Mahamrityunjay Mantra Lyrics in Hindi: महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव शंकर को समर्पित है। इस विशेष मंत्र का जाप करने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्रों में भी इस मंत्र का उल्लेख किया गया है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है तो उसका जीवन भयमुक्त, रोगमुक्त होने के साथ उसके जीवन से अकाल मृत्यु का डर भी दूर हो जाता है।
शिवपुराण और अन्य पुराणों में भी महामृत्युंजय मंत्र के महत्व के बारे में जानकारी दी गई है। शिवपुराण में बताया गया है कि, जो व्यक्ति नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है उसे सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। आज हम आपको महामृत्युंजय मंत्र के लिरिक्स, मंत्र पाठ के नियम, और फ़ायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व (Mahamrityunjay Mantra Ka Mahatva)
महामृत्युंजय अर्थात, मृत्यु को जीतने वाला। शास्त्रों में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र को विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसका जाप करने से शिव शम्भू प्रसन्न हो जाते हैं और आपके सभी प्रकार के रोग, दोष और डर को दूर कर देते हैं।
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता हैं। मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि, जो व्यक्ति नियमित रूप से 108 बार इस मंत्र का जाप करता है उसको अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र लिरिक्स (Mahamrityunjay Mantra Lyrics in Hindi)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
लघु मृत्युंजय मंत्र (Short Mahamrityunjay Mantra)
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra Full)
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ॥
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ (Mahamrityunjay Mantra Meaning in Hindi)
इस मंत्र का हिंदी में अर्थ यह है कि हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जिस प्रकार ककड़ी बेल के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार वे हमें भी मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें ताकि हमें मोक्ष कि प्राप्ति हो जाए।
महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि (Mahamrityunjay Mantra Jaap Vidhi)
- मृत्युंजय मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धार कर लें।
- अब शिवलिंग के सामने बैठकर शिवलिंग की दूध, जल, फल, फूल, इत्यादि से पूजा करें। अब धूप, दीप जलाकर महामृत्युंजय मंत्र जाप आरम्भ करें।
- घर पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए पहले मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा करने के पश्चात घर आकर भोलेनाथ के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करने के बाद मंत्र का जाप शुरू करें।
- आप इस मंत्र का जाप सोमवार के दिन से शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा सावन महीने में किसी भी दिन या शिवरात्रि के दिन भी इस मंत्र का जाप शुरू किया जा सकता हैं।
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हमेशा रुद्राक्ष की माला से ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- महामृत्युंजय मंत्र जाप करते समय शब्दों का उच्चारण बिलकुल सही होना चाहि। गलत उच्चारण से मंत्र निष्प्रभावी हो जाता है।
- अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवा रहे हैं तो इसका जाप सवा लाख बार और लघु मृत्युंजय मंत्र का 11 लाख बार जाप कराना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र जाप के नियम (Mahamrityunjay Mantra Jaap ke Niyam)
- इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि, कभी भी ज़मीन पर बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप न करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय हमेशा किसी आसन या कुश के आसन पर बैठें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा एक जगह पर बैठ कर करना चाहिए। इसलिए इस मंत्र का जप करने से पहले घर या फिर मंदिर में कोई जगह निर्धारित करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा पूरब दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए। हमेशा अपने मन को एकाग्रचित करके ही इस मंत्र का जाप करें।
- आप जितने दिन भी इस मंत्र का जप करते हैं उतने दिन प्याज लहसुन और मांसाहार भोजन का सेवन ना करें।
- महामृत्युंजय मंत्र के जाप की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ाते जाएँ। इसे कम ना करें।
- जब तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें तब तक शिवलिंग के समक्ष धूप और दीपक जलते रहने चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे (Mahamrityunjay Mantra Jaap ke Fayde)
- नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से लम्बी आयु का वरदान मिलता है और अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।
- रोज़ाना महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मनुष्य निर्भय बनता है। इसके अलावा इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकर की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
- नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मनुष्य को धन-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है। जो मनुष्य रोज़ाना इस मंत्र का जाप करता है उससे भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और उसे कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
- रोज़ाना इस मंत्र जाप करने से मनुष्य को यश की प्राप्ति होती है।
- अगर आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से आपके ऊपर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। रोज़ाना इस मंत्र का जाप करने से आपकी संतान प्राप्ति की कामना पूरी हो जाएगी।
- नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से कुंडली से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा दोष दूर हो जाते हैं।