हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूजा करने से जीवन में सुख और सौभाग्य आता है। साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी, मंगलवार को रखा जाएगा साथ ही इस दिन मासिक शिवरात्री का योग भी रहेगा। ऐसे में व्रत करने वाले को भगवान शिव की पूजा करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होगी। यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ेगा इसलिए इसे भौम प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ दिन पर भगवान शिव और देवी पार्वती की भक्ति उनके भक्तों को उनकी इच्छाओं का वरदान देते है। आज के लेख में हम आपको प्रदोष व्रत से जुड़ी बहुत महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ देने वाले हैं। आप जानेंगे की प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही प्रदोष व्रत के कुछ खास उपाय, नियम और व्रत का लाभ के बारे में भी आप इस लेख में जानेंगे।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Date and Time)
प्रदोष व्रत त्रयोदशी को किया जाता है। इस बार त्रयोदशी तिथि 8 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 58 मिनट से 9 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 9 जनवरी 2024 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत का महत्त्व (Pradosh Vrat Importance in Hindi)
हिंदू धर्म ग्रंथों में प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है। प्रदोष व्रत के पीछे एक कथा है। मान्यता है कि चंद्रदेव को क्षय रोग था जिसके कारण उन्हें मृत्यु के समान पीड़ा से गुजरना पड़ता था। भगवान शिव ने चंद्रदेव के दोष का निवारण करने के लिए त्रयोदशी के दिन पुनः जीवन दिया। तब से इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा। प्रत्येक महीने में जिस प्रकार दो एकादशी होती हैं उसी प्रकार 2 प्रदोष व्रत भी होते हैं। हर अलग-अलग दिन पढ़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष सोम प्रदोष कहलाता है इसी प्रकार मंगल को आने वाला प्रदोष भौम प्रदोष कहलाता है। इसी प्रकार सबका लाभ महत्व और नाम अलग-अलग है।
यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। 2024 का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। ऐसे में जो व्यक्ति लंबे समय से शादी को लेकर परेशान है और उसे मनचाहा वर या वधू नहीं मिल रहा है तो वह तुरंत प्रदोष देख सकता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने और कुछ उपाय करने से विवाह का सुख मिलता है और भगवान शिव वर-वधू को आशीर्वाद देते हैं।
प्रदोष व्रत पर ज़रूर करें ये उपाय (Pradosh Vrat Upay)
- एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें एक बेलपत्र, चुटकी भर हरा मूंग और गुड़ की डली डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। कहते हैं ऐसा करने से विवाह के योग दृढ़ होते हैं और भगवान शिव अपने भक्तों को अच्छे वर वधू का आशीर्वाद देते हैं।
- कहा जाता है कि प्रदोष व्रत के दौरान लड़कियां लाल रंग के वस्त्र पहनें तत्पश्चात भगवान शिव और मां गौरी की पूजा करें तो इससे भी शादी के योग जल्दी बनते हैं।
- इस दिन मंगल से संबंधित सभी वस्तुएं जैसे गुड़, लाल वस्त्र, मसूर की दाल, तांबा आदि का दान करने से सौ गौ दान करने के बराबर फल मिलता है।
- पुराणों में वर्णित है कि त्रयोदशी की रात के पहले पहर में जो व्यक्ति शिव जी की प्रतिमा के दर्शन करता है, उसके समस्त समस्याएं हल होती है।
- यदि कुंडली में शुक्र अशुभ या कमजोर है तो प्रदोष व्रत के दिन स्नान करने के बाद जल में शहद, सुगंध और सफेद तिल मिलाकर इस जल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
- प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और उन्हें सिन्दूर चढ़ाना चाहिए। प्रदोष में भगवान शिव के अलावा हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।
- इस दिन मंगलदेव के 21 नामों का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि इससे मांगलिक दोष शांत होता है। विवाह करने की इच्छा पूरी होती है।
- आर्थिक संकट से उबरने के लिए इस दिन ॐ ऐं भ्रीं हनुमते, श्री राम दूताय नम: मंत्र का जाप करें।
- भौम प्रदोष व्रत के दिन रेशमी वस्त्र से एक मंडप बनाएं। फिर आटे और हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। शिवलिंग स्थापित करें और बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार के फूल और पंचगव्य की पूजा करें। ऐसा कहा जाता है कि इससे स्त्री-पुरुष के बीच की दूरियां खत्म हो जाती हैं। विचार मिलते हैं और प्रेम बढ़ता है।
- ज्योतिषी के अनुसार, यदि आप भौम प्रदोष के व्रत के दिन शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाते हैं और 11 बार शिव चालीसा और 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो आपको कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी।
- अगर आप अपना मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं तो प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव पर कच्चा दूध चढ़ाएं। ऐसे में कुंडली में चंद्रमा मजबूत होगा और महादेव और माता पार्वती की पूजा से आपको मनचाहा वर मिलेगा।
इन नियमों का अवश्य करें पालन (Pradosh Vrat Niyam in Hindi)
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान ध्यान करके भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए और व्रत का संकल्प करना चाहिए।
- प्रदोष व्रत के दिन लगभग पूरा दिन व्रत करना चाहिए। इस दिन बिना पानी पिए व्रत करना अधिक फलदायी होता है।
- रात में फिर से भगवान शिव की पूजा करने के बाद फल खाकर अपना व्रत तोड़ते हैं। ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत के दौरान गलती से भी नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- साथ ही इस दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दौरान अपने मन और शरीर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। इसलिए इस दिन भगवान शिव मंत्र का जाप करें।
- चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने के बाद भोजन करें। इसे व्रत पारण भी कहा जाता है।
- प्रदोष व्रत के दिनों में उपवास करने वालो को प्याज, लहसुन, मांस, दाल, उड़द, तंबाकू और शराब जैसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रदोष व्रत के लाभ (Pradosh Vrat Benefits in Hindi)
- जो भी व्यक्ति प्रदोष के दिन व्रत रखता है और केवल फल और जल का सेवन करता है, उसका चंद्रमा चाहे कितना भी खराब क्यों न हो, अच्छा होने लगता है।
- प्रदोष व्रत का सही ढंग से पालन करने से आप चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं।
- प्रदोष व्रत करने से चंद्रमा, शुक्र, बुद्ध, बृहस्पति, मंगल और सूर्य सहित सभी ग्रहों में सुधार होने लगेगा। इसके अलावा ये सभी गृह आशाजनक परिणाम भी प्रदान करते हैं।
- प्रदोष के दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती है और अगर इस व्रत को विधिपूर्वक किया जाए तो सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- प्राचीन मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी प्रदोष व्रत करता है उसे जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आती और उसके जीवन में धन-समृद्धि बनी रहती है।
- प्रदोष से करियर में तेजी से वृद्धि होती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके शत्रुओं का नाश होता है।
- प्रदोष व्रत सर्वसिद्धि दिलाने वाला व्रत है।
हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखने की परंपरा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। यदि आप प्रदोष व्रत करेंगे तो जीवन की सभी चिंताएं दूर हो जाएंगी। भौम प्रदोष के दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो जाता है।
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