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Jyeshtha Purnima 2024: कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, इस दिन गंगा स्नान करने से आएगी जीवन में खुशहाली

Purnima in June 2024: ज्येष्ठ मा​ह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान किया जाता है। पर अक्सर ऐसा होता है कि, तिथि के समय की वजह से ज्येष्ठ पूर्णिमा के व्रत पहले और ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान अगले दिन किया जाता है। पूर्णिमा तिथि में होने वाले चंद्रोदय पर ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की तारीख निर्धारित होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन उपवास करने के बाद सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। इसके साथ ही रात्रि में चंद्रमा के अलावा धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं की कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा का मुहूर्त और चंद्रोदय समय क्या है, तथा इस दिन क्या उपाय करने चाहिए।

ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है (Purnima in June 2024)

हिंदू पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ मा​ह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 जून शुक्रवार को प्रात: 07:31 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 22 जून शनिवार को प्रात: 06: 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार 22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जाएगी।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कब है (Jyeshtha Purnima Vrat Kab Hai)

21 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत किया जायेगा। इस दिन ही चन्द्रमा पूर्णिमा तिथि में उदय होगा। ऐसे में जो लोग पूर्णिमा का व्रत करते हैं वो पूर्णिमा व्रत रखकर 21 जून की रात को चंद्रमा की पूजा करेंगे।

किस दिन किया जायेगा ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान?

ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान

इस साल 22 जून शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान किया जाएगा। शास्त्रों में ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान करने के लिए सूर्य का पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होना जरूरी माना जाता है। 22 जून को प्रातःकाल 5:24 मिनट पर सूर्योदय होगा। 

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 के दिन कब होगा चंद्रोदय (Jyeshtha Purnima Par Chandrodaya Ka Samay)

ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात 21 जून के दिन शाम 07:04 मिनट पर चंद्रोदय होगा और 22 जून को सुबह 05:11 चंद्रमा का अस्त होगा। 

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व (Jyeshtha Purnima Ka Mahatva)

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा नदी के अलावा अन्य पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने के पश्चात् भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रदोष है तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करने से यह दोष दूर हो जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत करके स्नान करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। अगर आप इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करते हैं तो इससे आपके परिवार में सुख और शांति आती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रात्रि के वक़्त माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा इस दिन दान करने से चंद्रमा का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किए गए दान-पुण्य और नदी स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है। इससे भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं। इस पूर्णिमा को वट पूर्णिमा भी कहा जाता है। अखंड सौभाग्‍य प्राप्त करने के लिए इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि (Jyeshtha Purnima Puja Vidhi)

ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय (Jyeshtha Purnima Ke Upay)

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