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Dhanurasana Yoga: अनेकों समस्याओं का रामबाण इलाज है ये आसन, अलग-अलग तरह से करने पर देता है चमत्कारी लाभ!

आजकल की रहन-सहन और बदलती जीवनशैली के कारण मनुष्य का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है, इसलिए हर व्यक्ति को बीमारियों से बचने के लिए अपनी दिनचर्या  में योग और व्यायाम को शामिल करना चाहिए। हठ योग में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए धनुरासन सहित कई सरल योग आसनों का वर्णन मिलता है।

आज के लेख में हम धनुरासन पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। इस लेख में आप जानेंगे की धनुरासन कितने प्रकार के होते हैं, इसकी विधि क्या है, साथ ही लाभ एवं सावधानियां क्या हैं, ये सब जानकारी लेख में उपलब्ध है।

धनुरासन क्या है (Dhanurasana Kya Hai)

धनुरासन को अलग करें तो धनुः + आसन होगा जिसमे धनु का अर्थ है धनुष। इस मुद्रा को धनुरासन कहा जाता है क्योंकि इस मुद्रा में शरीर का आकार साधारणतः धनुष जैसा होता है। यह हठ योग में भी शामिल है। धनुरासन योग मुद्रा शरीर की सभी मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद है। धनुरासन के नियमित अभ्यास से थायराइड की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है। इस आसन को करने से पेट पर दबाव बनता है और पाचन तंत्र बेहतर होता है। इसके अलावा धनुरासन को अलग-अलग तरीके से करने के कई फायदे हैं।

धनुरासन के प्रकार (Dhanurasana Types in Hindi)

धनुरासन के दो मुख्य प्रकार हैं, पहला पूर्ण धनुरासन और दूसरा अर्ध धनुरासन। पूर्ण धनुरासन को करना हर किसी के लिए आसान नहीं है, लेकिन नियमित अभ्यास से इसे किया जा सकता है। अर्ध धनुरासन किसी के लिए भी करना आसान है।

इनके अतिरिक्त, शोध करने पर पता चलता है की धनुरासन को अलग-अलग तरह से किया जा सकता है। यह विशेष मुद्राएं विशेष लाभ पहुंचाती हैं। धनुरासन मुख्यतः 5 प्रकार से किया जा सकता है।

दण्डयामान धनुरासन – यह शरीर के संतुलन में सुधार करता है और कोर को मजबूत करता है। इसके अलावा, लचीलेपन और परिसंचरण में सुधार होता है और पेट की चर्बी कम होती है।

द्विपद धनुरासन – यह न केवल बाहों, नितंबों, पेट और पैरों को मजबूत बनाता है, बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। यदि आप रोजाना इस आसन का अभ्यास करते हैं तो आपका पूरा शरीर बेहतर आकार में आएगा।

पादंगुष्ठा धनुरासन– यह आसन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और तनाव से राहत दिलाने में मदद करता है। इससे पेट की परेशानी दूर होती है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।

उर्ध्व धनुरासन – जो लोग पीठ और जांघ की चर्बी कम करना चाहते हैं उनके लिए उर्ध्व धनुरासन सबसे अच्छा आसन है। इससे कूल्हे और ग्लूटल मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे फेफड़े खुल जाते हैं, जिससे यह आसन अस्थमा के रोगियों के लिए अधिक उपयुक्त हो जाता है।

एक पाद उर्ध्व धनुरासन – रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है। इससे पेट में जमा चर्बी कम हो जाती है और सांस लेने में सुधार होता है। इस आसन के ज़रिये ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचा जा सकता है।

ऐसे करें धनुरासन (Dhanurasana Step in Hindi)

धनुरासन करने के लिए सबसे पहले अपनी योगा मैट पर उल्टा लेटकर शुरुआत करें।

Dhanurasana steps in hindi

धनुरासन के लाभ (Dhanurasana ke Fayde)

धनुरासन करते समय रखें इन बातों का ध्यान (Dhanurasana Precautions in Hindi)

धनुरासन का अभ्यास करने से पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार होने के साथ-साथ पाचन संबंधी विकार, अपच और पेट संबंधी विकार भी ठीक हो जाते हैं। पेट की चर्बी कम करने के लिए भी यह आसन बहुत अच्छा है। यहां तक ​​कि जिन लोगों को बहुत अधिक भूख लगती है या बिल्कुल भी भूख नहीं लगती, उन्हें भी इस आसन के अभ्यास से लाभ होता है। महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता दूर हो जाती है। इससे रीढ़ की हड्डियों को मजबूती मिल सकती है। अगर सही तरीके से किया जाए तो यह आसन बहुत फायदेमंद होता है।

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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।

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