मार्च के महीने में अनेकों व्रत-त्यौहार पड़ते हैं।सनातन धर्म में फाल्गुन पूर्णिमा तिथि जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस अवसर पर श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा विधान से व्रत किया जाता है। मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन दान करने का और भी अधिक महत्व है। क्योंकि इस दिन होली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे की फाल्गुन पूर्णिमा व्रत की सही तिथि क्या है और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या हैं। साथ ही जानेंगे की किन वस्तुओं का दान करना चाहिए और इस दिन चंद्रग्रहण की स्थिति क्या रहेगी।
कब है फाल्गुन पूर्णिमा? (Falgun Purnima Kab Hai 2024)
इस बार विक्रम संवत 2080 पंचांग के अनुसार देखें तो फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9:55 बजे शुरू होकर 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे पूर्ण रूप से समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 25 मार्च 2024, सोमवार को रखा जाएगा और इस दिन देशभर में होली का त्योहार बड़े ही पावन और अद्भुत उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इसी दिन चंद्रग्रहण भी होगा पर उसका पर्व पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
फाल्गुन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Falgun Purnima Shubh Muhurat 2024)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, ध्यान और पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस ख़ास दिन पर सुबह 4:45 से 5:32 तक ब्रह्ममुहूर्त रहेगा । इसके अलावा दान करने के लिए इस दिन अभिजीत मुहूर्त का बहुत महत्व होता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:30 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि पर वृद्धि योग बनेगा और रात्रि 9:30 बजे तक रहने वाला है। साथ ही इस दिन सुबह 10:38 बजे से हस्त नक्षत्र लग रहा है। पूर्णिमा तिथि के समय में 24 मार्च सुबह 07:34 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 06:29 तक सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा।
फाल्गुन पूर्णिमा महत्त्व (Falgun Purnima Vrat Mahatva)
धार्मिक ग्रंथ कहते हैं कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन दान और पवित्र नदियों में स्नान आदि करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है। इस ख़ास दिन पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने की भी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु की आरती करने से अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के दोषों से भी छुटकारा मिल जाता है। अगर आप इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो आपके जीवन से आर्थिक परेशानियां भी दूर हो जाएंगी और सुख-समृद्धि का आनंद मिलेगा। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन तर्पण जैसे अनुष्ठान पर विशेष जोर दिया जाता है। इन्हें करने से आपके पितृ प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देंगे।
इन चीज़ों का करें दान (Falgun Purnima Daan)
सनातन धर्म में हर त्योहार पर विशेष वस्तुओं का दान करने का अधिक महत्व है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार गरीबों को वस्त्र और दक्षिणा दान करें। ऐसा माना जाता है कि इन वस्तुओं का दान करने से समृद्धि आती है और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। इसके बाद कन्याओं को खीर खिलाएं। इसी के साथ मंदिर में पीले वस्त्र का दान ब्राह्मण को करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को जीवन में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
फाल्गुन पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की स्थिति
साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा पर सुबह 10:24 बजे शुरू होगा और सूर्य ग्रहण दोपहर 3:01 बजे खत्म होगा। चूंकि यह उपछाया चंद्र ग्रहण है और भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए ग्रहण काल या सूतक काल नहीं माना जायेगा। ऐसी परिस्थिति में भी फाल्गुन पूर्णिमा पर स्नान, दान और पूजा-पाठ किया जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में सभी तिथियों के बारे में विस्तार से बताया गया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण तिथि पूर्णिमा तिथि है। पूजा-पाठ के अलावा पूर्णिमा तिथि पर स्नान, व्रत कथा के पाठ और दान का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर व्रत करने से जीवन में परेशानियां दूर होती हैं, अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है और इन्हीं कारणों से फाल्गुन पूर्णिमा एक विशेष दिन बन जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन विशेष दिनों में दान करने से आपका कल्याण होता है।
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