मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भक्त मौन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन भक्त गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सरस्वती और नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान, ध्यान और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को सौ यज्ञों के बराबर फल मिलता है। नए साल में मौनी अमावस्या का पावन पर्व 9 फरवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन क्या विशेष दान और उपाय किये जा सकते हैं, ये आप इस लेख में जानेंगे।
मौनी अमावस्या पर दान का महत्त्व (Mauni Amavasya Daan ka Mahatva)
सनातन धर्म में दान करना बहुत पुण्य का कार्य माना जाता है। इसी प्रकार मौनी अमावस्या पर भी दान करने की प्रथा प्राचीन समय से ही चली आ रही है। मान्यता है यदि धन का दान किया जाए तो उसमें वृद्धि होती है और हमारे जीवन में चल रही विभिन्न बाधाओं से सम्बंधित अलग-अलग वस्तुओं के दान की प्रथा है। मौनी अमावस्या पर भी इसी प्रकार कुछ विशेष वस्तुओं का दान शुभ माना जाता है जो की जीवन में सुख-समृद्धि देता है।
इन वस्तुओं का दान होता है बेहद शुभ (Mauni Amavasya Daan 2024)
- मौनी अमावस्या के अवसर पर चावल का दान करना सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार गरीबों को चावल का दान करें।
- इस दिन तेल, तिल, काले कपड़े, जूते और सूखी लकड़ी का दान करना भी शुभ होता है।
- कुंडली में चंद्रमा को ठीक करने के लिए दूध, चीनी, बताशे और खीर का दान करना चाहिए।
- गेहूं, तांबा, गुड़, घी, लाल वस्त्र आदि का दान करें। सूर्य देव की कृपा से आपका घर धन-धान्य से भर जाएगा और चिंताएं दूर हो जाएंगी।
- इसके अलावा अगर आप इस दिन गरीबों को जरूरी चीजें दान करते हैं तो आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिल सकता है। ज्योतिष शास्त्र में मौनी अमावस्या के दिन अपनी प्रार्थना के अनुसार चीनी, गर्म कपड़े, कंबल और अनाज का दान करना शुभ माना जाता है।
- मौनी अमावस्या के दिन आंवला भी दिया जाता है। इससे वित्तीय संकट कम होता है।
मौनी अमावस्या पर करें ये विशेष उपाय (Mauni Amavasya Upay 2024)
- मौनी अमावस्या शुक्रवार को है। सुबह स्नान आदि के बाद प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करें। प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद देवी लक्ष्मी की पूजा करें। सूर्यास्त होने पर पूजा करें और मां लक्ष्मी को खीर और पीली कौड़ी अर्पित करें। साथ ही लाल गुलाब या कमल का फूल चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में धन की कोई कमी नहीं होगी।
- मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु प्रयागराज में मोक्षदायिनी गंगा में स्नान का आनंद लेते हैं। पूरे माघ माह में गंगा स्नान करके आप आसानी से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। उनके आशीर्वाद से धन, संपत्ति, सुख, समृद्धि, वंश आदि की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
- शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन 11 लौंग और कपूर से हवन किया जाता है। फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। इससे आर्थिक संकट दूर हो जाएगा। साथ ही उधार दिया हुआ पैसा निकट भविष्य में वापस मिल जाएगा।
- मौनी अमावस्या पर रात के समय 5 लाल गुलाब और 5 जलते हुए दीपक नदी में बहा दें। इस उपाय के प्रयोग से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
- मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में सूर्यास्त के बाद उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के घी का दीपक जलाएं अर्थात घर के ईशान कोण में दीपक जलाएं । यह दीपक की बाती लाल रंग में होनी चाहिए। चाहें तो केसर भी मिला सकते हैं। यह दीपक आपको माता लक्ष्मी को स्मरण करते हुए जलाना चाहिए। इसके बाद श्री सूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में धन, सुख और समृद्धि आएगी।
- मौनी अमावस्या के अवसर पर सुबह स्नान करें। फिर पितृों को जल अर्पित करें। भोजन, वस्त्र, कंबल, फल, अनाज आदि का दान करें। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे उनके लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे आपके पितृ प्रसन्न होंगे। उनके आशीर्वाद से धन, समृद्धि, संतान, शांति आदि की कमी दूर हो जाती है।
- मौनी अमावस्या में स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें। सूर्य देव को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- इस दिन पीपल के पेड़ को अर्घ्य दें, उसकी परिक्रमा करें और दीप दान करें। यदि आप इस दिन उपवास नहीं कर सकते हैं, तो आपको मीठा आहार लेना चाहिए।
इस तिथि को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या भी कहा जाता है। इसे योग आधारित उपवास इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे करने वाले व्यक्ति को दिन में मौन व्रत रखना पड़ता है। पवित्र ग्रंथों में भी लिखा है कि होठों से भगवान का नाम लेने से जो फल प्राप्त होता है, वह हरि का नाम लेते समय हृदय की माला घुमाने से प्राप्त होने वाले फल से कई गुना अधिक होता है। इस दिन साधु की तरह मौन रहना अच्छा होता है। यदि मौन रहना संभव न हो तो अपने मुँह से कठोर शब्द न निकलने दें। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने का विधान है।
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