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Hanuman Ji ki Aarti in Hindi: संकटमोचन हनुमान करेंगे आपकी रक्षा! रोज़ाना कीजिए आरती का पाठ

Hanuman Ji ki Aarti Lyrics in Hindi

सनातन धर्म में हनुमान जी को सबसे शक्तिशाली और बुद्धिमान देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि कलयुग में सभी देवताओं में से एकमात्र हनुमान ही देव हैं जो अभी भी जीवित हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है, जिनका जन्म रामायण काल ​​में भगवान श्री राम की सहायता के लिए हुआ था। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग जीवन में व्याप्त चिंताओं से मुक्ति पाने के लिए भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। हनुमान चालीसा में भी उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। हनुमान जी की पूजा के दौरान हनुमान आरती का विशेष महत्व है।

ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की आरती करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। अगर घर में नियमित रूप से हनुमान जी की आरती की जाए तो कोई भी नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं। इसके अलावा घर पर हनुमान जी की आरती करने से भी कई फायदे होते हैं। आज के इस लेख में आप हनुमान जी की आरती और उसके महत्व तथा उससे जुड़े लाभ और सावधानियों के बारे में जानेंगे।

हनुमान जी की आरती का महत्त्व (Shri Hanuman ji ki Aarti)

माना जाता है कि बजरंगबली को अमरता का वरदान प्राप्त है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग जीवन को घेरने वाली चिंताओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। हनुमान चालीसा में भी उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। हनुमान जी की पूजा में हनुमान आरती का विशेष महत्व है।

प्राचीन हिंदू धर्म में, ईश्वर आरती करने का अर्थ यह माना जाता है कि भक्त किसी प्रतिष्ठित देवता की पूजा में डूब जाता है और उसे अपनी भक्ति से प्रसन्न करता है। भगवान की आरती करने से, भक्त भगवान की सभी समस्याओं को अपने ऊपर ले लेता है और उसे थोड़े समय के लिए ही सही, मुक्ति का एहसास कराता है। 

आरती का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिस देवता के साथ हम आरती कर रहे हैं उसका ध्यान करने से हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो हमारी आत्मा को प्रबुद्ध करती है और हमें एक सार्थक मार्ग पर चलने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि अगर पूजा के दौरान मंत्र का जाप नहीं किया जाता है, तो भी आरती करने पर आपकी भक्ति की पुष्टि हो जाती है और वह सिद्ध होती है।

हनुमान जी की आरती  (Hanuman ji ki Aarti Lyrics in Hindi)

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे।

बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संत जन तारे।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

हनुमान जी की आरती की विधि (Hanuman Aarti Vidhi)

हनुमान जी की पूजा के ये हैं लाभ (Shri Hanuman Aarti Benefits in Hindi)

ध्यान रखने योग्य बातें

मंगलवार के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा होती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। इन्हें बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें पवन पुत्र भी कहा जाता है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन पूजा के दौरान व्यक्ति को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही हनुमान जी की पूजा करते समय उनकी आरती भी करनी चाहिए। हनुमान जी की आरती करने से वह प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति पर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है तो उसे हनुमान जी की आरती करनी चाहिए।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है जिन्हें सामान्य जनरूचि के लिए विभिन्न माध्यमों से संग्रहित किया गया है। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इस सूचना को उपयोग में उपयोगकर्ता स्वयं की ज़िम्मेदारी पर लें। इसका उद्देश्य किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय, धार्मिक एवं व्यक्तिगत विश्वासों को ठेस पहुँचाना नहीं है।

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