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Pausha Purnima 2024 Kab Hai: इस विधि से करें पौष पूर्णिमा पर व्रत! जानिए पूजा का समय, पूजा सामग्री और व्रत विधि

पौष पूर्णिमा हर वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होती है। इस दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण, देवी लक्ष्मी, सूर्य देव और चंद्र देव की पूजा करते हैं। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण आकार में दिखाई देता है। पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उनकी कृपा से जीवन मंगलमय हो जाता है, सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। पौष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने की भी परंपरा है। इस वर्ष पौष पूर्णिमा 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस लेख में आप पौष पूर्णिमा की तिथि एवं समय, शुभ योग और चन्द्रमा को अर्घ्य देने के समय तथा पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

कब है पौष पूर्णिमा व्रत 2024 (Pausha Purnima Kab Hai 2024)

पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी को रात 9:52 बजे शुरू होगी और 25 जनवरी को रात 11:26 बजे समाप्त होगी। पौष पूर्णिमा व्रत और उदयातिथि के लिए स्नान और दान देने के लिए चंद्रोदय का समय महत्वपूर्ण होता है। तदनुसार, पौष पूर्णिमा इस वर्ष 25 जनवरी को होगी। 

जो लोग 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर व्रत रखते हैं, वे सूर्योदय से पूजा कर सकते हैं, क्योंकि पौष पूर्णिमा पर पूरे दिन  सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है। पूजा का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक है।

शुभ योग एवं चन्द्र को अर्घ्य देने का समय (Pausha Purnima Arghya Timing 2024) 

पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम को 05 बजकर 29 मिनट से होगा। जिन लोगों को चंद्रमा को अर्घ्य देना है, वे प्रदोष काल में 05:54 PM के बाद चन्द्र को अर्घ्य सकते हैं।

25 जनवरी को पौष पूर्णिमा वाले दिन गुरु पुष्य समेत 5 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जो निम्नलिखित हैं:- 

पौष पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?

वैदिक मान्यता के अनुसार, पौष को सूर्य देव का महीना कहा जाता है और इस महीने में सूर्य देव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। क्योंकि पौष मास सूर्य देव का महीना है और पूर्णिमा चन्द्र देव को समर्पित तिथि है। तो सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भुत संयोग पौष पूर्णिमा के दिन होता है। इस दिन यदि आप सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा करेंगे तो आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। ऐसा कहा जाता है कि पौष माह में पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ धार्मिक अनुष्ठान का समापन होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा का विधान भी है। पौष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

पौष पूर्णिमा पूजा सामग्री (Pausha Purnima Puja Samagri List 2024)

Pausha Purnima Puja Samagri List 2024

इस दिन आप निम्नलिखित आवश्यक वस्तुओं के साथ पूजा करें।

पौष पूर्णिमा पूजा विधि (Pausha Purnima Puja Vidhi 2024)

पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव पूर्ण रूप में होते हैं। इस दिन पूजा, जप, तप, स्नान, सूर्य अर्घ्य और दान से न केवल चंद्रदेव बल्कि भगवान श्रीहरि की भी कृपा बरसती है। पूर्णिमा और अमावस्या पर पूजा और तर्पण से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं। सनातन शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि पर पूर्णिमा व्रत और सत्यनारायण पूजा का विधान बताया गया है। इस दिन, श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त करने में मदद करने के लिए तिल चढ़ाते हैं। इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाना बहुत शुभ माना जाता है।

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डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

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