आजकल स्वास्थ्य रक्षा के महत्त्व को समझते हुए लोग व्यायाम और योग को अपने जीवन का भाग बनाने लगे हैं। परन्तु वह इसकी शुरुआत करने से पहले ही सही आसनों और व्यायाम की तलाश में अत्यधिक समय बेकार कर देते हैं। ऐसे में सूर्य नमस्कार एक ऐसा योग है जो की कम मेहनत, कम परेशानी और कम समय में अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने वाला है।
इस लेख में हम आपको सूर्य नमस्कार के विषय में जानकारी प्रदान करेंगे। जानिए सूर्य नमस्कार की विधि, सूर्य नमस्कार के लाभ और इसे करते हुए क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
सूर्य नमस्कार क्या है? (Surya Namaskar Kya Hai)
सूर्य नमस्कार एक ऐसा योग है जो आपको स्वस्थ रहने में काफी मदद कर सकता है। यह एक चक्र में 12 आसन करने की प्रक्रिया है। आपको बस हर दिन 10-20 मिनट का समय देना है। हालाँकि, इसे सुबह सूर्योदय के समय और हमेशा खाली पेट करने का प्रयास करें। सूर्य नमस्कार सिर से लेकर पैर तक कई अंगों के लिए फायदेमंद है। यह संपूर्ण शरीर के लिए एक व्यापक कसरत है जिसे बिना किसी उपकरण के किया जा सकता है। रोजाना सुबह सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है, जो न केवल शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
सूर्य नमस्कार में निम्निलिखित आसन शामिल हैं जिन्हें एक क्रम में किया जाता है। इस पूरे चक्र को कम से कम 5-6 बार दोहराया जाए तो यह चमत्कारी लाभ देता है।
- प्राणासन
- हस्त उत्तानासन
- हस्त पादासन
- अश्व संचालनासन
- पर्वतासन
- अष्टांग नमस्कार
- भुजंगासन
- अधोमुखश्वानासन
- दण्डासन
- हस्तपादासन
- हस्त उत्तानासन
- ताड़ासन
ऐसे करें सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar Steps in Hindi)
- सूर्य की ओर मुंह करके सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को एक साथ लाएं। अपनी कमर सीधी रखें। अब अपने हाथों को अपनी छाती के पास लाएं। दोनों हथेलियों को जोड़ लें और अभिवादन की मुद्रा लें।

- पहली स्थिति में खड़े होते हुए अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर उठाएं और सीधा रखें। हाथों को जोड़ कर अपनी कमर को पीछे झुका लें।

- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें, आगे की ओर झुकें और अपने हाथों से अपने पैर की उंगलियों को छुएं। अपने सिर से घुटनों को छूने की कोशिश करें।

- धीरे-धीरे सांस लें और अपने पैर को सीधा पीछे की ओर फैलाएं। फैलाए हुए पैर का घुटना फर्श को छूना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और अपनी हथेलियों को फर्श पर सीधा रखें। अपना सिर सामने की ओर कर लें।

- अब, जैसे ही आप सांस छोड़ें, अपने हाथों और पैरों को एक सीधी रेखा में रखें और पुश-अप स्थिति में आ जाएं।

- अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, छाती, घुटनों और पैरों को फर्श से छुएं। इसी स्थिति में रहें और अपनी सांस रोककर रखें।

- अब अपनी हथेलियों को फर्श पर रखें और अपने पेट को फर्श से छूते हुए अपने सिर को जितना संभव हो सके आकाश की ओर पीछे की ओर झुकाएं।

- अब अपने पैरों को फर्श पर सीधा रखें और अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। जैसे ही आप सांस छोड़ें, अपने कंधे सीधे रखें और अपना सिर अंदर की ओर रखें।

- धीरे-धीरे सांस लें और अपने पैर को सीधा पीछे की ओर फैलाएं। फैलाए हुए पैर का घुटना फर्श को छूना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और अपनी हथेलियों को फर्श पर सीधा रखें। अपना सिर समाने की ओर कर लें।

- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें, आगे की ओर झुकें और अपने हाथों से अपने पैर की उंगलियों को छुएं। अपने सिर से घुटनों को छूने की कोशिश करें।

- पहली स्थिति में खड़े होते हुए अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर उठाएं और सीधा रखें। अपने हाथों को जोड़ कर अपनी कमर को पीछे झुका लें। आप एक अर्धचंद्राकार आकृति बनायेंगे।

- सूर्य की ओर मुंह करके सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को एक साथ लाएं। अपनी कमर सीधी रखें। अब अपने हाथों को अपनी छाती के पास लाएं, दोनों हथेलियों को जोड़ लें और प्रणाम की मुद्रा लें।

