आजकल, हम देख सकते हैं कि वजन कम करने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोग अक्सर बहुत कम खाने, अपने शरीर के टाइप के अनुसार एक्सरसाइज नहीं करने और तुरंत असर की उम्मीद जैसी गलतियां करते हैं। लेकिन संतुलित आहार पर ध्यान देना जरूरी है और व्यायाम को उबाऊ कार्य की जगह एक मज़ेदार एक्टिविटी बनाकर नियमित मॉर्निंग वर्कआउट करना आवश्यक है।
आपकी कसरत को बेहतर रूप देने के लिए हम लगातार लाभकारी आसनों की जानकारी आपसे साझा करते हैं। आज का लेख एक ऐसे योग के बारे में हैं जिसे आप आनंदित होकर करेंगे। यह आसन है तितली आसन। तितली आसन योग में सबसे महत्वपूर्ण आसनों में से एक है जिसके कई लाभ हैं। आइये जानते हैं तितली आसन के बारे में और उसे करने की विधि, लाभ तथा सावधानियों के बारे में।
तितली आसन क्या है? (Titli Asana Kya Hai)
आसन शीर्षक दो शब्दों “तितली” और “आसन” से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ तितली मुद्रा में बैठना है। तितली आसन एक हिंदी शब्द है जिसका अंग्रेजी में मतलब बटरफ्लाई होता है। बटरफ्लाई पोज़ में आपको अपने घुटनों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करना होता है, इसीलिए इसे बटरफ्लाई पोज़ कहा जाता है। यह बैठकर किये जाने वाले योगासन की श्रेणी में आता है।
बटरफ्लाई पोज़ लगभग बद्ध कोणासन या बाउंड एंगल पोज़ के समान है। यह अक्सर एक सरल व्यायाम है जिसे किसी प्रशिक्षक के न्यूनतम मार्गदर्शन के साथ एक बार में किया जा सकता है। मुख्य बात यह है कि ये आसन विशेष रूप से पैरों को लक्षित करता है और कमर तथा आँतों को लाभ देता है।
तितली आसन के लाभ (Titli Asana Benefits in Hindi)
- जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान तेज दर्द सहना पड़ता है वे रोजाना तितली आसन करें।
- तितली आसन मासिक धर्म के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करता है।
- गर्भवती महिलाएं पहले महीने में तितली आसन का अभ्यास शुरू कर सकती हैं। साथ ही आप गोमुखासन भी कर सकती हैं।
- तितली आसन गर्भावस्था के दौरान तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
- तितली आसन लंबे समय तक खड़े रहने के कारण जांघ की मांसपेशियों में हुए तनाव से राहत देता है।
- रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के लिए तितली आसन बहुत फायदेमंद होता है।
- तितली आसन को करने से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। रक्त संचार बेहतर करने के लिए आप शीर्षासन भी अपना सकते हैं।
- आँतों की समस्या को ठीक करने में सहायक होता है।
- शरीर के निचले भाग को लचीला बनाता है।
- इस आसन के प्रयोग से बांझपन की समस्या कुछ हद तक ठीक हो सकती है।
- इससे आपके पैर मजबूत होते हैं। कूल्हों का आंतरिक तनाव दूर हो जाता है।
- शरीर की थकान को दूर करता है। यह आंतों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है।
ऐसे करें तितली आसन (Titli Asana ki Vidhi)
- तितली मुद्रा में आने के लिए सबसे पहले फर्श पर बैठकर शुरुआत करें। इसके बाद, अपने पैरों को मोड़ें और अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाएं। अपने पैरों को अपने हाथों से पकड़ें और उन्हें तब तक अंदर खींचें जब तक आपकी एड़ियाँ आपके शरीर को न छू लें।
- फिर अपनी जांघों को खींचते हुए अपने घुटनों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे उठाने की कोशिश करें। इस समय आपकी मांसपेशियां तनावग्रस्त हो सकती हैं। इसलिए, अपने घुटनों को फर्श पर टिकाए रखने के लिए ऊपर-नीचे करने का प्रयास करें।
इन सावधानियों का रखें ध्यान (Butterfly Asana Precautions in Hindi)
- हालांकि, जो लोग साइटिका या घुटनों की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें तितली आसन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को यह आसन किसी प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।
- यदि आपके घुटने या कूल्हे में चोट है तो यह प्रक्रिया न करें।
- मासिक धर्म के समय इस आसन से बचें।
- हर आसन को करने से पूर्व विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होता है।
यह आसन सरल आसनों में से एक है। इस आसन को कोई भी कर सकता है। कहा जाता है कि इस योग को करने से शरीर की थकान दूर हो जाती है। साथ ही शरीर में नई ऊर्जा की आपूर्ति होती है। यह आसन महिलाओं के लिए विशेष उपयोगी है। कई लोगों के शरीर में लचीलापन नहीं होता है। ऐसे लोगों को नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति रोजाना इस योग का अभ्यास करता है तो उसे कई तरह की शारीरिक समस्याओं से राहत मिल जाएगी।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।