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Khatu Shyam Chalisa Lyrics: मनोकामनाएं पूरी करने के लिए रोज़ाना करें खाटू श्याम चालीसा का पाठ

Khatu Shyam Chalisa Lyrics

Khatu Shyam ji Chalisa: खाटू श्याम भगवान को श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता हैं। इसके अलावा खाटू श्याम को बर्बरीक के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान के खाटू नगर में खाटू श्याम का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें खाटू श्याम विराजमान हैं। शास्त्रों के मुताबिक खाटू श्याम जी को युद्ध का देवता माना जाता है। खाटू श्याम को वीरता, साहस और शक्ति के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है। खाटू श्याम भगवान को प्रसन्न करने के लिए खाटू श्याम चालीसा का पाठ एक सरल तरीका है।

आज हम आपको खाटू श्याम चालीसा के लिरिक्स, महत्व, और पाठ विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

खाटू श्याम चालीसा का महत्व (Shri Khatu Shyam Chalisa Ka Mahatva)

शास्त्रों खाटू श्याम चालीसा के पाठ को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। नियमित रूप से इस चालीसा का पाठ करने से भक्तों को भगवान खाटू श्याम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। रोज़ाना खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से मनुष्य में वीरता, साहस, और शक्ति आती है। इस चालीसा का पाठ करने जीवन में सफलता प्राप्त होती है। अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से बाबा खाटू श्याम जी की चालीसा का पाठ करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

खाटू श्याम चालीसा लिरिक्स (Khatu Shyam Chalisa Lyrics)

॥ दोहा॥

श्री गुरु चरणन ध्यान धर,

सुमीर सच्चिदानंद ।

श्याम चालीसा भजत हूँ,

रच चौपाई छंद ॥

॥ चौपाई ॥

श्याम-श्याम भजि बारंबारा ।

सहज ही हो भवसागर पारा ॥

इन सम देव न दूजा कोई ।

दिन दयालु न दाता होई ॥

भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया ।

कही भीम का पौत्र कहलाया ॥

यह सब कथा कही कल्पांतर ।

तनिक न मानो इसमें अंतर ॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा ।

भक्तन हेतु मनुज तन धारा ॥

बासुदेव देवकी प्यारे ।

जसुमति मैया नंद दुलारे ॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी ।

वृजकिशोर गोवर्धन धारी ॥

सियाराम श्री हरि गोबिंदा ।

दिनपाल श्री बाल मुकुंदा ॥

दामोदर रण छोड़ बिहारी ।

नाथ द्वारिकाधीश खरारी ॥

राधाबल्लभ रुक्मणि कंता ।

गोपी बल्लभ कंस हनंता ॥ 

मनमोहन चित चोर कहाए ।

माखन चोरि-चारि कर खाए ॥

मुरलीधर यदुपति घनश्यामा ।

कृष्ण पतित पावन अभिरामा ॥

मायापति लक्ष्मीपति ईशा ।

पुरुषोत्तम केशव जगदीशा ॥

विश्वपति जय भुवन पसारा ।

दीनबंधु भक्तन रखवारा ॥

प्रभु का भेद न कोई पाया ।

शेष महेश थके मुनिराया ॥

नारद शारद ऋषि योगिंदरर ।

श्याम-श्याम सब रटत निरंतर ॥

कवि कोदी करी कनन गिनंता ।

नाम अपार अथाह अनंता ॥

हर सृष्टी हर सुग में भाई ।

ये अवतार भक्त सुखदाई ॥

ह्रदय माहि करि देखु विचारा ।

श्याम भजे तो हो निस्तारा ॥

कौर पढ़ावत गणिका तारी ।

भीलनी की भक्ति बलिहारी ॥ 

सती अहिल्या गौतम नारी ।

भई श्रापवश शिला दुलारी ॥

श्याम चरण रज चित लाई ।

पहुंची पति लोक में जाही ॥

अजामिल अरु सदन कसाई ।

नाम प्रताप परम गति पाई ॥

जाके श्याम नाम अधारा ।

सुख लहहि दुःख दूर हो सारा ॥

श्याम सलोवन है अति सुंदर ।

मोर मुकुट सिर तन पीतांबर ॥

गले बैजंती माल सुहाई ।

छवि अनूप भक्तन मान भाई ॥

श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती ।

श्याम दुपहरि कर परभाती ॥

श्याम सारथी जिस रथ के ।

रोड़े दूर होए उस पथ के ॥

श्याम भक्त न कही पर हारा ।

भीर परि तब श्याम पुकारा ॥

रसना श्याम नाम रस पी ले ।

जी ले श्याम नाम के ही ले ॥ 

संसारी सुख भोग मिलेगा ।

अंत श्याम सुख योग मिलेगा ॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले ।

मन के गोरे भोले-भाले ॥

श्याम संत भक्तन हितकारी ।

रोग-दोष अध नाशे भारी ॥

प्रेम सहित जब नाम पुकारा ।

भक्त लगत श्याम को प्यारा ॥

खाटू में हैं मथुरावासी ।

पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी ॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई ।

चहु दिशि जहां सुनी पाई ॥

वृद्ध-बाल जेते नारि नर ।

मुग्ध भये सुनि बंशी स्वर ॥

हड़बड़ कर सब पहुंचे जाई ।

खाटू में जहां श्याम कन्हाई ॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा ।

भव भय से पाया छुटकारा ॥

॥ दोहा ॥

श्याम सलोने संवारे,

बर्बरीक तनुधार ।

इच्छा पूर्ण भक्त की,

करो न लाओ बार ॥

खाटू श्याम चालीसा पाठ विधि (Shri Khatu Shyam Chalisa Path Vidhi)

खाटू श्याम चालीसा के फायदे (Khatu Shyam Chalisa Ke Fayde)

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