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Holika Dahan Puja Vidhi 2024: इन मंत्रों से करें होलिक दहन की सफल पूजा, जानिए क्या है विधि और किन बातों को करने से बचें

होली का त्योहार हमारे देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार हमें एक साथ मिलकर खुशियों का त्योहार मनाने का अवसर देता है। होली का महत्व अत्यधिक होता है क्योंकि यह त्योहार प्रेम, सद्भावना और भाईचारे का पर्व है। इसके साथ ही होली का पहला दिन होलिका दहन का दिन होता है। होलिका दहन को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे होलिका दहन, हुटाशन, हुटारी, कामना हुटारी, विष्णु महोत्सव आदि।

मगर सभी जगह होलिका दहन की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है क्योंकि यह पूजा बुराई को नष्ट करने और अच्छाई को प्राप्त करने का संकेत होती है। यह पूजा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है और इसे विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है। तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं होलिका दहन का महत्व, पूजा विधि और होलिका दहन के दिन किन बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। 

होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi 2024)

होलिका दहन पूजा के मंत्र (Holika Dahan Puja Mantra)

बुराइयों के नाश के लिए होलिका दहन पर कौन सा मन्त्र पढ़ें?

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।”

होलिका दहन का मंत्र क्या है?

मुख्य रूप से होलिका दहन मंत्र है: ‘असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिषै:। अतस्तवां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।। ‘ का उच्चारण करते हुए तीन परिक्रमा करें। इसके बाद होलिका को जल का अर्घ्य दें।

होली के दिन कौन सा मंत्र सिद्ध करें?

कुछ पौराणिक मान्यता है कि होली की रात माता गायत्री के महामंत्र ‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ का जप करने पर जीवन से जुड़ा हर कष्ट दूर और मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है। कुछ किवदंतियों के अनुसार गायत्री मन्त्र ही एक ऐसा मन्त्र है जो सभी व्यक्तियों को होलिका दहन के दौरान करनी चाहिए। 

होलिका दहन के दिन गृह शांति के लिए कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

होलिका मंत्र- ‘असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिषै:। अतस्तवां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।

होलिका दहन पूजा की सामग्री (Holika Dahan Puja Samagri List)

होलिका दहन से जुड़ी अन्य बातें (Important Information About Holika Dahan)

होलिका दहन से जुड़ी अन्य बातें

होलिका दहन के समय कौन सा अनाज जलाया जाता है?

शास्त्रों के अनुसार होलिका की अग्नि में अनाज के तौर पर गेहूं की बलियां डाली जाती है। गेहू की बालियान बहुत शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि गेहूं की बालियों को होलिका दहन की अग्नि में डालने से सुख-समृद्ध कि प्राप्ति होती है। वहीं नई धान और फसल के तौर पर गेहूं की बालियां होलिका की अग्नि में भेंट करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

होलिका दहन में नारियल क्यों डालते हैं?

होलिका दहन के दिन एक सूखा नारियल अपने ऊपर घुमाकर जलती अग्नि में डाल दें। इससे बुरे प्रभावों से राहत मिल सकती है । इसके अलावा होलिका दहन के दिन दो लौंग लें और उन्हें घी में डुबा लें। नारियल होलिका दहन के दिन डालने से आप अपने अंदर से और अपने आस पास की सभी बुराइयों को दूर करते हैं।

होलिका दहन की राख का क्या करें?

होली के दिन सुबह होलिका दहन की राख ले आए और उसे पूरे घर में छिड़क दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से घर के वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। साथ ही गृह क्लेश दूर होते हैं। होलिका की राख को अपने घर की चौखट और दरवाज़ों पर भी डालना चाहिए।

होलिका दहन पर क्या नहीं करना चाहिए? (Holika Dahan Ke Din Kya Nahi Karna Chahiye)

होलिका दहन के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें की इस दिन क्या नहीं करना चाहिए।

इस प्रकार, होलिका दहन पूजा को करने से बुराई का नाश होता है और अच्छाई की जीत होती है। यह पूजा हमें समृद्धि, सफलता और खुशियों की प्राप्ति में सहायक होती है। इसे ध्यानपूर्वक और श्रद्धापूर्वक करने से हम अपने जीवन में सुख और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

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