भारतीय संस्कृति में बसंत पंचमी को वसंत ऋतु का आगमन और सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी कला प्रेमियों और छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पर्व का आयोजन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है। हर वर्ष यह पर्व फरवरी या मार्च माह में आता है। मगर साल 2024 में बसंत पंचमी की तिथि को लेकर कुछ संदेह उत्पन्न हो रहा है कि क्या यह 14 फरवरी को होगा या 15 फरवरी को। तो चलिए आपको बताते हैं भारत में बसंत पंचमी (Basant Panchami 2024) 14 फरवरी को मनाया जायेगा या 15 फरवरी को।
बसंत पंचमी का महत्व 2024 (Basant Panchami ka Mahatva)
बसंत पंचमी भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण और धार्मिक पर्व है जो वसंत ऋतु के आगमन का संकेत करता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती को शिक्षा, कला, और साहित्य की देवी मानी जाती है। इस दिन विशेष तौर पर स्कूल और कॉलेजों में बच्चों द्वारा सरस्वती माता की पूजा का आयोजन किया जाता है। छात्रों द्वारा सरस्वती माता की पूजा उनकी कृपा पाने के लिए और विद्या के सामर्थ्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जायेगी या 15 फरवरी को (Basant Panchami 2024)
साल 2024 में बसंत पंचमी के दिन की तारीख के बारे में कुछ विवाद उत्पन्न हो रहा है क्योंकि 14 और 15 फरवरी, दोनों ही तिथियाँ संभावित हैं और यह स्थानीय पंचांग और ज्योतिषीय गणना के आधार पर निर्भर करेगा। मगर ज्यादातर गणना के आधार पर साल 2024 में बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी।
स्थानीय पंचांग और ज्योतिषीय गणना में अंतर हो सकता है, जिससे इस पर्व के दिन की तिथि का संदेह उत्पन्न हो रहा है। कुछ क्षेत्रों में 14 फरवरी को ही बसंत पंचमी का आयोजन होता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में 15 फरवरी को हो सकता है।
सरस्वती पूजा 2024 शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurat 2024)
14 फरवरी को सरस्वती पूजा करने का शुभ समय सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक होगा। ऐसी मान्यता हैं कि अगर आप देवी सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करेंगे तो आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी।
बसंत पंचमी पर वैवाहिक मुहूर्त की जानकारी (Basant Panchami Vivah Muhurat 2024)
पौराणिक कथाओं और किवदंतियों के अनुसार बसंत पंचमी पर साल 2024 में विवाह का ऐसा मुहूर्त पड़ रहा हैं जिसमें बिना किसी विद्वान की सलाह के भी विवाह कर सकते हैं। बसंत पंचमी का दिन इतना शुभ माना जाता हैं कि इस दिन से होलिका दहन की तैयारियां शुरू की जाती है।
साल 2024 में भले ही तिथि को लेकर संदेह हो मगर आप 14 या 15 जब भी आप यह पर्व सेलिब्रेट करें धूमधाम से करें। ऐसा कहा जाता है जो भी व्यक्ति इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को सुख-शांति भरे मन से मनाएं और सरस्वती माता से शिक्षा और ज्ञान की कृपा प्राप्त करें।
बसंत पंचमी के दिन पढ़ें सरस्वती चालीसा
पौराणिक कथाओं के अनुसार हर दिन देवी सरस्वती चालीसा का पाठ करना चाहिए मगर बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा वाले दिन इसे विशेष तौर पर पढ़ना चाहिए। सरस्वती चालीसा का पाठ अत्यधिक लाभ देने वाला माना जाता है। हंसवाहिनी, सत्य लोक में निवास करने वाली, माँ शारदा ,विधा के देवी माँ सरस्वती चालीसा का नित्य पठन करने से माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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