रोजाना सूर्य नमस्कार करने के लाभ (Surya Namaskar Benefits in Hindi)
सूर्य नमस्कार के 12 अलग-अलग आसन, शरीर को अत्यंत लाभान्वित करते हैं। इसके हर आसन के लाभ निम्नलिखित हैं –
- प्राणासन: प्राणासन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। सबसे पहले, यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और शारीरिक संतुलन बनाने में मदद करता है। यह मन को शांत करता है और एकाग्रता को बेहतर करता है।
- हस्त उत्तानासन: यह आसन शरीर को टोन करने में मदद करता है। यह पेट की मांसपेशियों को फैलाता है और उन्हें मजबूत बनाता है। इससे पेल्विक एरिया मजबूत होता है। यह योग एड़ी से लेकर पंजों तक पूरे शरीर को प्रशिक्षित करता है।
- हस्तपादासन: हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करता है और पैरों, कंधों और भुजाओं की मांसपेशियों को भी खोलता है। यह शरीर को लचीलापन देता है और पीठ, कंधों आदि में दर्द को रोकने में मदद करता है।
- अश्व संचलानासन: अश्व संचलानासन पैरों और रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और पेट की समस्याओं में मदद करता है। इससे अपच और कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी।
- पर्वतासन: यह आसन मन को शांत करने में मदद करता है। यह वसा को जलाता है और जमा वसा को पचाता है। इस आसन को करने से मांसपेशियों का दर्द दूर हो जाता है। शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और फेफड़े मजबूत होते हैं।
- अष्टांग नमस्कार: अष्टांग नमस्कार प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। पीठ और रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है। पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह मुद्रा शरीर के सभी आठ अंगों को लाभ पहुंचाती है।
- भुजंगासन: शरीर का लचीलापन बढ़ता है और मूड बेहतर होता है। एक ही समय में अपने कंधे, छाती, पीठ और पैर की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है जो आरामदायक होता है। यह तनाव और थकान को दूर करता है और हृदय स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे आपको वजन कम करने में भी मदद मिलेगी।
- अधो मुख श्वानासन: इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। यह रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और महिलाओं को रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के लक्षणों से निपटने में मदद करता है।
- दंडासन: दंडासन कंधों और छाती को मजबूत बनाता है। शरीर की स्थिति में सुधार होता है तथा एकाग्रता में सुधार लाने में मदद करता है।
- हस्तपादासन: इससे अनिद्रा कम होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के लिए अच्छा है और सिरदर्द के साथ-साथ चिंताओं और भय के लिए भी काम करता है।
- हस्त उत्तानासन: इससे शरीर से आलस्य दूर होता है। यह अस्थमा, पीठ दर्द और थकान जैसी स्थितियों के लिए प्रभावी है। यह पाचन में भी मदद करता है। यह फेफड़ों को बड़ा करता है और शरीर में उचित ऑक्सीजन संचार सुनिश्चित करता है।
- ताड़ासन: जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत बनाता है। भावनात्मक नियंत्रण विकसित करने में मदद करता है। यह पीठ, पेट और अन्य मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
रखें यह सावधानियां (Surya Namaskar Precautions in Hindi)
सूर्य नमस्कार व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है परन्तु यदि आप शुरूआती दौर में इसे करते हैं तो उस समय थोड़ी सावधानी बरतें। ध्यान रखें की आप इसे 5-7 बार से अधिक न करें। शुरुआत में सभी आसन आराम-आराम से धीरे से करें भले ही समय थोड़ा अधिक लगे। सूर्य नमस्कार सुबह सूर्य के प्रकाश में खाली पेट करें। यदि हड्डियों में कोई समस्या हो या आप किसी शारीरिक परेशानी से जूझ रहे हों तो सूर्य नमस्कार करने से पूर्व अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। गर्भवती महिलाएं ये आसन न करें।
आजकल हमारी जीवनशैली इतनी बदल गई है कि अब हमारे पास अपने लिए एक घंटा भी नहीं है। इससे व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिन में डेस्क पर बैठे रहने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन योग इससे बचाने में मदद करता है। सिर्फ 10-20 मिनट का सूर्य नमस्कार आपको सभी बीमारियों से बचाने और स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद कर सकता है। यदि आप नियमित रूप से ऐसा करते हैं, तो आपको अन्य कोई व्यायाम या योग करने की आवश्यकता नहीं है।
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डिसक्लेमर: यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर भिन्न होता है। हर योग आसन सभी के लिए प्रभावी नहीं होता। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के लिए है और इसका उपयोग चिकित्सा या चिकित्सा-संबंधी सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग होने पर योग आसन का अभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर या योग गुरु से सलाह अवश्य लें।