Gayatri Mantra in Hindi: गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सर्वाधिक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली मंत्र की मान्यता प्राप्त है। यह महामंत्र है जिसमें ईश्वर की ऊर्जा समाहित है। देवी गायत्री को चारों वेदों की रचियता माना जाता है। इस पूरी सृष्टि पर उपस्थित सबसे प्राचीन पुस्तक ऋगवेद का प्रारंभ ही गायत्री मंत्र से होता है, जिस कारण गायत्री मंत्र को वेदों का सार भी माना जाता है।
किसी भी मंत्र का उच्चारण यदि उसके पूर्ण ज्ञान और अर्थ के साथ किया जाये तो वह बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। गायत्री मंत्र भी ऐसे ही शुभ फल प्रदान करने वाला महामंत्र है जिसके जप मात्र से व्यक्ति दिव्य ऊर्जा का अनुभव करता है। आज के लेख में आप जानेंगे की गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है।साथ ही आप जानेंगे की गायत्री मंत्र के पाठ से क्या लाभ होते हैं और गायत्री मंत्र के महत्त्व को भी समझेंगे तथा इसका जाप किन सावधानियों के साथ कैसे किया जाना चाहिए, यह भी आप जानेंगे।
गायत्री मंत्र का महत्त्व (Gayatri Mantra Significance in Hindi)
गायत्री मंत्र बाकि मन्त्रों से भी अधिक प्रभावशाली माना गया है। इस मंत्र का जाप यदि एक निर्धारित समय और नियम के अनुसार किया जाए तो यह अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है। कई ज्योतिषियों द्वारा विद्यार्थियों को गायत्री मंत्र का जाप करने की हिदायत दी जाती है क्योंकि यह मानसिक एकाग्रता और ज्ञान की वृद्धि करने वाला शुभ मंत्र है।
यह क्रोध शांत करता है और तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से मुक्त करता है। मान्यता है की यह किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति को बेहतर करता है और समाज में मान सम्मान की वृद्धि करता है।इसके नियमित जप से सारी नकारात्मकताएं दूर होती है और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।इस मंत्र का लगातार जाप किया जाए तो इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है और शांति मिलती है।
गायत्री मंत्र लिरिक्स (Gayatri Mantra Lyrics in Hindi)
ॐ भूर् भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं ।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र का अर्थ (Gayatri Mantra Meaning in Hindi)
‘ॐ भूर् भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ इसका अर्थ है कि उस दुखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ,प्राणस्वरूप तेजस्वी, पापनाशनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान करें।वो परमात्मा हमारी बुद्धि को सुमार्ग में प्रेरित करें।
इसके जप से हमें भगवान से अनेकों आशीर्वाद की प्राप्ति होती है तथा हम भगवान से हमारी दिव्य चेतना जाग्रत करने और उनकी दयादृष्टि हम पर हो, ऐसी प्रार्थना करते हैं।इस मंत्र की स्तुति मात्र से हमें माता गायत्री और ब्रम्हदेव की कृपा प्राप्त होती है।
गायत्री मंत्र के फ़ायदे (Gayatri Mantra ke Fayde)
गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करने वाला साधक अनेकों प्रकार से लाभान्वित होता है। इससे होने वाले मुख्य लाभों को हम निम्न्वर्णित शीर्षकों के अंतर्गत समझ सकते हैं:
- विद्यार्थियों के लिए लाभकारी
विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए शांत चित्त, एकाग्रता और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है।गायत्री मंत्र के जाप से उनमे आत्मविश्वास का विकास होता है और जाप करते समय जब ध्यान लगाते हैं तो उससे मन शांत भी होता है और एकाग्रता भी विकसित होती है। इस प्रकार यह विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक है।
- निरोगी शरीर
गायत्री मंत्र की ध्वनियाँ हमारे शरीर के सारे चक्रों को शुद्ध करती है और यह हमारे मन, बुद्धि और शरीर पर बहुत प्रभाव डालता है।इसके जाप से हमें सौभाग्य और आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है।
- सिद्धियाँ प्रदान करने वाला मंत्र
