Sarvang Aasan Benefits in Hindi: भारत की प्राचीन विद्याओं में योग और ध्यान को विशेष स्थान दिया गया है। योग स्वस्थ जीवन जीने की एक कला और विज्ञान है, जिसकी उत्पत्ति भारत में ही हुई थी। योग का उल्लेख ऋग्वेद और उपनिषदों में भी मिलता है।
योग शारीरिक मुद्रा, व्यायाम, ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है। अधिकांश बीमारियों के जोखिम को कम करने के साथ शरीर की ऊर्जा में वृद्धि करने, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने, और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में योग विशेष भूमिका निभाता है।
कुछ योगासनों के अभ्यास से सेहत चुस्त-दुरुस्त रहती है। सर्वांगासन ऐसा ही एक योगाभ्यास है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, सर्वांगासन उन आसनों में से एक है, जिससे पूरे शरीर का अभ्यास हो जाता है। आज के लेख में हम सर्वांगासन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। यहाँ आप जानेंगे सर्वांगासन के फायदे, सर्वांगासन करने की विधि, और सावधानियां।
सर्वांगासन क्या है (Sarvang Aasan Kya Hai)
सर्वांगासन योग को शोल्डर स्टैंड (Shoulder Stand) भी कहा जाता है। सर्वांगासन एक ऐसी योग मुद्रा है, जिसमें पूरे शरीर को कंधों पर संतुलित किया जाता है। सर्वांगासन पूरे शरीर का व्यायाम है, इसलिए इसे सर्व + अंग + आसान = सर्वांगासन कहा जाता है। यह आसान कई मांसपेशियों के समूह पर काम करता है।
हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सर्वांगासन योगाभ्यास को लाभदायक माना जाता है। सर्वांगासन योग को विशेषज्ञ ‘सर्वोत्तम योगासन’ भी मानते हैं।
सर्वांगासन करने का तरीका (Sarvang Aasan Steps in Hindi)
योग विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि किसी भी आसान से सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करना हो, तो उसका सही तरीके से अभ्यास करना आवश्यक होता है।
सर्वांगासन योग का अभ्यास थोड़ा कठिन है। आइये हम जानते हैं सर्वांगासन करने की विधि:
- सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- पैर एक साथ और हाथ शरीर के बगल में आराम से रखें। मन को शांत रखें, शरीर को आराम दें और पूरी साँस लें।
- अब अपने पैरों, कूल्हे, और फिर कमर को उठाएँ। सारा भार अपने कन्धों पर ले लीजिए।
- अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें। अब पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर की ओर ले जाएं।
- हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें। शरीर का पूरा वज़न आपके कन्धों व हाथों के ऊपरी हिस्से पर होना चाहिए, ना कि आपके सिर और गर्दन पर।
- अपने दोनों पैरों को एकदम सीधा व मज़बूत रखें। अपने दोनों पैरों की एड़ी को ऊँचा रखें।
- अपने पैरों की उँगलियों को नाक की सीध में लें आयें। अपनी गर्दन को मज़बूत रखें और उसकी मासपेशियों को सिकोड़ लें।
- अपनी छाती को ठोड़ी से लगा लें। यदि आपकी गर्दन में तनाव महसूस होने लगे तो आसन से बाहर आ जाएँ।
- लंबी गहरी साँसे लेते रहें और 30-60 सेकण्ड्स तक आसन में ही रहें।
- आसन पूरा करने के लिए अपने घुटनों को धीरे से माथे के पास लेकर आयें। हाथों को ज़मीन पर रखें।
- बिना सर को उठाये धीरे-धीरे कमर को नीचे लें कर आयें। पैरों को ज़मीन पर लें आयें। कम से कम 60 सेकण्ड्स के लिए विश्राम करें।
