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Yoga Asanas for Beginners: योग की करने जा रहे हैं शुरुआत तो करें ये 5 योगासन! जानिए योग का महत्त्व

जब कोई व्यक्ति जीवन के सभी पहलुओं में योग का अभ्यास करता है, तो उनका जीवन स्वस्थ, खुश और लंबा हो जाता है। योग जीवन जीने का एक विज्ञान है जो आध्यात्मिक अनुशासन पर केंद्रित है, जो शरीर और मन के बीच सामंजस्य लाता है।  

योग विज्ञान में भारत के महान योगियों और ऋषि-मुनियों ने मुद्राओं का निर्माण किया है, इन सभी ने प्रकृति से प्रेरणा ली है।  वे प्रकृति को मानव सृजन, संरक्षण और विनाश का आधार मानते हैं। शायद यही कारण है कि योग के विज्ञान में हर आसन एक मुद्रा पर आधारित है, जो प्रकृति, जीवित प्राणियों, पक्षियों, वस्तुओं या अंगों के एक हिस्से से बनाया गया है। योग में कई आसन शामिल हैं, जिनमें शरीर की विभिन्न स्थितियों को अपनाना शामिल है जो शरीर और मन में स्थिरता लाते हैं।  आज के इस लेख में, हम आपके साथ उन आसनों को साझा करेंगे जिनका अभ्यास किसी भी उम्र और स्तर के योगियों द्वारा किया जा सकता है। योग का महत्त्व क्या है और 5 सरल खड़े होकर किये जाने वाले योग आसन कौन से हैं।

योग आसन का महत्व (Simple Yoga Asanas for Beginners)

शब्दों में योग के महत्व और लाभों का वर्णन करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि यह भारत की प्राचीन संस्कृति और गहन ज्ञान का प्रतीक है। योग आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है और बेहतर उपचार में सहायता करता है। यह कोर पर काम करता है और उसे स्वस्थ, लचीला और मजबूत बनाता है।   योग, दर्द सहनशीलता के स्तर को बढ़ाता है और पुराने दर्द को कम करने की दिशा में भी काम करता है।  योग में आपके मन और शरीर को तरोताजा महसूस कराने की क्षमता होती है। जो लोग रोजाना योग का अभ्यास करते हैं, वे एक सत्र के बाद ऊर्जावान महसूस करते हैं।  

 योग पाचन को विनियमित करने में मदद करता है क्योंकि एक आदर्श वजन प्राप्त करने के लिए संतुलित पाचन आवश्यक है। योग का अर्थ है एकजुट होना। जब आप नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं, तो आपका दिमाग आपके शरीर के साथ मिलकर काम करना शुरू कर देता है।  यह गति और अनुग्रह को बढ़ाता है। योग आपके दिमाग को पूरी तरह से आराम देने में मदद करता है। यह आपको अनावश्यक तनाव पर काम करने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर नींद आती है। योग आत्म-जागरूकता को सक्षम बनाता है और स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह आपको अधिक आत्मविश्वास देता है। 

योग सिखाता है कि कैसे नियंत्रण और संतुलन बनाना है। नियमित अभ्यास के साथ, आपका शरीर स्वचालित रूप से सही मुद्रा ग्रहण करता है।  योग आपके रक्त परिसंचरण में सुधार करता है जिसका  मतलब है  पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का बेहतर परिवहन। योग बेहतर रक्त प्रवाह भी स्वस्थ अंगों और चमकदार त्वचा को इंगित करता है। योग का नियमित अभ्यास तुरंत आपके मानसिक स्थिति  को ऊपर उठाता है क्योंकि यह आपके शरीर को ताजा ऊर्जा प्रदान करता है।  

योग आसन जिन्हें करना है बेहद आसान (Standing Yoga Asanas for Beginners)

 वैसे तो योग में 84 मूल आसनों का वर्णन है। कुछ मूल आसन खड़े होकर किये जाते हैं तो कुछ बैठकर, कुछ आसन बहुत सरल होते हैं तो कुछ अत्यंत कठिन। आज हम ऐसे आसनों की जानकारी देने वाले हैं जिन्हें किसी भी उम्र का व्यक्ति सरलता से कर सकता और जो व्यक्ति योगभ्यास की शुरुआत कर रहे हैं और सरल आसनों की खोज में हैं, उनके लिए ये आसन सर्वोतम हैं।

ताड़ासन की विधि (Tadasana Steps in Hindi)

Tadasana vidhi

यह आसन नियमित रूप से करने पर रीढ़ की हड्डी की समस्याएं दूर होती हैं और साईटिका से राहत भी मिलती है। इससे खासकर कमर और पैर मज़बूत होते हैं तथा मानसिक और शारीरिक संतुलन स्थिर होता है। ताड़ासन करने के लिए –

