Somvar Vrat Katha in Hindi: शास्त्रों में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है। सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित किया गया है। मान्यताओं के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो उसे सोमवार व्रत करके पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से विवाह में आ रही सभी रुकावटें दूर हो जाएँगी। सोमवार व्रत करने से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं सोमवार व्रत का महत्व, सोमवार व्रत की कथा और सोमवार के दिन भोले भंडारी को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं।
सोमवार व्रत का महत्व (Somvar Vrat Ka Mahatva)
शास्त्रों में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन व्रत करके भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करता है उस व्यक्ति पर भगवान शिव और पार्वती जी की कृपादृष्टि बनी रहती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब चन्द्रमा क्षय रोग से पीड़ित हो गए थे तब उन्होंने सोमवार के दिन व्रत करके भगवान शिव की पूजा की थी। चन्द्रमा की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न हो गए थे और उन्होंने चन्द्रमा को क्षय रोग से मुक्ति का वरदान दिया था।
सोमवार व्रत के नियम (Somvar Vrat ke Niyam)
- अगर आपने सोमवार व्रत किया है तो इस दिन सुबह देर तक न सोएं।
- सुबह उठकर अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं।
- सोमवार के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्र धारण ना करें।
- अगर आपने सोमवार व्रत किया है तो इस दिन तामसिक चीज़ों का सेवन ना करें।
- भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी हल्दी, रोली, और तुलसी का पत्र का इस्तेमाल न करें।
सोमवार पूजा विधि (Somvar Vrat Puja Vidhi)
- सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा करने के लिए प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात भगवान शिव की पूजा का संकल्प लें।
- अब अपने घर के मंदिर में भोलेनाथ और मां पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें।
- अब भगवान शिव और माता पार्वती को चंदन का तिलक लगाने के बाद अक्षत, पान, सुपारी चढ़ाएं।
- अब महादेव को उनकी प्रिय सामग्री बिल्व पत्र, धतूरा, भांग के साथ रूद्राक्ष व चंदन अवश्य अर्पित करें।
- इसके बाद भोलेनाथ और माता पार्वती को फल, फूल, आदि चढ़ाकर सोमवार व्रत की कथा पढ़ें या सुने।
- शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को मालपुए बहुत पसंद है इसलिए आप उन्हें भोग के रूप में मालपुए अर्पित करें।
- अंत में भगवान शिव की आरती करने के बाद प्रसाद वितरित करें।
सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha in Hindi)
प्राचीन काल में एक नगर में एक निसंतान साहूकार रहता था। साहूकार संतान प्राप्त करने के लिए प्रत्येक सोमवार को व्रत करके पूरी श्रद्धा और आस्था के से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करता था। साहूकार की भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने भगवान शिव को साहूकार को संतान प्राप्ति का बरदान देने को कहा। देवी पार्वती द्वारा बार-बार कहने पर भगवान शिव ने उनकी बात मान कर साहूकार को पुत्र प्राप्ति का वरदान दे दिया। पर उस बालक की उम्र सर्फ बारह वर्ष थी। बारह वर्षों तक जीवित रहने के पश्चात् बालक की मृत्यु हो जाती। साहूकार का बालक जब ग्यारह साल का हो गया तो उसे शिक्षा प्राप्त करने के लिए काशी भेज दिया। काशी जाते समय रास्ते में एक कन्या का विवाह एक काने राजकुमार से हो रहा था।
राजा ने राजकुमार के काने होने की बात छुपाने के लिए कन्या का विवाह साहूकार के बेटे से करा दिया। साहूकार के बेटे ने कन्या की चुनरी के पल्ले पर लिखकर उसे सच्चाई बता दी। सच्चाई जानने के बाद कन्या ने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। अपनी पुत्री की बात सुनकर कन्या के पिता ने अपनी बेटी को विदा नहीं किया। इधर साहूकार का पुत्र अपने मामा के साथ शिक्षा ग्रहण करने के लिए काशी पहुंच गया। वहां जाकर उन्होंने उन्होंने यज्ञ किया। यज्ञ के दिन बालक बारह वर्ष का होने वाला था। लड़के की तबियत बिगड़ने पर मामा ने उसे जाकर सोने के लिए कहा। जैसे ही बालक सोया भगवान शिव के वरदान के अनुसार बालक की मृत्यु हो गई।
