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Pausha Purnima Upay: पौष माह की पूर्णिमा पर कीजिये ये 21 महाउपाय जो देंगे चमत्कारी लाभ! जानिए नियम

हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है। चूँकि यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पौष के माह में आती है इसलिए इसे पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने से शुभ फल मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा के साथ-साथ विशेष पूजा भी की जा सकती है। इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा सुनना, स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। इन उपायों को अपनाने से व्यक्ति को सुख, शांति, सफलता, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज के लेख में हम आपको पौष पूर्णिमा पर किये जाने वाले पूरे 21 उपाय बताने वाले हैं जिनमे से कुछ उपायों को आप अपनी ज़रूरत और क्षमता के अनुसार कर सकते हैं।

कब रखा जायेगा व्रत? (Pausha Purnima Vrat 2024)

पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी को रात 9:52 शुरू होगी और 25 जनवरी को रात 11:26 पर समाप्त होगी। पौष पूर्णिमा  के व्रत में चंद्रोदय का समय महत्वपूर्ण होता है। इसके अनुसार पौष पूर्णिमा इस वर्ष 25 जनवरी को होगी।

25 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय के समय पूजा कर सकते हैं क्योंकि पौष पूर्णिमा पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। पूजा का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त 12:12 से 12:55 तक है।

पौष पूर्णिमा पर करें ये उपाय (Pausha Purnima Upay)

इस दिन आप कई उपाय कर सकते हैं जो आपकी ज़रूरत के हिसाब से धन लाभ के लिए, चन्द्रमा की स्थिति मज़बूत करने के लिए, जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए, जल्दी विवाह के लिए, विवाहित जीवन में सुख-शांति के लिए तथा पुण्य की प्राप्ति के लिए आप अलग-अलग उपाय कर सकते हैं जो निम्नलिखित हैं:- 

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए 

  1. मां लक्ष्मी की असीम कृपा पाने के लिए पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को 11 कौड़ियां चढ़ाएं और हल्दी का तिलक लगाएं। फिर उन्हें लाल या पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी या अलमारी में रख दें। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
  2. पौष पूर्णिमा पर भी देवी लक्ष्मी पीपल के वृक्ष पर निवास करती हैं। सुबह उठकर पीपल के पेड़ के समक्ष कुछ मिठाई और जल अर्पित करें।
  3. पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः चन्द्रमसे नमः” या “ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः” मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। इससे आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  4. पौष पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर मां लक्ष्मी को धूप-अगरबत्ती अर्पित करनी चाहिए। धन, भाग्य, समृद्धि और प्रचुरता की देवी माता लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वे आपके घर में स्थायी रूप से निवास करें।
  5.  आर्थिक लाभ के लिए पौष पूर्णिमा की रात चंद्रोदय के समय अपने घर के मंदिर में श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल और दक्षिणावर्ती शंख रखें। इन्हें अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए।

चन्द्रमा मज़बूत करने के लिए

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  1. पौष पूर्णिमा की रात को चंद्र देव की पूजा करें। रात्रि के समय जल में दूध, सफेद फूल और अक्षत डालें। चंद्र बीज मंत्र “ॐ सों सोमाय नमः” का जाप करें।
  2. पौष पूर्णिमा के दिन चावल का दान करना शुभ होता है। चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और पूर्णिमा के दिन चावल का दान आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करता है।
  3. पौष पूर्णिमा के दिन जो लोग उस दिन चंद्रमा की महादशा के प्रभाव में हैं या चंद्रमा के कर्क राशि में होने तथा जो लोग मानसिक रूप से अधिक परेशान हैं, पूर्णिमा के दिन उन्हें 9 रत्ती पारे तथा एक चांदी की अंगूठी धारण करनी चाहिए। उनके दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली में अभिषेक और पवित्रीकरण के बाद उसे धारण करें।

