही पद्मासन पाचन तंत्र को शुद्ध और मज़बूत करता है। यह दिमाग को शांत करके एकाग्रता विकसित करता है।
- सबसे पहले दण्डासन में बैठ जायें और हाथों पर थोडा जोर दें।
- गहरी सांस भरें और शरीर को सीधा करें।
- अपनी दायाँ पैर उठा कर बाईं जंघा पर रखें।
- इसी प्रकार बायाँ पैर उठा कर दाईं जांघ पर रखें।
- यही मुद्रा पद्मासन है।
- इस मुद्रा में आप ध्यान का अभ्यास भी कर सकते हैं।
मंडूकासन योग (Mandukasana Steps in Hindi)
मंडूकासन को सरल भाषा में मेंडक आसन कहा जा सकता है क्योंकि यह आसन करते समय शरीर की आकृति मेंडक जैसी हो जाती है। यह पेट पर दबाव डालता है और वज़न कम करने में भी सहायक है। यह पेट के सभी रोगों का अच्छा इलाज है। यह डायबटीज़ में भी फ़ायदेमंद है।
- सबसे पहले बैठ जाएं और कुछ गहरी-गहरी सांसे भरें।
- फिर वज्रासन की मुद्रा में बैठें।
- अब हाथों की मुट्ठी बना लें और अंगूठों को मुट्ठी के अन्दर रखें।
- अब अपनी हाथ की मुठ्ठी बनाकर नाभि के बीच में रखें।
- एक गहरी सांस भरें।
- सांस छोड़ते हुए आगे झुक जाएं और छाती को जांघों पर टिकाएं
- नाभि पर अधिक प्रेशर लगाएं।
- इसी मुद्रा में 2-3 मिनट रहें और साँस लेते रहें।
- अब इस मुद्रा से निकलें और लंबी सांस लें तथा वज्रासन में आ जाएं।
- अब 4-6 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
योगाभ्यास शुरू करते समय रखें इन बातों का ध्यान (Yoga Precautions in Hindi)
- ढीले और आरामदायक वस्त्र पहने।
- शुरुआत में हर आसन थोड़े सने के लिए करें और जब आप उसमे कुशल होने लगें, तब समय बढ़ाएं।
- हमेशा धीरे-धीरे आसन करें।
- यदि आपको कोई रोग या शरीर में कोई पीढ़ा है तो हर आसन को पहले परख लें की वह आपके लिए ठीक है या नहीं।
- योगासनों का अभ्यास हमेशा खाली पेट ही करना ठीक होता है।
- योग करने से पहले आप थोड़ा पानी पी सकते हैं।
योग विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग न केवल आपके शरीर के लिए बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए भी सबसे अच्छा तरीका है। हालाँकि, ट्रेनिंग के दौरान अक्सर कई गलतियाँ हो जाती हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं चलता। ये गलतियाँ आपको समय के साथ नुकसान पहुँचा सकती हैं। योगासन का अभ्यास करते समय नियमों का पालन करें और स्वस्थ जीवन जिएं।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।