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Bajrang Baan Lyrics in Hindi: रोज़ाना करें बजरंग बाण का पाठ, दूर हो जायेंगे सभी कष्ट और संकट

बजरंग बाण लिरिक्स

Bajrang Baan Lyrics in Hindi: शास्त्रों के अनुसार बजरंगबली की पूजा करने से भक्तों के कष्ट, परेशानियां, भय और रोग दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि, भगवान हनुमान बहुत जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमानजी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। मान्यताओं के अनुसार बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। आज हम आपको बजरंग बाण के महत्व और पाठ विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। 

बजरंग बाण का महत्व (Bajrang Baan Ka Mahatva)

हिन्दू धर्म में बजरंग बाण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से  सभी प्रकार के भयों से मुक्ति मिलने के साथ भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है। विशेष रूप से मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से बजरंग बलि बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्रों में मंगलवार के दिन को हनुमानजी को समर्पित किया गया है। अगर कोई व्यक्ति मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करता है तो उसे  कई अचूक लाभ मिलते हैं।

बजरंग बाण लिरिक्स (Bajrang Baan Lyrics in Hindi)

|| दोहा ||

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। 

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ 

|| चौपाई ||

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ 

जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ 

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ 

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ 

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ 

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ 

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ 

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ 

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ 

जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ 

जय हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ 

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ 

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

 जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ 

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ 

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ 

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ 

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ 

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ 

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ 

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ 

जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥ 

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥ 

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥ 

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥ 

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥ 

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥ 

अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥ 

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥ 

पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥ 

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥ 

धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥ 

|| दोहा ||

प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान।

तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।

बजरंग बाण पाठ विधि (Bajrang Baan Path Vidhi)

बजरंग बाण का पाठ करने के फायदे (Bajrang Baan Ke Fayde)

बजरंग बाण के उपाय (Bajrang Baan Ke Upay)

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