माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त और महत्व 2024 (Magha Purnima Kab Hai Shubh Muhurat & Mahatva 2024): माघ पूर्णिमा, हिन्दू पंचांग के माघ मास में आने वाले पूर्णिमा तिथि को कहा जाता है। साल 2024 में माघ पूर्णिमा 23 फरवरी को है। माघ पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण और खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से उनका आशीर्वाद मिलता हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन केवल शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए और शिव चालीसा, शिव मंत्र और भगवान शिव के अन्य नामों का जाप करना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं माघ पूर्णिमा पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, और माघ पूर्णिमा से जुड़ी अन्य जरुरी बातें।
माघ पूर्णिमा कब है (Magha Purnima Kab Hai 2024)
हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी देवी और देवता गंगा नदी में निवास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान को विशेष महत्व दिया गया है। साल 2024 में माघ माह की पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी से शुभारंभ होकर माघ पूर्णिमा 24 फरवरी, शनिवार के दिन पारण होगा।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Magha Purnima Shubh Muhurat 2024)
माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के पास पूजा आरंभ करना शुभ माना जाता है, जिसे ‘ब्रह्म मुहूर्त’ कहा जाता है। फरवरी माह में 23 फरवरी को (2024) ब्रह्म मुहूर्त 06:45 AM से 07:31 AM तक है।
- माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त : पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 03 बजकर 33 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, साथ ही इसका समापन 24 फरवरी को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा।
माघ पूर्णिमा का महत्व (Magha Purnima Ka Mahatva 2024)
- माघ पूर्णिमा को भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है, इसलिए इस दिन को ‘माघी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है।
- इस दिन को स्नान और दान करने का अत्यंत पुण्य होता है जिससे व्यक्ति अपने पितृगणों की शांति के लिए समर्थ होता है।
- माघ मास में इस पूर्णिमा को मनाने से व्यक्ति को साकार और निराकार दोनों प्रकार के आशीर्वाद मिलते हैं और उसका जीवन सुखमय बनता है।
- इस दिन किसी भी तीर्थ स्थल पर जाने और स्नान करने का भी विशेष महत्व है।
- विशेष रूप से पुणे, नासिक, प्रयागराज, उज्जैन, और रामेश्वरम जैसे तीर्थ स्थलों पर भगवान शिव की पूजा का आयोजन होता है।
- माघ पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से गंगा स्नान का महत्व बढ़ जाता है। लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और अपने पितृगणों के लिए तिल, ऊरद, चावल आदि का दान करते हैं।
- कई लोग माघ पूर्णिमा के दिन अपने घरों में शिवलिंग या शिव परिवार स्थपित करते हैं, कुछ किवदंतियों के अनुसार इस दिन मंदिरों में शिव परिवार की स्थापना करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
- माघ पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से भक्तिभाव से भरे जाने का महत्व है। इसे ध्यान में रखकर लोग विशेषकर भगवान शिव की पूजा और व्रत करते हैं ताकि उन्हें शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो सके और उनका जीवन सुखमय बने।
माघ पूर्णिमा के दिन किन मंत्रों का जाप करें (Magha Purnima Shiv Mantra Jaap)
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के कुल 15 मंत्र हैं, ऐसा माना जाता है माघ पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के मंत्रों का विधि विधान से करने से जाप करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है।
माघ पूर्णिमा में पढ़ा जाने वाला भगवान शिव का शक्तिशाली मंत्र (Magha Purnima Shiv Shaktishali Mantra 2024)
भगवान शिव का सबसे शक्तिशाली मंत्र “ॐ नमः शिवाय” है, इस मंत्र का जाप हर दिन 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ किया जाता है। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
माघ पूर्णिमा में भगवान शिव का प्रिय मंत्र (Shiv ka Priya Mantra 2024)
माघ पूर्णिमा में पढ़ा जाने वाला भगवान शिव का प्रिय मंत्र “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” है। यह एक ऐसा शक्तिशाली मंत्र हैं जिसके जाप से सुख, शांति, धन, समृद्धि, सफलता, प्रमोशन, और मनचाहा फल मिलता है।
अगर आप भी शिव भक्त है और मनचाहा फल चाहते हैं तो माघ पूर्णिमा में पूरे विधि विधान से भोलेनाथ की पूजा करें और इस दिन भगवान शंकर की प्रिय चीज़ें जैसे बेलपत्र, सफ़ेद फूल,अपराजिता का फूल और गुड़ चढ़ाना चाहिए। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार माघ पूर्णिमा जनवरी या फरवरी महीने के दौरान आता है। इस समय अवधि के दौरान, हर बारह साल में शुभ कुंभ मेला आयोजित किया जाता है, और माघ मेला वार्षिक आधार पर पूरे उत्तर भारत में तीन नदियों के संगम या त्रिवेणी संगम पर आयोजित किया जाता है, जैसे कि इलाहाबाद या प्रयाग जैसे शहरों में।भारत के साथ साथ नेपाल के कुछ छेत्रों में माघ पूर्णिमा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
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