हिंदू कैलेंडर के अनुसार, होलिका दहन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। अगले दिन होली का त्यौहार होता है। 2024 में होली का त्यौहार 25 मार्च को मनाया जाएगा। लेकिन ये होली खास है। होली पर 2024 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा और इसका असर त्योहार पर पड़ेगा। दरअसल, सबसे पवित्र महीना फाल्गुन का महीना है और फाल्गुन माह की पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। इस समय ग्रहों की स्थिति पर नजर डालें तो चंद्रमा कन्या राशि में है। पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और इस दिन भद्रा का साया भी रहता है। सामान्य तौर पर चन्द्र ग्रहण और होली भद्रा को लेकर स्थिति को समझना जरूरी है। आइये जानते हैं की ग्रहण के रहते होली कैसे मनाई जाएगी और ग्रहण का समय क्या रहेगा। साथ ही जानते हैं की सूतक काल की स्थिति क्या होगी और किन जगहों पर ग्रहण देखने को मिलेगा।
साल 2024 का पहला चन्द्र ग्रहण (Chandra Grahan 2024 Kab Hai)
यह नए साल का पहला चंद्र ग्रहण है और 25 मार्च 2024 को होगा। यह चंद्र ग्रहण उपछाया में होगा और कुल 4 घंटे की अवधि में समाप्त हो जायेगा। इस दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारे से होकर गुजरता है। इस दौरान, चन्द्र ग्रहण पूर्ण या आंशिक ग्रहण की तुलना में बहुत हल्का होता है और इसे नग्न आंखों से देखना मुश्किल होता है। चन्द्र ग्रहण का समय: सुबह 10:23 बजे से दोपहर के 3:02 बजे तक रहेगा और इसकी कुल अवधि 4 घंटे 36 मिनट मानी जा रही है।
यह रहेगा पूर्णिमा और ग्रहण का समय (Chandra Grahan Date and Time in Hindi)
आपको बता दें कि इस बार होलिका दहन 24 मार्च को रात में होगा। अगर फाल्गुन माह की पूर्णिमा की बात करें तो पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पूर्णिमा तिथि भी 25 मार्च को होगी। इस बार होलिका दहन भी देर शाम को होगा क्योंकि होलिका दहन पर भद्रा रहेगी। भद्रा खत्म होने के बाद ही होलिका दहन की तैयारी होगी।
पंचांग की गणना के अनुसार 2024 में होली 25 मार्च को मनाई जाएगी और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को 09:57 बजे प्रारंभ होकर 25 मार्च को 12:32 बजे समाप्त होगी। ऐसे में होली का त्योहार 25 मार्च को चंद्र ग्रहण के साए में मनाया जाएगा।
क्या रहेगा सूतक काल? (Chandra Grahan 2024 Sutak Timings)
सूतक काल में वातावरण में कई नकारात्मक तत्व मौजूद होते हैं। यह समय काफी प्रतिकूल माना जाता है। सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चंद्र ग्रहण 10:23 बजे शुरू होगा और 03:02 बजे तक रहेगा। इस हिसाब से सूतक एक दिन पहले की रात में शुरू होता, लेकिन इस साल का चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। चूँकि चन्द्र ग्रहण भारत में दिखाई ही नहीं देगा इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए यहां त्योहार, पूजा आदि के दिन सूतक काल भी लागू नहीं होता है अर्थात कोई प्रभाव नहीं होगा। बिना किसी समस्या के त्यौहार मनाया जा सकता है।
ऐसा कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण का न केवल वैज्ञानिक महत्व है बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि ग्रहों की स्थिति बदलने से सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इन जगहों पर दिखेगा ग्रहण (Chandra Grahan 2024 Place)
होली के दिन पढ़ने वाला वर्ष 2024 का पहला चंद्र ग्रहण संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, दक्षिणी नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन इसका असर 12वीं राशि पर जरूर पड़ेगा।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। चूंकि सूतक मान्य नहीं है इसलिए इसका असर होली के त्योहार पर नहीं पड़ता इसलिए आप बिना किसी चिंता के होली का त्योहार मना सकते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण का प्रभाव किसी न किसी राशि पर जरूर पड़ता है। इस बार चन्द्र कन्या राशि में होने के कारण यह कन्या राशि को थोड़ा प्रभावित कर सकता है। वहीँ मिथुन, सिंह, मकर और धनु राशि पर इस चंद्र ग्रहण का बहुत शुभ प्रभाव रहेगा।
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