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Mahashivratri Vrat Puja Vidhi, Mantra & Samagri: महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों के जाप से मिलेगी मुक्ति और कैसे करें विधि अनुसार पूजा

Mahashivratri 2024 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि का त्योहार हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहारों में से एक है, जो भगवान शिव की पूजा और व्रत के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव ने सृष्टि के आरंभ की थी। इस दिन शिव भक्त अपने इष्टदेव की पूजा करते हैं और उनका व्रत रखते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं महाशिवरात्रि के व्रत पूजा विधि, मंत्र और पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में।

महाशिवरात्रि पूजा सामग्री (Mahashivratri Puja Samagri List in Hindi)

पूजा के लिए सामग्री: भगवान शिव की पूजा के लिए सामग्री में धूप, दीप, कपूर, अगरबत्ती, सुपारी, इलायची, बत्ती, अखंड दिया, जल, बेल पत्र, रुद्राक्ष माला, चंदन, कुमकुम, गंगाजल, फूल, फल, श्रृंगार सामग्री, बिल्व पत्र, पंचामृत (दही, शर्करा, घृत, तैल, शहद),अपराजिता का फूल, बेल, सफ़ेद चन्दन, आदि शामिल होती हैं।

महाशिवरात्रि पूजा विधि (Mahashivratri Puja Vidhi in Hindi)

महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि: कुछ किवदंतियों के अनुसार ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति पूरे विधि विधान से पूजा करता हैं उसे महाशिवरात्रि का दोगुना फल मिलता है। ऐसे में आप भी महाशिवरात्रि का व्रत करने से पहले जान लें महाशिवरात्रि कब है, महाशिवरत्रि शुभ मुहूर्त और महाशिवरात्रि पूजा विधि के बारे में।

महाशिवरात्रि मंत्र (Mahashivratri Puja Mantra)

Mahashivratri Puja Mantra

ॐ नमः शिवाय:

यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और उनकी आराधना के लिए बहुत उपयुक्त है। इसका नियमित जाप करने से शिव भक्त को आध्यात्मिक उन्नति और शांति की प्राप्ति होती है।

महामृत्युंजय मंत्र:

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।”

इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

भगवान शिव का प्रिय मंत्र
सभी मंत्रों में भगवान शिव का सबसे प्रिय मंत्र ॐ नमः शिवाय ही है। 

शिव का कौन सा मंत्र शक्तिशाली है
भगवान शिव का चमत्‍कारिक मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ शिव गायत्री मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्। शिव स्‍तोत्रम – ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।

शिव मंत्र कितने होते हैं
ऐसा माना जाता है भगवान शिव के कुल 15 मंत्र है।

भगवान शिव की साधना के लिए किन बातों का ध्यान रखें 

महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा विधि से भक्त भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करते हैं और उनके चरणों में अपने जीवन को समर्पित करते हैं। इस दिन को ध्यान में रहकर शिव भक्ति और ध्यान का साधना करने से व्यक्ति की आत्मा में शांति मिलती है और वह अपने जीवन को धार्मिकता और उदारता के साथ जीने का संकल्प करता है। महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व हमें शक्ति, शांति और ध्यान की प्राप्ति में मदद करता है और हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्रदान करता है।

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