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Vaibhav Laxmi Aarti Lyrics: मनोकामना पूर्ति के लिए शुक्रवार के दिन करिए माँ वैभव लक्ष्मी की आरती

माँ वैभव लक्ष्मी की आरती

Vaibhav Laxmi Aarti Lyrics in Hindi: शास्त्रों में शुक्रवार के दिन को माँ वैभव लक्ष्मी को समर्पित किया गया है। माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा और आरती विशेष रूप से शुक्रवार के दिन की जाती है। जो मनुष्य शुक्रवार के दिन पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा और आरती करता है, उसके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

महिलाएं अपनी मनोकामना पूर्ति और घर में सुख-संपन्‍नता की कामना के लिए शुक्रवार के दिन पूरे विधि-विधान के साथ माँ वैभव लक्ष्‍मी का व्रत और आरती करती हैं। मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी जी की पूजा और आरती करता है, उसके जीवन से सभी कष्ट दूर होने साथ उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। आज हम आपको माँ वैभव लक्ष्मी की आरती के लिरिक्स, महत्व, और पाठ विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

माँ वैभव लक्ष्मी की आरती का महत्व (Vaibhav Laxmi Aarti Ka Mahatva)

शास्त्रों में शुक्रवार के दिन माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा और आरती को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। माँ वैभव लक्ष्मी को लक्ष्मी जी का ही एक स्वरूप माना जाता हैं। माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा और आरती करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा और आरती करने से मनुष्य को कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति शुक्रवार के दिन माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा और आरती करता है, तो उसका रुका हुआ धन भी वापस आ जाता है। माँ वैभव लक्ष्मी का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा के बाद माँ की आरती और मंत्रों का जाप ज़रूर करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि, शांति, सौभाग्य, वैभव, पराक्रम, और सफलता का वास होगा।

माँ वैभव लक्ष्मी आरती लिरिक्स (Vaibhav Laxmi Aarti Lyrics in Hindi)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

 

माँ वैभव लक्ष्मी आरती पाठ विधि (Maa Vaibhav Laxmi Aarti Path Vidhi)

माँ वैभव लक्ष्मी की आरती के फायदे (Maa Vaibhav Laxmi Ki Aarti Ke fayde)

शास्त्रों के मुताबिक अगर आप किसी ख़ास मनोकामना को पूर्ण करना चाहते हैं तो आपके लिए माँ वैभव लक्ष्मी का व्रत और आरती लाभकारी साबित हो सकते हैं। माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा व्रत और आरती करने से माँ वैभव लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है और आपके जीवन के सभी संकटों को दूर करके आपके सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। 

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