इस वर्ष, मीन संक्रांति का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में मीन संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन दान और स्नान को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे तो संक्रांति हर महीने होती है, लेकिन मीन राशि में संक्रांति का अपना विशेष अर्थ होता है। इस दिन से पूरे एक महीने तक शुभ कार्य और मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं। साथ ही यह जानना भी ज़रूरी है कि मीन संक्रांति पर क्या दान करें और इसका क्या महत्व है। आइये इन सभी बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
मीन संक्रांति में दान का महत्त्व (Meen Sankranti ka Daan)
मकर संक्रांति की तरह मीन संक्रांति का भी विशेष महत्व है। यदि आप इस दिन दान-पुण्य करेंगे या पवित्र जल एवं नदी में स्नान करेंगे तो आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी, आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा, आपकी सभी चिंताएं समाप्त हो जाएंगी और आप सुखी जीवन व्यतीत कर पाएंगे। चूंकि सनातनधर्म में शुरू से ही दान देने की परंपरा का विशेष स्थान रहा है, इसलिए इस दिन सूर्य से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। दान का बड़ा प्रभाव होता है और यह समृद्धि का सूचक होता है। संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से न सिर्फ शत्रु पराजय होती है बल्कि हर तरह की नकारात्मकता भी खत्म हो जाती है। इसके अलावा इस दिन व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक दोष दूर हो जाते हैं, उसकी आत्मा और हृदय शुद्ध हो जाता है और मन शांत हो जाता है।
वस्त्रों का दान
मीन संक्रांति के दिन विशेषकर ज़रूरतमंदों को वस्त्र दान करें। इससे व्यक्ति दरिद्रता से मुक्त होता है और सूर्य देव की कृपा उस पर बनी रहती है। इसके अलावा, दान से सदैव सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली परिवार में आती है।
अन्न का दान
मीन संक्रांति के दिन अन्न का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस प्रकार व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है, उसके जीवन की बाधाएं दूर हो सकती हैं और उसके धन में भी वृद्धि होती है। ज़रूरतमंदों को दान अवश्य करना चाहिए, जिससे हर दुविधा का समाधान मिल जाता है।
ईष्ट देव की सेवा
मीन संक्रांति के दिन अपने ईष्ट देव को पीले फूल अर्पित करें और मंदिर में केले का दान करें। मीन संक्रांति के दिन आप मंदिर में लाल वस्त्र का दान भी कर सकते हैं। चूँकि बुधवार को मीन संक्रांति का दिन है इसलिए सूर्य की पूजा से पूर्व विघ्नहर्ता श्री गणेश की आरती या भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें। मीन संक्रांति के दिन पीले या लाल भोजन का भोग अर्पित करें।
गुड़ का दान
मीन संक्रांति सूर्यदेव को समर्पित है। उन्हें गुड़ भी बहुत पसंद है। इसलिए मीन संक्रांति के दिन विशेष रूप से गुड़ का दान करें। यह सौभाग्य, समृद्धि और खुशी लाता है। मान-सम्मान भी बढ़ सकता है। साथ ही अगर आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति ख़राब है तो वह मज़बूत एवं बेहतर हो सकती है।
मूंगफली का दान
मीन संक्रांति का संबंध मंगल ग्रह से है। इसलिए इस संक्रांति पर मूंगफली का दान करने से व्यक्ति मंगल दोष से छुटकारा पा सकता है और अपने सुखों में वृद्धि कर सकता है। साथ ही पारिवारिक समस्याएं भी सुलझ सकती हैं।
इस दिन ये कार्य होते हैं निषेध
मीन संक्रांति के दिन से मलमास या खरमास शुरू होता है। ऐसे में यथासंभव पूजा-पाठ विधि के अनुसार तो करना चाहिए, लेकिन शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, नए घर में गृह प्रवेश आदि की योजना नहीं बनानी चाहिए। मीन संक्रांति से लेकर अगले महीने के अंत तक आपको किसी भी तरह के शुभ कार्य और उत्सव आयोजन से बचना चाहिए।
मीन संक्रांति के दिन ख़ास तौर पर सूर्य का मीन राशि में प्रवेश शुभ फल का सूचक है और इस राशि परिवर्तन के प्रभाव से तरक्की के द्वार खुलेंगे। इसके अलावा कई अन्य ग्रह भी प्रभावित होते हैं। सूर्य को मान-सम्मान, वैभव और धन का कारक माना जाता है। मान्यता है कि संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने और सूर्य देव की पूजा करने से समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करेंगे तो आपको सौभाग्य की प्राप्ति होगी और व्यक्ति आकर्षक ऊर्जा से चमक उठेगा। इस दिन सूर्य पूजा के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
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