सफलता के लिए

  1. सोना गुरु पुष्य योग में और चांदी पौष पूर्णिमा पर खरीदना चाहिए। चाँदी चंद्रमा की पसंदीदा धातु है।
  2. सोना खरीदने से आपकी सुख-समृद्धि बढ़ती है। सोने को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। सोना आपके धन में भी वृद्धि करता है क्योंकि यह सोना बृहस्पति देव को भी प्रिय होता है।
  3. अगर आप सोना नहीं खरीद सकते तो गुरु पुष्य योग में हल्दी खरीदें। हल्दी आपकी खुशियों और सौभाग्य में वृद्धि करती है और आपके काम को सफल बनाती है। 10 रुपए की हल्दी आपके जीवन में काफी सकारात्मक परिवर्तन कर सकती है।

विवाह और दांपत्य जीवन में सुख के लिए

  1. पौष पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी की पूजा के अलावा श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा से कुंडली में धन योग बनता है।
  2. पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ ही चावल की खीर का भोग लगाएं। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। इससे घर में सुख-शांति आएगी।
  3. अगर किसी कारण से विवाह में बाधा आ रही हो तो पौष पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी को हरसिंगार के फूल चढ़ाएं। इस उपाय से विवाह जल्दी हो जाएगा।
  4. यदि पति-पत्नी के बीच विवाद रहता हो तो पौष पूर्णिमा की सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होंगी और भगवान विष्णु की कृपा भी आपको प्राप्त होगी।
  5. गुरु पुष्य योग में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी नियमित पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी के पत्ते, अंगूर आदि का भोग लगता है। देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा से आपका जीवन धन, सुख, खुशहाली और समृद्धि से भरपूर रहेगा।
  6. पौष पूर्णिमा पर पति-पत्नी को चंद्रमा को दूध का अर्घ्य देना चाहिए। यह आपके वैवाहिक जीवन को मधुर बनाए रखेगा।

पुण्य प्राप्ति के लिए 

  1. पौष पूर्णिमा के दिन व्रती को सुबह नदी आदि में स्नान करके पितरों का तर्पण करना चाहिए और  देवताओं का पूजन करना चाहिए।
  2. सफेद चंदन, चावल, सफेद फूल, धूप दीप, सफेद वस्त्र आदि से चंद्रमा की पूजा करें। पौष पूर्णिमा के दुर्लभ पर्व पर पवित्र नदी या किसी तीर्थ स्थल पर स्नान करने से शुभ लाभ प्राप्त होता है।
  3. धार्मिक ग्रंथों में पौष माह की पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। जो लोग माघ महीने के दौरान स्नान व्रत का पालन करते हैं, वे पौष पूर्णिमा पर स्नान शुरू करते हैं और माघ पूर्णिमा पर इसे समाप्त करते हैं। इस दिन स्नान करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है ताकि मधुसूदन की कृपा से भक्त को मृत्यु के बाद स्वर्ग में जगह मिल सके। 
  4. संगम के पवित्र जल में जीवनदायी शक्तियां हैं। पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति, चंद्रमा आदि ग्रहों से होती है और स्नान से सभी पापों का नाश होता है। इसमें स्नान करने वालों को स्वस्थ शरीर सहित शुभ लाभ मिलते हैं।

25 जनवरी, गुरुवार को पौष पूर्णिमा है। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने पर गुरु पुष्य योग बन रहा है। यह योग आपके जीवन में सफलता और खुशियां लाता है और इस योग में खरीदारी, व्यापार आदि करना शुभ होता है। पौष पूर्णिमा पर, कर्क राशि में चंद्रमा और मकर राशि में सूर्य जीवन देने वाली पवित्र और सकारात्मक किरणें छोड़ते हैं और पानी की जीवन देने वाली ऊर्जा का निर्माण करते हैं। गुरु पुष्य योग के अनुसार इस दिन स्नान और दान का अलग-अलग महत्त्व होता है और इस दिन राशि रत्न और शुभ वस्तुएं खरीदना और प्रयोग करना बहुत लाभकारी रहेगा।

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