जब साधक गायत्री मंत्र का जाप गुरु के मार्गदर्शन में करता है तो गुरु के आशीर्वाद और गायत्री महामंत्र की महिमा से उसे सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।परन्तु यह इतना सरल नहीं है।इसके लिए विधिवत कठोर तप और साधना की आवश्यकता होती है।
- सफलता प्रदान करने वाला मंत्र
इसके जाप से सभी सफलताएं प्राप्त होती हैं।क्योंकि इस मंत्र के जाप से एकाग्रता बढती है और व्यक्ति में सकारात्मकता और नवऊर्जा का संचार होता है जिससे वह अधिक से अधिक मेहनत करता है और अपने लक्ष्य को प्राप्त भी करता है।
- मानसिक शांति और क्रोध से मुक्ति
गायत्री मंत्र के लगातार उच्चारण और जाप से मन का क्रोध शांत होता है और जीवन में शांति आती है।
- ऊर्जा का संचार
गायत्री मंत्र अन्य कई मंत्रों से ज्यादा प्रभावशाली माना गया है और शास्त्रों में भी इस मंत्र में को अत्यंत शक्तिशाली बताया गया है। माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में उत्साह एवं सकारात्मकता आती है और व्यक्ति हर कठिनाई को बहुत सरलता से धैर्यपूर्वक पार कर लेता है।
- वास्तविक चेतना का ज्ञान
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है। उसे ज्ञात होता है की ईश्वर ने उसे इस प्धरती पर अपने साथ बाकि जीवों की भी सहायता और कल्याण के लिए भेजा है।इसलिए व्यक्ति सत्मार्ग पर चलता है धर्म और सेवा जैसे कार्य करने लगता है। इस मंत्र के जप से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
गायत्री मंत्र जाप की विधि (Gayatri Mantra Jaap Vidhi)
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए वैसे तो कोई निश्चित दिन या समय की आवश्यकता नहीं है, परन्तु यदि आप नियमित रूप से इस मंत्र का जप करना चाहते हैं, तो आपको एक निश्चित समय चुनना होगा।
- सर्व प्रथम पूजा का कक्ष, अपना शरीर और मन पूर्णतः शुद्ध करेंI
- एक आसन पर बैठें (यदि प्रातःकाल पूजन कर रहे हैं तो पूर्व दिशा की ओर मुख करें और यदि संध्याकाळ में पूजन कर रहे हैं तो पश्चिम दिशा की और मुख करें)
- वातावरण की शुद्धि और पूजा करने के लिए धुप और दीप जलाएं।
- अब माता गायत्री का ध्यान कर उन्हें प्रणाम करें।
- इसके पश्चात जाप प्रारंभ करें।
- जाप मंद स्वर में करें।
- जाप अपनी क्षमता के अनुसार कम से कम 108 बार अर्थात 1 माला अवश्य करें और यदि आप इससे अधिक कर सकते हैं तो 3,5,7 माला भी कर सकते हैं।
- जाप करने के पश्चात माता को एक बार पुनः प्रणाम करें।
गायत्री मंत्र जप के समय ध्यान रखने योग्य बातें (Gayatri Mantra Chanting Rules in Hindi)
मंत्र का उच्चारण यदि सही प्रकार से न किया जाये तो सही परिणाम मिलने की सम्भावना नहीं होती। इसलिए आवश्यक है की मंत्र का जाप शुरू करने से पहले सभी नियम जान लिए जायें। मंत्र जाप करते समय इन सभी नियमों का पालन करें।
- जाप करते समय सूती वस्त्र धारण करना उचित रहता है।
- आसन हमेशा ज़मीन पर होना चाहिये और न ही ज्यादा ऊंचा हो और न ही बिलकुल नीचा।
- कुश के आसन का प्रयोग सर्वोत्तम होता है।
- गायत्री मंत्र का जाप करते समय मानसिकता, विचार, भाव आदि के साथ भौतिक स्वच्छता भी आवश्यक होती है।
- इस मंत्र का जाप यदि गुरु का मार्गदर्शन में किया जाए तो अत्यंत लाभदायक होता है।
- गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष, तुलसी और चंदन की माला से करना सही रहता है।
- मंत्र का जप करते समय इसके एक एक शब्द के उच्चारण की ध्वनि पर ध्यान केन्द्रित करें।
गायत्री मन्त्र का नियमित रुप से और एक निश्चित समय पर जप करने से व्यक्ति के आसपास की नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है जिसमे आलोकिक ऊर्जा निवास करती है।इसके जप से व्यक्ति का तेज बढ़ता है और मानसिक चिन्ताओं से मुक्ति मिलती है।यदि इस मंत्र के अर्थ को समझकर इसका पूरी एकाग्रता के साथ जाप किया जाए तो व्यक्ति के शरीर में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो ईश्वर की दिव्य शक्ति का बोध कराता है।साथ ही व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता और मेधाशक्ति यानी स्मरणशक्ति बढ़ती है इसलिए यह शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए ये मंत्र सर्वश्रेष्ठ है। ऋषियों ने गायत्री मन्त्र को हर मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है।