सर्वांगासन के फायदे (Sarvang Aasan Benefits in Hindi)
यह योगासन शरीर के सभी अंगों पर अपना सकारात्मक प्रभाव डालता है। सर्वांगासन से मिलने वाले प्रमुख लाभों में निम्न शामिल हैं:
- कमर दर्द से राहत दिलाए सर्वांगासन – नियमित रूप से सर्वांगासन अभ्यास करने से कमर के दर्द से राहत पाई जा सकती है। लेकिन कमर में ज्यादा तकलीफ़ हो, तो आपको यह योगासन करने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
- सर्वांगासन बनाए रीढ़ की हड्डी को मजबूत – सर्वांगासन करने से रीढ़ की हड्डियों के आसपास मौजूद मांसपेशियां मजबूत होती है। जब मांसपेशियां मजबूत हो जाती है, तो रीढ़ की हड्डी को इससे सहारा मिलता है।
- करे तनाव को दूर – नियमित रूप से सर्वांगासन अभ्यास करने से अवसाद, चिंता, और मानसिक तनाव कम होता है। यह शरीर की सुस्ती से राहत दिलाकर पूरे शरीर को फिर से ऊर्जा प्रदान करता है, और एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है।
- झड़ते बालों से पाएं मुक्ति – सर्वांगासन से रक्त मस्तिष्क में पहुँचता है, जिससे मस्तिष्क को भरपूर पोषण मिलता है। रक्तप्रवाह से खोपड़ी हाइड्रेट रहती है, जिससे बालों को झड़ने से रोका जा सकता है।
- डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मददगार – रोज यह योगासन करने से रक्त शर्करा को सामान्य स्तर पर बनाए रखने में मदद मिल सकती है, जिससे डायबिटीज संतुलित की जा सकती है।
- पैरों में रक्त संचारण की गति बढ़ाए – पैरों में रक्त संचारण की गति को बढ़ाने के लिए यह आसन उपयोगी है । इसको करने से पैरों में सूजन व अन्य कई समस्याएं नहीं होती हैं।
- थायराइड की समस्या को करे दूर – सर्वांगासन थायराइड और हाइपोथेलेमस ग्रंथियों को संतुलित करता है, ताकि शरीर में उचित हार्मोन उत्पादन हो सके।
- पाचन तंत्र को सुधारे – सर्वांगासन से पाचन तंत्र पर सकारात्मक असर होता है, जिससे कब्ज़ में राहत मिलती है।
सर्वांगासन करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान (Sarvang Aasan Precautions in Hindi)
- जिन लोगों को सिरदर्द या माइग्रेन हो, उन्हें शोल्डर स्टैंड योग से बचना चाहिए।
- जिनको स्लिप्ड डिस्क या गर्दन में दर्द की समस्या हो, उन्हें सर्वांगासन से बचना चाहिए।
- गर्भवती और मासिक धर्म वाली महिलाओं को सर्वांगासन नहीं करना चाहिए।
- यह मुद्रा कंधे के बल पर होती है, इसलिए पेट और रीढ़ की सर्जरी करवाने वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप या ह्रदय रोग से पीड़ित लोगों को सर्वांगासन नहीं करना चाहिए। यह आसन करने से सिर की ओर ब्लड फ्लो बढ़ सकता है, जो ऐसे रोगों के लिए सही नहीं है।
- यह आसन इंटेंस थायरॉयड समस्याओं, रेटिना की समस्याओं, मोतियाबिंद, आँखों की कमजोर कोशिकाएं, व निकट दृष्टि दोष वाले मरीजों को और कंधे की चोट से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए।
सर्वांगासन योग मुद्रा के लिए अंतर्विरोध (Sarvang Aasan Contraindications in Hindi)
- अधिकतम 2 मिनट का अभ्यास करें।
- इसे न तो दोहराएं और न ही निर्दिष्ट समय सीमा से अधिक अभ्यास करें, क्योंकि यह कुछ मामलों में हानिकारक साबित हो सकता है।
- शुरुआती अभ्यास के दौरान किसी व्यक्ति या तकिये की सहायता लेनी चाहिए। जब तक पूर्ण संतुलन हासिल न हो, तब तक व्यक्ति सहायता ले सकता है, जिसके सहारे वह पीछे की ओर झुक सके।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।