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Types and Benefits of Pranayama: यह 5 प्राणायाम हैं अत्यंत लाभदायक

types of Pranayama

Benefits of Pranayama: भारतीय संस्कृति में योग का महत्वपूर्ण स्थान है। आज इसे पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त है क्योंकि यह शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। योग व्यक्ति को आध्यात्म से जोड़ता है और इसके निरंतर और नियमित अभ्यास से कई प्रकार के रोगों से रक्षा होती है। यह कई बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी सहायता कर सकता है।

योग में प्राणायाम का बहुत महत्त्व है। प्राणायाम ही व्यक्ति के मन को शांत, स्थिर, और एकाग्र करता है।  स्वामी विवेकानंद का कहना है की,

“प्राणायाम में सिद्ध होने पर हमारे लिए मानो अनंत शक्ति का द्वार खुल जाता है।”

इस लेख में हम जानेंगे प्राणायाम का योग में महत्व तथा प्राणायाम के लाभ। साथ ही जानिए कौनसे हैं सबसे महत्त्वपूर्ण प्राणायाम।

प्राणायाम का महत्त्व (Benefits of Pranayama in Hindi)

प्राणायाम योग का चौथा तथा सबसे महत्त्वपूर्ण चरण है। प्राणायाम से हम श्वास को नियंत्रित करना तथा मन-मस्तिष्क को शांत करना सीखते हैं। यह रोगों से रक्षा करता है और साथ ही रक्त की शुद्धि में भी सहायक है। योग के आगे के चरण, प्राणायाम में कुशल हुए बिना नहीं सीखे जा सकते।

प्राणायाम में हम श्वास पर नियंत्रण करने का अभ्यास करते हैं जो हमें योग के बाकि चरणों में स्थिर होने में भी सहायता करता है।

प्राणायाम के प्रकार (Types of Pranayama in Hindi)

वैसे तो प्राणायाम के कई प्रकार हैं जिनमें कपालभाति, अनुलोम-विलोम सर्वाधिक प्रचलित हैं परन्तु घेरन्ड संहिता में प्राणायाम के आठ प्रकार बताए गए हैं –

  1. सूर्यभेदी
  2. सहित
  3. उज्जायी
  4. शीतली
  5. भस्त्रिका
  6. भ्रामरी
  7. मूर्च्छा
  8. केवली

ये सभी प्राणायाम अत्यंत लाभकारी हैं। अलग-अलग प्राणायाम करने से अलग-अलग लाभ मिलते हैं। शीतली प्राणायाम से शरीर व पेट की गर्मी शांत होती है और अत्याधिक पसीना आने की परेशानी भी कम होती है। उज्जायी प्राणायाम से टी बी, थायराइड, अनिद्रा, तनाव, तुतलाने और हकलाने की समस्या में  आराम मिलता है। इसी तरह भ्रामरी प्राणायाम से माइग्रेन और डिप्रेशन आदि की समस्या में लाभ मिलता है।

5 महत्त्वपूर्ण प्राणायाम (5 Important Pranayama in Hindi)

प्राणायाम के विविध प्रकार हैं परन्तु आज के लेख में हम उन 5 महत्त्वपूर्ण प्राणायामों की चर्चा करेंगे जो बेहद सरल और प्रभावशाली हैं। ये 5 लाभदायक प्राणायाम हैं – कपालभाति, अनुलोम विलोम, शीतली, भ्रामरी और उज्जायी। इन सभी प्राणायामों की प्रक्रिया और लाभ निम्नवर्णित हैं –

कपालभाति (Kapalbhati Pranayama)

लाभ – कपालभाति करने से चेहरे की झुरियाँ ठीक हो जाती हैं। साथ ही बाल झड़ना, थायराॅइड, कब्ज, डायबिटीज, कोलेस्ट्राल बढ़ना, हीमोग्लोबिन की कमी, तथा और भी बहुत सारी समस्याएं समाप्त हो जाती है।

अनुलोम विलोम (Anulom Vilom Pranayama)

लाभ – अनुलोम विलोम से रक्तचाप की समस्या, ऐलर्जी, ब्रेन ट्यूमर, कैंसर,कार्टीलेज घिसना, पैरालिसिस, टौंसिल, चर्म रोग आदि बीमारियाँ ख़त्म हो जाती हैं तथा शरीर की नाड़ियाँ शुद्ध हो जाती हैं।

शीतली (Sheetali Pranayama)

लाभ – शीतली प्राणायाम करने से पसीना आना कम होता है और शरीर की गर्मी काम होती है। यह पेट की गर्मी को भी कम करता है।

भ्रामरी (Bhramari Pranayama)

लाभ – इस प्राणायाम से एकाग्रता बढ़ती है और डिप्रेशन, माईग्रेन, आदि की समस्या से राहत मिलती है।

उज्जायी (Ujjayi Pranayama)

लाभ – उज्जायी प्राणायाम टी बी, थायराइड, तनाव, अनिद्रा, तुतलाने और हकलाने की समस्या में लाभकारी हो सकता है।

प्राणायाम के इन मुख्य प्रकारों को नियमित रूप से अपनाकर आप भी एक बेहतरीन और स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं। यह सभी प्राणायाम करने में अत्यंत सरल हैं और उससे भी अधिक लाभदायक हैं। प्रतिदिन यदि आप 1 घंटे केवल प्राणायाम भी कर लेते हैं, तो धीरे-धीरे आपको असर दिखने लगेगा और आप स्वतः ही प्रसन्नता का अनुभव करने लगेंगे।

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