Sawan Mein Pradosh Vrat Kab Hai: हर महीने दो त्रयोदशी आती हैं जिस पर प्रदोष व्रत किए जाते हैं। इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो चुका है। सावन 2024 में भी दो प्रदोष व्रत किए जायेंगे। इनमें से पहला प्रदोष व्रत गुरूवार के दिन और दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ेगा।
शास्त्रों के मुताबिक अन्य महीनों में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की अपेक्षा सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का फल ज़्यादा मिलता है। आज हम आपको सावन महीने में पड़ने वाले पहले प्रदोष व्रत की तिथि, महत्व, पूजा विधि, और उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं।
सावन का प्रदोष व्रत कब है (Sawan Ka Pradosh Vrat Kab Hai)
सावन महीने का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त, गुरुवार को किया जायेगा।
सावन प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Sawan Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
सावन 2024 का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त की दोपहर 03:28 मिनट से शुरू होकर 2 अगस्त की दोपहर 03:26 पर खत्म होगा। अगर आपने प्रदोष व्रत किया है तो आप 1 अगस्त को शाम 7:12 मिनट से रात 9:18 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
सावन प्रदोष व्रत का महत्व (Sawan Pradosh Vrat Ka Mahatva)
भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन का महीना सर्वोत्तम माना जाता है। श्रावण मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ सावन महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करता है उसको रोग, दोष, और सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। जो मनुष्य सावन में प्रदोष व्रत करके भगवान शिव की उपासना करता है उसे व्रत का दोगुना फल मिलता है।
इस महीने प्रदोष व्रत करने से शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। कुंडली से चंद्र दोष को दूर करने के लिए भी प्रदोष व्रत को उत्तम माना जाता है। सावन प्रदोष के दिन चंद्रमा की पूजा करना बहुत लाभकारी माना जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने से कुंडली में मौजूद चंद्रमा की स्थिति मज़बूत होती है।
सावन प्रदोष व्रत पूजा विधि (Sawan Pradosh Vrat Puja Vidhi)
- सावन प्रदोष व्रत के दिन प्रातःकाल ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
- अगर आपके घर के आसपास कोई मंदिर नहीं है, तो अपने घर पर ही शिवजी के मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान शिव के ऊपर 108 बेलपत्र अर्पित करें।
- अंत में भोलेनाथ की आरती करने के बाद भगवान को प्रसाद चढ़ाएं।
- अगर आप सावन प्रदोष के दिन निर्जला उपवास करते हैं तो इससे आपको दोगुने लाभ प्राप्त हो सकता है।
- संध्याकाल में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने के बाद फलहार करके अपना व्रत खोलें।
सावन प्रदोष के दिन रखें इस बातों का ध्यान
- सावन प्रदोष व्रत के दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर ही शिवजी की पूजा करें।
- सावन प्रदोष व्रत के दिन केवल हरी मूंग और फलों का सेवन करें।
- इस दिन भूलकर भी नमक, लाल मिर्च, और अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सावन प्रदोष के दिन हमेशा उत्तर-पूर्व की दिशा की ओर मुख करके भोलेनाथ की पूजा करें।
सावन प्रदोष व्रत के फायदे (Sawan Pradosh Vrat Ke Fayde)
- अपने घर में सुख और शांति लाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन अपने पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सावन प्रदोष व्रत का विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए इस दिन भोलेनाथ पर 108 बेलपत्र अर्पित करें।
- सावन प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना करने से लम्बी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- अगर कोई मनुष्य सावन प्रदोष व्रत करता है तो उसे सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है और वो हमेशा स्वस्थ रहता है।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य प्रदोष काल में पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भोलेनाथ की उपासना करता है उसे धन-धान्य, स्त्री-पुत्र, और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- सावन प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति मिलती है।
सावन प्रदोष व्रत के उपाय (Sawan Pradosh Vrat Ke Upay)
- अगर आप अपने जीवन से धन की कमी को दूर करना चाहते हैं तो सावन प्रदोष व्रत के दिन एक बिल्व पत्र पर सफेद चंदन से राम लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस दिन भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो सावन प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को धतूरे का फूल चढ़ाएं।
- जीवन के सभी कष्ट दूर करने के लिए सावन प्रदोष व्रत के दिन एक लोटे में जल ले लें। अब इस जल में काले तिल और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
- सावन प्रदोष के दिन भोलेनाथ के समक्ष बैठकर शिव चालीसा का पाठ करने से माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति को मज़बूत करने और मानसिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए सावन प्रदोष व्रत के दिन सफेद चीज जैसे दूध, दही, और चीनी का दान करें।
शास्त्रों में सावन के महीने को भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। जो मनुष्य सावन महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा और आस्थ के साथ करता है तो उसके जीवन में खुशियों का आगमन होता है। सावन प्रदोष व्रत करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।
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