इस वर्ष 25 मार्च की होली है। होली पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। होली उत्सव के लिए मंदिर परिसर को भी विशेष रूप से सजाया गया है। बुधवार को रंगभरी एकादशी के मौके पर राम लला भी राम मंदिर में रंग-गुलाल का आनंद लेते नज़र आए।
मंदिर परिसर में श्रद्धालु एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर रंगभरी एकादशी मनाते देखे गए। हालाँकि, रविवार को अधिक भीड़ होने की उम्मीद है। श्रीराम की नगरी में बुधवार को साधु-संतों में रंगभरी एकादशी का उत्साह देखने को मिला। साधु-संत खुलकर इस दिन उत्सव का आनंद लेते नजर आए। भगवान श्री रामलला के विराजित होने के बाद अयोध्या की पहली रंगभरी एकादशी बड़े धूमधाम से मनाई गई। रंगभरी एकादशी पर हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जी पर गुलाल चढ़ाने के साथ उत्सव की शुरुआत हुई। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अयोध्या में हुआ रंगभरी एकादशी पर होली उत्सव (Rangbhari Ekadashi in Ayodhya)
बाज़ारों में पिचकारी और गुलाल की चमक है और धार्मिक नगरी अयोध्या के मठ-मंदिरों में देवताओं के लिए फगुआ गीत गाए जा रहे हैं। अवध में होली के दिन प्रिया और उनके प्रिय भगवान राम और माता सीता होली के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। लाल साहब मंदिर के महंत रामनेरेश शरण दास ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन से ही अयोध्या के सभी मठ मंदिरों में होली की शुरुआत हो चुकी है। यह परंपरा कई वर्षों से जारी है।
भक्तजन अयोध्या में होली मनाते नजर आ रहे हैं और साधु-संत भगवान के साथ होली के रंग में सराबोर हैं। अयोध्या के हर मठ-मंदिर में भी श्रद्धालु फगवा गाने में डूबे हुए हैं और पूरी रामनगरी में गुलाल से होली खेली जा रही है। फगवा गीत ढोल-मंजीरे के साथ भगवान के लिए गाये जा रहे है। श्रद्धालु जन भगवान की प्रसन्नता में नृत्य करते देखे जा हैं।
हनुमान गढ़ी के साधू मंदिर-मंदिर खेलते हैं होली (Hanumangarhi Holi Celebration)
रंगभरी एकादशी विशेष अवसर पर अयोध्या में नागा साधु सड़कों पर और मंदिरों में रंगीन गुलालों के साथ हनुमान गढ़ी के पवित्र निशान के साथ होली खेलते हैं। हनुमानगढ़ी के सरपंच मुरली दास ने कहा कि होली के मौके पर साधु-संतों का काफिला बैंड-बाजे के साथ अयोध्या की सड़कों पर सब कुछ भूलकर होली के हुड़दंग में शामिल हो गया। साधु और संत एक मंदिर से दूसरे मंदिर गए, संगीत वाद्ययंत्रों के साथ तरह-तरह के करतब दिखाते हुए और सड़कों पर रंग बिखेरते हुए होली उत्सव में आनंदित हुए।
हनुमानगढ़ी के महंत हेमंत दास जी के उत्तराधिकारी महंत ज्ञान दास और महंत राजू दास ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी स्वयं सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण देने के लिए जा रहे हैं, इसलिए उनकी पवित्र निशानी विशेषकर साल में केवल एक बार निकाली जाती है।
अबीर-गुलाल से रंगी दिखीं अयोध्या की सड़कें (Holi Celebration in Ayodhya)
रंगभरी एकादशी पर विधिवत होली उत्सव की शुरुआत होती है। फाल्गुन शुक्ल एकादशी के पर्व पर रामनगरी के संत-महंतों ने भगवान को अबीर-गुलाल उड़ाकर होली खेलकर भगवान के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त किया। होली का उत्सव हनुमानगढ़ी से प्रारंभ हुआ। इस मौके पर धार्मिक नगरी अयोध्या की सड़कें अबीर और गुलाल से सजी हुई थीं। परंपरागत रूप से अयोध्या के मुख्य मार्ग सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी से कड़ी सुरक्षा के बीच संत की शोभा यात्रा शुरू हुई। ढोल की थाप पर साधु-संत जमकर थिरके और अखाड़े के पहलवानों ने भी कला प्रदर्शन किया और शौर्य दिखाया। यहां होली के लिए खास तौर पर कचनार के फूलों से गुलाल बनाया गया है। इसके अलावा फूलों से हर्बल गुलाल भी बनाया गया।
भक्तों को प्रसाद रूप में लगाया गुलाल (Holi 2024 in Ayodhya)
पूरे भारत से आये निर्वाणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी के 500 संतों ने एक दूसरे पर गुलाल उड़ाकर होली खेली। पहले संतजनों ने श्री हनुमान के निशान की पूजा की। सभी संतों ने होली खेलते हुए अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा की। ब्रह्ममुहूर्त में ही रामनगरी के 10 हजार से अधिक मंदिरों के गर्भगृह में विराजमान भगवान के गालों पर आरती और सज्जा के साथ गुलाल लगाया गया। अवध में होली की शुरुआत में, गुलाल का उपयोग मंदिरों में जाने के अलावा भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में भी किया गया। अबीर से सराबोर रामनगरी की संस्कृति का आनंद और भी उज्जवल हो गया।
500 वर्ष बाद श्री रामलला के लिए बड़ा होली का उत्साह
हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने अबीर से होली खेल एक-दूसरे को मंगल शुभकामनाएं दीं। यह परंपरा कई वर्षों से जारी है। इस वर्ष होली बड़े पैमाने पर मनाई जाएगी और होली को लेकर उत्साह और भी अधिक होगा क्योंकि भगवान राम 500 वर्षों में पहली बार भव्य महल में विराजमान होकर होली खेलेंगे।
होली खेलें रघुबीरा, अवध में होली खेले रघुबीरा। होली के खास मौके पर गाए जाने वाले इस खास अवध गीत को सुनने से होली के स्वरूप और परंपराओं की बेहतर समझ होती है। इस बार की होली अयोध्या के लिए राम की होली है क्योंकि रामलला महान दिव्य मंदिर में विराजमान हैं। वैसे तो अयोध्या में होली के कई रंग देखने को मिलते हैं। साधु-संतों के अनुसार इस दिन वे स्वयं भगवान राम के साथ होली खेलेंगे।
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