भगवान राम, जिन्हें रामचन्द्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। पृथ्वी पर उनके भौतिक जीवन का पता त्रेतायुग के समय से लगाया जा सकता है। वे महाकाव्य रामायण के मुख्य पात्र हैं और हिंदू संस्कृति में सर्वोच्च पदों में से एक में प्रतिष्ठित हैं। सभी लोग भक्तिभाव से भगवान राम की पूजा करते हैं।
भगवान राम की पूजा में उनकी स्तुति और आरती का विशेष स्थान है। आज के समय में श्री राम की स्तुति के लिए अनेकों भक्त उनकी महिमा का बखान करते हुए आरती लिखते हैं। ऐसे में गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित भगवान राम की आरती सबसे विशेष है। इस लेख में हम उसी आरती से सम्बंधित जानकारी आपको देने वाले हैं।
श्री राम जी की आरती (Shree Ram ji ki Aarti)
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
श्री राम जी की आरती का महत्त्व
सभी देवी-देवताओं की पूजा में आरती का विशेष महत्त्व होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आरती बिना पूजा कभी पूर्ण नहीं मानी जाती है। घर में भगवान राम की आरती करने से घर की जितनी भी नकारात्मकता होती है, वह नष्ट हो जाती है। घर में माता महालक्ष्मी की भी कृपादृष्टि बनी रहती है और बजरंगबली जी भी भक्तजन की रक्षा करते हैं। भगवान राम की पूजा करने से व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के साथ सामंजस्य, बेहतर समझ और विश्वास मिलता है।
श्री राम जी की आरती की विधि (Ram ji ki Aarti Lyrics in Hindi)
- मंदिर या पूजा स्थल पर स्वयं का शुद्धिकरण करने के पश्चात बैठें।
- भगवान की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
- भगवान के मस्तक पर कुमकुम एवं चन्दन से तिलक लगाएं।
- धूप-दीप, पुष्प आदि समर्पित करें एवं प्रणाम करके प्रार्थना करें।
- अब लगातार घंटी बजाते हुए आरती शुरू करें।
- आप पूजा के बाद बांटने के लिए प्रसाद के रूप में कुछ फल भी भगवान को भोग लगाकर बाँट सकते हैं।
- आरती पूर्ण होने पर सभी परिवार वालों के माथे पर तिलक लगाएं और कलाई पर मौली बांधें।
श्री राम की आरती के लाभ (Ram ji ki Aarti Benefits in Hindi)
- श्री राम की आरती में उनके रूप एवं लीलाओं का वर्णन मिलता है। इसके पाठ से साधक कम समय में भगवान का अधिक श्रद्धा से चिंतन करने में सक्षम होता है।
- भगवान की कृपा से भक्त जन में सकारात्मक ऊर्जा विकसित होती है।
- भगवान राम अपने पावन चरित्र के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं। उनका ये चरित्र भक्तों को सदैव प्रभावित करता है।
- रोजाना घर में घंटी एवं शंख की ध्वनि के साथ आरती गाने पर घर से नकारात्मकता का नाश होता है।
भगवान राम अपने भक्तों को बुद्धि और समृद्धि प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति भगवान राम की पूजा करता है वह परेशानी मुक्त जीवन जीने में सक्षम होता है और उसकी जीवनसाथी के साथ एक मजबूत समझ विकसित होती है। भगवान अपने भक्तों को रोगमुक्त जीवन का आशीर्वाद देते हैं। भगवान मोक्ष प्राप्त करने और भौतिकवादी दुनिया से खुद को मुक्त करने में मार्गदर्शन और मदद करते हैं।
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