अनियमित जीवनशैली, अनुचित खान-पान, उपवास, जल्दी-जल्दी खाना, खाने के बाद लेट जाना, धूम्रपान करना, अधिक खाना, बहुत अधिक चाय या कॉफी पीना, रात में जागना आदि पेट में एसिड के स्राव के कारण अपच और सूजन का कारण बन सकते हैं। लगातार एसिडिटी रहने से पेट संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इससे कब्ज का खतरा भी बढ़ जाता है।
ऐसे में पवनमुक्तासन बहुत फायदेमंद साबित होता है। यह एक विशेष योग स्थिति है जिसका मुख्य उद्देश्य शरीर से हवा को बाहर निकालने के लिए दबाव का उपयोग करना है। इसके अलावा इस आसन से शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
इस लेख में आपको पवनमुक्तासन से जुड़ी मुख्य और विस्तृत जानकारी मिलेगी। पवनमुक्तासन का अर्थ, विधि, लाभ और सावधानियों के विषय में आप विस्तार से जानेंगे।
पवनमुक्तासन क्या है? (Pawanmuktasana Yoga)
पवनमुक्तासन संस्कृत शब्द ‘पवन’ से बना है जिसका अर्थ है ‘वायु’ या ‘हवा’, ‘मुक्त’ का अर्थ है ‘राहत’ या ‘छोड़ना’। पवनमुक्तासन को अंग्रेजी में “विंड रिलीज़ पोज़” और “गैस रिलीज़ पोज़” के नाम से जाना जाता है। यह आसन पेट में भारीपन से आराम दिलाता है, रक्त के संचार को बढ़ाता है, तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित भी करता है। साथ ही, पेट से गैस को बाहर निकालता है और इससे शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह आसन रामबाण साबित हो सकता है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण योग आसन है जो पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है।
ऐसे करें यह आसन (Pawanmuktasana Steps in Hindi)
नीचे पवनमुक्तासन की पूर्ण विधि चित्रों के साथ दी गई है –
- सबसे पहले समतल जमीन पर मैट या कंबल बिछा लें और उस पर सीधे लेट जाएं और रीढ की हड्डी और सिर बिलकुल ज़मीन से लगाकर रखें।
- अब अपने दोनों पैरों को एक साथ 90 डिग्री पर सीधा उठाकर समकोण जैसा बनाएं। हाथ एकदम सीधे और हथेलियाँ ज़मीन की तरफ रखें।
- इसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए नीचे लाये और जाँघों तथा घुटनों को पेट और छाती तक ले आयें।
- अब अपने दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर लाकर पकड़ लें और इस प्रक्रिया के दौरान गहरी सांसें लेते और छोड़ते रहें।
- अब अपने सिर को थोड़ा-सा ऊपर उठाएं ताकि घुटनों को स्पर्श करे।
इस मुद्रा में यथासंभव समय तक रहे और सांस लेते रहें और फिर पुनः पहले की स्थिति में लौट आयें।
पवनमुक्तासन के लाभ (Pawanmuktasana Benefits in Hindi)
- यह आसन एसिडीटी को ख़त्म करता है और अतिरिक्त चर्बी को जलाता है।
- यह आपके पैरों में रक्त संचार को बढ़ावा देता है।
- साइटिका के दर्द से छुटकारा देता है।
- पवनमुक्तासन शरीर से हानिकारक गैसों को बाहर निकालता है।
- यह पाचन में सुधार करता है और वजन घटाने में भी मदद करता है।
- जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हें पवनमुक्तासन करना चाहिए।
- इस आसन को करने से पीठ और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
- पवनमुक्तासन का अभ्यास करने से दिमाग तेज होता है और मनोवैज्ञानिक समस्याएं कम होती हैं।
- यह आसन मन को आराम देता है और मस्तिष्क की एकाग्रता में भी सुधार करता है।
- इससे आपके पेट की मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- इस आसन का अभ्यास करने से पाचन में सुधार होता है और कब्ज और अपच जैसी पेट की समस्याओं से बचाव होता है।
- यह आसन गर्भाशय के रोगों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
- इससे प्रजनन क्षमता सुधरती है।
आसन करते समय रखें इन बातों का ध्यान (Pawanmuktasana in Hindi)
- किसी भी योगासन को शुरू करने से पहले स्ट्रेच और वार्मअप करें।
- योग करते समय, अपनी गर्दन पर दबाव न डालें या अपने घुटनों को अपनी ठुड्डी के करीब लाते हुए अपने मुँह को आगे की ओर धकेलने का प्रयास न करें।
- आसन करते समय जबरदस्ती शरीर को कष्ट देकर कोई क्रिया न करें।
- मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप वाले लोगों को पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था के तीसरे महीने में पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- अगर किसी को पीठ या गर्दन की समस्या है तो उसे पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- बवासीर, हर्निया या सूजन जैसी समस्या होने पर पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- हर्नियेटेड डिस्क के मामले में पवनमुक्तासन से बचना चाहिए।
- अगर आपको ह्रदय की कोई समस्या है तो आपको पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- योग आसन का अभ्यास करने से पहले अपने डॉक्टर और योग शिक्षक से सलाह लें।
रोजाना योगाभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। योग तनाव को कम कर सकता है, वजन कम करने में मदद कर सकता है और पुरानी बीमारी के खतरे को कम कर सकता है। योग आपको अधिक खाने पर काबू पाने में भी मदद कर सकता है। आप हर दिन कई योग मुद्राओं को अपने अभ्यास में शामिल कर सकते हैं। उचित दैनिक दिनचर्या बनाए रखना, संतुलित आहार खाना और प्रतिदिन व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। अगर आप भी एसिडिटी से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो रोजाना पवनमुक्तासन करें। इस योग का अभ्यास करने से आपको पेट की कई समस्याओं से जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।