  1. पैरों को  जोड़कर सीधे खड़े हो जायें।
  2. अब दोनों हाथों को बगल से सिर की ओर ले जाते हुए दोनों हाथों की उँगलियों को परस्पर मिला लें।
  3. ध्यान रहे की हथेलियाँ बाहर की तरफ हों।
  4. अब पंजों के बल शरीर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
  5. जितनी देर हो सके इसी अवस्था में रुके रहें।
  6. फिर धीरे-धीरे हाथों और पैरों को नीचे करें। 
  7. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।

त्रिकोणासन की विधि (Trikonasana Steps in Hindi)

त्रिकोणासन का  पूरे शरीर पर असर होता है। यह शरीर का संतुलन ठीक करके गर्दन, कंधे, पीठ और पैर मज़बूत करता है। यह पेट पर विशेष प्रभाव डालता है और  पाचन तंत्र को मजबूती देकर एसिडिटी से राहत देता है। यह मोटापे की समस्या पर भी काम करता है और तनाव से राहत देता है।

  1. सीधे खड़े हो जाएँ और अपने पैरों के बीच 3 फीट की दूरी बना लें और गहरी सांस भरें।
  2. दोनों हाथों को कंधे तक सीधा उठाएं और हथेलियों को आगे की तरफ खोलें।
  3. दायें पैर को दायीं तरफ घुमाएं और सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे दायें हाथ को पैर से जोड़ने के लिए झुकें।
  4. सिर को ऊपर की और उठाएं और बायें हाथ को देखें।
  5. इसी स्थिति में 20 सेकंड तक रहें।
  6. फिर धीरे-धीरे वापस ऊपर आयें और सीधे हो जायें।
  7. अब यही प्रक्रिया बायें हाथ और पैर के साथ दोहरायें।

उत्तानासन की विधि (Uttanasana Steps in Hindi)

उत्तानासन से शरीर मुड़ता है जिससे पेट के हिस्से में आने वाले सभी अंग जैसे:- लीवर, किडनी, आंतें, आमाशय आदि प्रभावित होते हैं। यह रीढ़ की हड्डी और पीठ को भी खिचाव देता है और शरीर का लचीलापन बढ़ाता है।  

वृक्षासन की विधि (Vrikshasana Steps in Hindi)

वृक्षासन के नियमित अभ्यास से पैरों और हाथों की मस्पेशियों में खिचाव आता है और स्वास्थ्य से सम्बंधित कई समस्याओं को दूर करता है जैसे पैर, टखनों, जाँघों, घुटनों और पिंडलियों को मजबूती देना, पीठ का दर्द और साइटिका से आराम देना आदि कई लाभ देता है।

वीरभद्रासन की विधि (Warrior Pose Steps in Hindi)

यह आसन उर्जा बढ़ाता है और शरीर के सभी अंगों को स्ट्रेच भी करता है। यह थकान दूर करने में भी मदद करता है और संतुलन बनाने में सहायक है। इससे पेट की चर्भी कम होती है और नर्वस सिस्टम अच्छे से काम करता है। यह आसन रोज़ करने से चेहरे पर ग्लो आता है।

  1. ताड़ासन में खड़े हो जाएँ और दोनों पैरों के बीच 3-4 फीट की दूरी बना लें।
  2. पैरों और बाजुओं को साथ में सटायें।
  3. पैरों को सामने की दिशा में और हथेलियों को ज़मीन की ओर रखें।
  4. अब हाथों को ऊपर उठाते हुए हथेलियों को जोडें और नमस्कार मुद्रा में आयें।
  5. दायें पैर को 90 डिग्री घुमाएं और बाएँ पैर को थोडा अन्दर करें
  6. ऊपर के शरीर को दायें और घुमाएं और दायें पैर को समकोण में मोडें।
  7. सिर को ऊपर उठाएं और उँगलियों की ओर देखें।
  8. 20-25 सेकंड तक इसी मुद्रा में स्थिर रहें।
  9. अब यही प्रक्रिया बाँई तरफ भी दोहरायें।

इन आसनों को दैनिक जीवन में अपनाने और रोज़ अभ्यास करने से आपका  संपूर्ण स्वास्थ अच्छा होगा। साथ ही यदि वजन में कमी है या अधिक वजन है, वो भी सुधरेगा। योग आपको मानसिक शान्ति देगा और रोगों और चिंता से राहत भी देगा। यही आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार  करेगा और आपको उर्जावान करेगा। योग अधिक सजगता से जीना सिखाता है अंतर्ज्ञान की वृद्धि में सहायक होगा।

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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।

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