Parvati ji ki Aarti Lyrics: माँ पार्वती को उर्वरता, प्रेम, और सौंदर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा माता पार्वती को शक्ति का स्वरुप भी माना जाता है। पार्वती पहले सती के रूप में भगवान शिव की पत्नी बनीं और उन्होंने अपने पति शिव के सम्मान के लिए अपने पिता महाराज दक्ष के यहाँ हवन कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। इसके पश्चात माता पार्वती ने हिमालय के घर में उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया और कठिन तपस्या करके दोबारा शिव को पति के रूप में हासिल किया।
जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ माता पार्वती की पूजा करता है उसके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आज हम आपको माता पार्वती की आरती के लिरिक्स, महत्व, और लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
माता पार्वती की आरती का महत्व (Mata Parvati Ki Aarti Ka Mahatva)
हिन्दू धर्म में माता पार्वती की पूजा और आरती को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। विशेष रूप से सोमवार और शुक्रवार के दिन माता पार्वती की पूजा और आरती बहुत फलदायी होती है। भगवान शिव की पूजा भी तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक उनके साथ माता पार्वती की पूजा ना की जाए। माता पार्वती की पूजा और आरती करने से जीवन में प्रेम की कमी दूर हो जाती है और सभी कष्टों का अंत हो जाता है।
माता पार्वती आरती पाठ विधि (Maa Parvati Aarti Path Vidhi)
- माता पार्वती की आरती करने के लिए सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- अब अपने घर के पूजा घर या किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें।
- सर्वप्रथम भगवान शिव और पार्वती का का अभिषेक करने के बाद उन्हें श्वेत और लाल पुष्प, वस्त्र, अक्षत, आदि अर्पित करें।
- अब देसी घी का दीपक प्रज्वलित करके भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
पार्वती जी की आरती लिरिक्स (Parvati Ji Ki Aarti Lyrics)
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
जय पार्वती माता… ॥
अरिकुल कंटक नासनि,
निज सेवक त्राता,
जगजननी जगदम्बा,
हरिहर गुण गाता ।
जय पार्वती माता… ॥
सिंह को वहान साजे,
कुंडल है साथा,
देव वधू जस गावत,
नृत्य करत ता था ।
जय पार्वती माता… ॥
सतयुग रूप शील अतिसुंदर,
नाम सती कहलाता,
हेमाचंल घर जन्मी,
सखियाँ संगराता ।
जय पार्वती माता… ॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे,
हेमाचंल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके,
चक्र लियो हाथा ।
जय पार्वती माता… ॥
सृष्टि रूप तुही है जननी,
शिव संग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही,
सारा जग मदमाता ।
जय पार्वती माता… ॥
देवन अरज करत हम,
चरण ध्यान लाता,
तेरी कृपा रहे तो,
मन नहीं भरमाता ।
जय पार्वती माता… ॥
मैया जी की आरती,
भक्ति भाव से जो नर गाता,
नित्य सुखी रह करके,
सुख संपत्ति पाता ।
जय पार्वती माता… ॥
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता,
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
जय पार्वती माता… ॥
पार्वती माता की आरती के फायदे (Mata Parvati Ki Aarti Ke Fayde)
- अगर किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही है तो उसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ नियमित रूप से माता पार्वती की आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में खुशियां आती हैं।
- रोज़ाना माता पार्वती की पूजा और आरती करने से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
- अगर आपके विवाह में बाधा आ रही है तो नियमित रूप से माता पार्वती की आरती करें। ऐसा करने से आपके विवाह में आ रही रुकावट दूर हो जाएँगी।
- प्रतिदिन सुबह शाम माता पार्वती की आरती करने से लम्बी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- जो मनुष्य रोज़ाना माँ पार्वती की पूजा और आरती करता है उसके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
- नियमित रूप से माता पार्वती की आरती करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
माता पार्वती की पूजा और आरती विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए की जाती है। अगर किसी शादीशुदा जोड़े के बीच कलह, गलतफहमियां या अन्य प्रकार की वैवाहिक समस्याएं हैं तो उनके लिए माता पार्वती की पूजा और आरती विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकती है। माता पार्वती की पूजा और आरती करने से संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर कोई कुंवारी कन्या माता पार्वती की पूजा और आरती करती है तो उसे आदर्श जीवनसाथी मिलता है।
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