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Mauni Amavasya Daan or Upay 2024: इस मौनी अमावस्या पर कीजिये इन वस्तुओं का दान! खास उपायों से होंगी सारी मुसीबतें दूर, देखिये विशेष दान और उपाय

मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भक्त मौन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन भक्त गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सरस्वती और नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान, ध्यान और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को सौ यज्ञों के बराबर फल मिलता है। नए साल में मौनी अमावस्या का पावन पर्व 9 फरवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन क्या विशेष दान और उपाय किये जा सकते हैं, ये आप इस लेख में जानेंगे।

मौनी अमावस्या पर दान का महत्त्व (Mauni Amavasya Daan ka Mahatva)

सनातन धर्म में दान करना बहुत पुण्य का कार्य माना जाता है। इसी प्रकार मौनी अमावस्या पर भी दान करने की प्रथा प्राचीन समय से ही चली आ रही है। मान्यता है यदि धन का दान किया जाए तो उसमें वृद्धि होती है और हमारे जीवन में चल रही विभिन्न बाधाओं से सम्बंधित अलग-अलग वस्तुओं के दान की प्रथा है। मौनी अमावस्या पर भी इसी प्रकार कुछ विशेष वस्तुओं का दान शुभ माना जाता है जो की जीवन में सुख-समृद्धि देता है।

इन वस्तुओं का दान होता है बेहद शुभ (Mauni Amavasya Daan 2024)

Mauni Amavasya Daan

मौनी अमावस्या पर करें ये विशेष उपाय (Mauni Amavasya Upay 2024)

इस तिथि को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या भी कहा जाता है। इसे योग आधारित उपवास इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे करने वाले व्यक्ति को दिन में मौन व्रत रखना पड़ता है। पवित्र ग्रंथों में भी लिखा है कि होठों से भगवान का नाम लेने से जो फल प्राप्त होता है, वह हरि का नाम लेते समय हृदय की माला घुमाने से प्राप्त होने वाले फल से कई गुना अधिक होता है। इस दिन साधु की तरह मौन रहना अच्छा होता है। यदि मौन रहना संभव न हो  तो अपने मुँह से कठोर शब्द न निकलने दें। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने का विधान है।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

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