स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योगासन का नियमित अभ्यास आवश्यक माना जाता है क्योंकि इसके लिए योग सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। यह न केवल आपको स्वस्थ और खुश रखेगा, बल्कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करेगा। इससे जीवन में सुव्यवस्था भी आती है। इसीलिए योग हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण है।
योग के विभिन्न आसनों पर चर्चा को जारी रखते हुए इसी कड़ी में हम एक और आसन आज आपके लिए लाये हैं जो है हलासन। हलासन योग शरीर को उल्टा करके किया जाने वाली योग मुद्रा है जो शरीर को स्ट्रेच करने के साथ मजबूती और आराम देने में मदद करता है। आइये जानते हैं हलासन और अर्धहलासन की विधि क्या है और इसके लाभ क्या हैं।
हलासन क्या है (Halasana in Hindi)
हलासन हिंदी के दो शब्दों “हल” और “आसन” से मिलकर उत्पन्न हुआ है। हल का अर्थ है एक कृषि उपकरण जो जमीन खोदने के लिए उपयोग में आता है। इस योग में मुद्रा हल की तरह होती है। हल मिट्टी को ढीला करने और बुआई के लिए ताजा पोषक तत्वों को सतह पर लौटाने में मदद करता है। इसी तरह, हलासन करने से शरीर के पिछले हिस्से में खिंचाव होता है और तंग हैमस्ट्रिंग को आराम मिलता है, जिससे पूरी रीढ़ मजबूत और ऊर्जावान होती है। जो लोग नियमित रूप से हलासन करते हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि वे बहुत सक्रिय, लचीले और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होते हैं। इस योग के कई फायदे हैं। इससे वजन कम होता है और शरीर मजबूत होता है। इसके अतिरिक्त, इसके कई लाभ भी हैं जिनका विवरण नीचे दिया गया है।
हलासन के प्रकार (Halasana Types in Hindi)
योग विशेषज्ञ हलासन को अलग-अलग तरह से करना बताते हैं जो की आसन की वैरियेशन्स कहलाती हैं। हलासन को मुख्यतः दो तरीकों से किया जाता है। पहला है अर्धहलासन और दूसरा है हलासन या पूर्ण हलासन।
अर्धहलासन – अर्ध हलासन एक मध्य स्तर की मुद्रा है। यह हलासन का ही भाग है पर मानव के लिए योग की शुरुआत के समय में थोड़ा सुविधाजनक है। इसमें लेटकर पैरों को आकाश की और समकोण बनाकर सीधा उठाना होता है।
पूर्ण हलासन – इसमें पीठ के बल लेटकर पैरों अर्ध हलासन की मुद्रा से बदलकर मुख की तरफ निचे झुकाकर ज़मीन पर लगाना होता है। यही हलासन कहलाता है।
कैसे करें हलासन (Halasana Steps in Hindi)
1. हलासन करने के लिए सबसे पहले किसी साफ जगह पर समतल सतह पर चटाई या योगा मैट बिछा लें। फिर अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने हाथों को चटाई पर रख लें।
2. फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा ऊपर उठाएं। जब आप पैरों को ऊपर की दिशा में ले जाते हैं और बिलकुल सीधा रखते हैं तो आप अर्ध हलासन की मुद्रा में आ जाते हैं। अपने हाथों को फर्श पर सीधा रखें और हथेलियाँ भी फर्श की ओर हों।
3. इसके बाद, अपने पैरों को अपनी पीठ के निचले हिस्से से सहारा देते हुए अपने पीछे सिर की तरफ लाएं, जब तक कि आपके पैर फर्श को न छू लें।
4. अपनी क्षमताओं के आधार पर, इस स्थिति को बनाए रखें और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। इस योग को दिन में 5-7 बार करें।
हलासन के लाभ (Halasana Benefits in Hindi)
- अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं तो वजन कम करने के लिए रोजाना हलासन का अभ्यास करें।
- तंत्रिका तंत्र को शांत करके तनाव और थकान को कम करता है।
- यह योग कब्ज, अपच और पेट के सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा दिलाता है। साथ ही पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।
- योगासन थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
- गर्दन, कंधे, पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- योग रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए हलासन रामबाण है। इससे अनिद्रा और तनाव दोनों से राहत मिलती है।
- पैर के लचीलेपन में सुधार होता है और पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
योग शरीर में ऊर्जा के संचार को बढ़ावा देकर कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। हलासन या प्लो पोज़ एक ऐसा अद्भुत योग पोज़ है और इसके नियमित अभ्यास से आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमें अपनी सेहत का ख्याल ही नहीं रहता। हम नियमित रूप से और उचित मार्गदर्शन के साथ योग का अभ्यास करके अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक छोटा कदम उठा सकते हैं।
यह भी पढ़ें
डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।