अपने भांजे को मरा हुआ देखकर मामा रोने लगा। तभी उधर से माता पार्वती और भगवान शिव जा रहे थे। साहूकार के पुत्र को मरा हुआ देखकर माता पार्वती ने महादेव से कहा कि बालक को जीवित कर दे। शिव जी ने कहा कि इस बालक की आयु पूरी हो चुकी है इसलिए इसकी मृत्यु हो गई। परंतु बार-बार माता पार्वती के आग्रह करने पर भगवान शिव ने बालक को जीवित कर दिया। भगवान शिव के आशीर्वाद से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद लड़का अपने घर की तरफ चल दिया। बालक अपने मामा के साथ उसी शहर में पहुंच गया जहां उसका विवाह हुआ था। उस समय नगर में यज्ञ का आयोजन चल रहा था। राजा ने लड़के को देखते ही पहचान लिया और ख़ुशी ख़ुशी अपनी पुत्री को बालक के साथ विदा कर दिया। इधर साहूकार और उसकी पत्नी अपने बेटे की प्रतीक्षा में भूखे प्यासे बैठे थे। उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि अगर उनके बेटे की मृत्यु हो गई तो वो भी अपने प्राण त्याग देंगे।
अपने बेटे को जीवित देखते ही साहूकार और उसकी पत्नी बहुत प्रसन्न हुए। उसी रात साहूकार के स्वप्न में भगवान शिव प्रकट हुए और कहा कि मैं तुम्हारे सोमवार के व्रत करने से बहुत प्रसन्न हूं। इसलिए मैंने तुम्हारे पुत्र को लंबी उम्र का वरदान दिया है। जो कोई मनुष्य पूरी श्रद्धा के साथ सोमवार का व्रत करता है उसकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सोमवार व्रत के फायदे (Somvar Vrat Ke Fayde)
- अगर आपकी कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति कमज़ोर हैं तो सोमवार के दिन व्रत करके महादेवकी पूजा करें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो जाएगी।
- सोमवार के दिन व्रत करके पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भोलेनाथ की पूजा करने से शरीर के रोग दूर होने के साथ घर-परिवार में भी सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- अगर कोई व्यक्ति सोमवार के दिन व्रत करके भोलेनाथ की पूजा करता है तो उसके सभी पा नष्ट हो जाते हैं।
- सोमवार व्रत करने से मनुष्य को मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- अगर आपके वैवाहिक जीवन में समस्या चल रही है तो सोमवार का व्रत करें। ऐसा करने से पति पत्नी के बीच का प्रेम बढ़ता है और दांपत्य जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।
- अगर आपके घर में हमेशा कलेश और अकारण वाद-विवाद का माहौल रहता है या फिर आप लम्बे समय से किसी कानूनी मामले में फंसे हुए हैं तो सोमवार का व्रत करें। इस व्रत को करने से इन सभी समस्याओं का समाधान हो जायेगा।
सोमवार के दिन क्या उपाय करें (Somvar Ke Din Kya Upay Kare)
- भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त रने के लिए सोमवार के दिन व्रत करके शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करने के बाद उन्हें रुद्राक्ष अर्पित करें। इसके पश्चात उन्हें भोग के रूप में घी, शक्कर, गेहूं के आटे का भोग चढ़ाएं। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
- अगर आप लम्बे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं तो सोमवार के दिन ए सूर्योदय के समय शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें। इसके बाद प्रदोष काल में शहद चढ़ाएं। सवार के दिन रुद्राक्ष की माला से सुबह शाम ‘ॐ नमो धनदाय स्वाहा’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आपके जीवन से धन की कमी दूर हो जाएगी।
- कारोबार और व्यापार में तरक्की प्राप्त करने के लिए सोमवार के दिन शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करें। अब इस दूध को तांबे में बर्तन में एकत्रित कर लें। बाद में इस दूध को ‘ॐ नम: शिवाय:’ मंत्र का जप करते हुए अपने कार्य स्थल पर छिड़क दें।