माघ पूर्णिमा, हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा तिथि को कहा जाता है। माघ पूर्णिमा 2024 का आयोजन 23 फरवरी को होगा। इस अवसर पर, भगवान विष्णु, भगवान शिव और माँ लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली समस्त कठिनाइयों का समाधान होता है। इस पूर्णिमा को माघ मास की अंतिम तिथि के रूप में भी जाना जाता है और इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। तो चलिए इस लेख में जानते हैं माघी पूर्णिमा कब है, माघी पूर्णिमा पूजा विधि, पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियां और माघ पूर्णिमा में पढ़ें जाने वाले मंत्रों के बारे में।
माघ पूर्णिमा पूजा विधि (Magha Purnima Puja Vidhi 2024)
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें
पूजा की शुरुआत के लिए, सुबह के समय गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। इससे शरीर की शुद्धि होती है और व्यक्ति माघ पूर्णिमा की पूजा के लिए तैयार होता है। इस दिन घर में पानी में गंगा जल ड़ाल कर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- पूजा स्थल की सजावट करें
भगवान विष्णु की मूर्ति या शालिग्राम शिला को सुषम्मा, गंध, और पुष्पों से सजाकर पूजा स्थल को सजाएं। इससे मंदिर की शुद्धि होती हैं इसलिए मंदिर को पवित्र स्थान का दर्ज़ा देते हैं।
- धूप-दीप जलाएं
पूजा के दौरान धूप और दीपों का अर्पण करें। यह भगवान की प्रीति में सहायक होता है और आत्मा को पवित्रता का अहसास कराता है। इस दिन सुगंधित धुप जलानी चाहिए।
- पुष्प और चंदन अर्पण करें
माला और चंदन का उपयोग करके भगवान को पूजें। माला से मन को एकाग्रचित्त करें और चंदन से भगवान की मूर्ति को अर्पित करें। भगवन विष्णु को चन्दन अत्यंत प्रिय है।
- पूजा आराधना करें
माघ पूर्णिमा के दिन, भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। तुलसी के पत्ते, फल, और फूलों से उन्हें पूजें। इस दिन आप चाहें तो सफ़ेद फूल भी अर्पित कर सकते हैं।
- मंत्रों का जाप करें
माघ पूर्णिमा के दिन, विष्णु सहस्त्रनाम या माधव नाम सहित विष्णु मंत्रों का जाप करें। मंत्रों का जाप मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है।
माघ पूर्णिमा में किन मंत्रों का जाप करें (Magh Purnima Puja Mantra)
विष्णु भगवान का महामंत्र कौन सा है?
ॐ नमोः नारायणाय नमः। ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः। किवदंतियों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन इस मंत्र का जाप करने से मन की सभी इच्छाएं पूरी होती है।
भगवान नारायण का मूल मंत्र क्या है?
ॐ नमो नारायणाय। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।
माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप कब करें?
शास्त्रों और वेदों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी रहता है। माघ पूर्णिमा के अलावा वैशाख, कार्तिक और श्रावण में भी भगवान विष्णु की आराधना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
क्या माघी पूर्णिमा के दिन विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ना चाहिए?
हाँ, वैदिक किवदंतियों के अनुसार विष्णु सहस्त्रनाम जरूर पढ़ना चाहिए,भगवान विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है, इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ने से श्री हरि की कृपा से सारे काम आसानी से बनने लगते हैं। माघी पूर्णिमा के अलावा हर गुरूवार को भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कर सकते हैं।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के नियम किया है?
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से पहले स्नान करना जरुरी है, स्नान करने के बाद व्रत रख कर पाठ करें और व्रत का पारण कर सात्विक और उत्तम भोजन से ही करें। इस दिन पीलें वस्त्र पहनने चाहिए।
माघ पूर्णिमा पूजा की सामग्री (Magha Purnima Puja Samagri List 2024)
- गंगाजल या पवित्र नदी का जल
- तुलसी के पत्ते
- फूल
- धूप
- दीप
- चंदन
- पीलें वस्त्र
- सफ़ेद फूल
पूर्णिमा के दिन के लिए व्रत का नियमित अनुसरण करने के लिए संकल्प जरूर करना चाहिए, माघ पूर्णिमा का आयोजन एक अद्वितीय साधना है जो श्रद्धालुओं को भगवान के साथ संबंध बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है। इस पूर्णिमा के दिन, विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और दान करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस शुभ दिन को ध्यानपूर्वक मनाकर, भक्ति और श्रद्धा से भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है। जो व्यक्ति अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करना चाहतें हैं और जीवन को श्री हरी के चरणों में खुद को सौपना चाहते हैं उन्हें माघी पूर्णिमा का व्रत जरूर करना चाहिए, ऐसा माना जाता हैं की जो व्यक्ति पूरे विधि विधान से माघी पूर्णिमा का व्रत करता है उसके जीवन में कभी धन धान्य की कमी नहीं होती और उसे वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है।
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