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Hanuman Chalisa Meaning in Hindi: इस चालीसा को पढ़ने से दूर हो जायेंगे सभी संकट, जानिए सम्पूर्ण हनुमान चालीसा का अर्थ

Hanuman Chalisa Lyrics with Meaning: हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा की जाती है। पर सभी देवी-देवताओं में से श्री हनुमान जी को बल और बुद्धि का दाता माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि, अगर कोई व्यक्ति भगवान श्री राम की कृपा प्राप्त करना चाहता है तो उसे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।

शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ सर्वोत्तम उपाय है। मान्यताओं के अनुसार नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख-शांति आती है। इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के सभी के कष्ट दूर हो जाते हैं और वह भयमुक्त हो जाता है। आज हम आपको हनुमान चालीसा का अर्थ बताने जा रहे हैं।

हनुमान चालीसा का महत्व (Hanuman Chalisa Ka Mahatva)

हनुमान चालीसा में चालीस छंद लिखे गए हैं। इन चालीस छंदों में सभी छंद अलग-अलग ग्रहों और उनकी ऊर्जाओं को दर्शाते हैं। ऐसा माना जाता है कि, हनुमान चालीसा के छंदों को गाकर, जीवन में इन ग्रहों के प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है। शास्त्रों में हनुमान चालीसा के पाठ को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके चारों ओर एक सुरक्षा कवच तैयार हो जाता है जो आपको हर प्रकार के नुकसान से सुरक्षित रखने के साथ जीवन में सकारात्मकता लाता है।

हनुमान चालीसा का अर्थ (Hanuman Chalisa Meaning in Hindi)

Hanuman Chalisa Lyrics with Meaning

।। दोहा।।

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि।

बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश बिकार॥

अर्थ – अपने मन के आईने को भगवान श्री राम के चरणों की धूल से साफ करें। श्री राम के यश का वर्णन करने से आपको धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रूपी चार फलों की प्राप्ति होगी। अपने आपको बुद्धिहीन समझकर पवन पुत्र हनुमान को याद करने से आपको बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होगी और सभी प्रकार के कष्ट, रोग और मन के दुखों से मुक्ति मिल जाएगी।


।। चौपाइयां।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥

राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥

अर्थ – हनुमान जी आप ज्ञान और गुणों के सागर हो, आपकी जय जयकार हो। तीनों लोक में सभी आपके बल और पराक्रम की चर्चा करते हैं, आपकी जय हो। हे रामदूत श्री हनुमान, आपकी शक्ति अतुलनीय है, आपको माता अंजनी के पुत्र हैं और आपको पवनपुत्र भी कहा जाता है।


महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।

कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा॥

अर्थ – हे पवनपुत्र हनुमान, आप अति बलवान और सबसे ज़्यादा वीर हैं, आपका शरीर पत्थर की तरह मजबूत हैं। आपकी उपासना करने से भ्र्ष्ट बुद्धि और नकारात्मक सोच नष्ट हो जाती है। आपके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। आपने जो अपने कानों में कुंडल पहने हैं और आपके घुंघराले बाल आपकी शोभा में चार चाँद लगाते हैं।


हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजै।

शंकर स्वयं केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग बंदन॥

अर्थ –  हनुमान जी ने अपने हाथों में गदा और ध्‍वज धारण किया हुआ है। इसके अलावा उन्होंने अपने कंधे पर मुंज का जनेऊ (मूंज एक प्रकार की घास होती है) पहना हुआ है, जो श्री हनुमान जी की शोभा को बढ़ाने का काम करता है। महादेव के अवतार और श्री केसरी के पुत्र, आपके बल और पराक्रम की पूजा पूरा  विश्व करता है।


विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥

अर्थ – हे पवन पुत्र, ज्ञानी, गुणी और अत्यंत बुद्धिमान हनुमान, आप हमेशा श्रीराम के कार्य करने के लिए तत्पर रहते हैं। आपको श्री राम जी की सेवा करना, उनका गुणगान करना और सुनना, दोनों ही प्रिय है। इसीलिए आप भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण के हृदय में विराजमान रहते हैं।


सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा।

भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र के काज संवारे॥

अर्थ – लंका पहुँचने पर श्री हनुमान जी बहुत लघु रूप धारण करके देवी सीता के समक्ष गए थे। इसके अलावा लंका दहन करते समय हनुमानजी ने भीम जैसा विकराल रूप धारण कर लिया था। अपने प्रभु श्री राम के काम को आसान बनाने के लिए हनुमान जी ने राक्षसों का नाश कर दिया था।


लाय सजीवन लखन जियाए, श्री रघुबीर हरषि उर लाए।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

अर्थ – लंका में युद्ध के दौरान घायल लक्ष्मण जी के लिए श्री हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आये थे और उनके प्राणों की रक्षा की थी। हनुमान जी की इस बात से प्रसन्न होकर श्री राम जी ने उन्हें अपने गले से लगाकर उन्हें अपने भ्राता भरत के समान ही प्रिय बताया था।


सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा॥

अर्थ – हनुमान जी द्वारा लक्ष्मण के प्राण बचाये जाने पर श्री राम ने उन्हें गले लगा कर कहा कि हे परम बलवान हनुमान, श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री ब्रह्मा, नारद जी, देवी सरस्वती आदि सभी आपके साहस का गुणगान गाते हैं।


जम कुबेर दिगपाल जहां ते, कबि कोबिद कहि सके कहां ते।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा॥

अर्थ – हे श्री हनुमान, यम और कुबेर भी आपकी महिमा का गुणगान करते हैं। आपकी कीर्ति का बखान करने में केवल कवि और महा ज्ञानी ही सक्षम हैं। आप हमेशा दूसरों पर उपकार करते हैं। आपने प्रभु श्री राम से सुग्रीव जी को मिलाया था, जिससे सुग्रीव को उनका राज्‍य दोबारा वापस मिल गया था।


तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेश्वर भए सब जग जाना।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

अर्थ – पूरे संसार को यह ज्ञात है कि विभीषण ने आपके दिखाए मार्ग पर चल कर ही लंका का राजपाट प्राप्त किया था। हे महा तेजस्वी हनुमान, पृथ्वी से सहस्त्र योजन दूर जिस सूर्य के तेज के कारण लोग उसकी तरफ अपनी आँखे नहीं उठा पाते, उसे आपने मीठा फल समझकर निगल लिया था।


प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लांघि गए अचरज नाहीं।

दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

अर्थ – श्री राम जी द्वारा दी गई मुद्रिका को माता सीता तक पहुंचाने के लिए आपने मुद्रिका को अपने मुंह में दबा कर सैकड़ों मील तक फैले समुद्र को पार कर लिया दिया था। आपकी कृपा होने पर दुनिया का हर मुश्किल कार्य आसानी से पूरा किया जा सकता है।


राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे।

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना॥

अर्थ – हे परम पूज्य हनुमान, आप हमेशा भगवान श्री राम के द्वार की रक्षा करते हैं। आपकी आज्ञा लिए बिना कोई भी भगवान श्री राम तक से नहीं मिल सकता। आपके चरणों में ही  इसलिए सुख का द्वार है। आप हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।


आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै।

भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै॥

अर्थ – श्री हनुमान जी, आपके अंदर इतना अधिक तेज है जिसे आपके अलावा कोई नहीं संभाल सकते हैं। हे बजरंग बली, जब आप ललकारते हैं तो तीनों लोक कांप उठते हैं। आपको भूत पिशाचों का स्वामी माना जाता है। इसलिए आपके भक्तों को भूत-पिशाचों का कोई डर नहीं रहता है।


नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।

संकट तै हनुमान छुडावै, मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥

अर्थ – नियमित रूप से श्री हनुमान जी के नाम का जाप करने से सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है। श्री हनुमान जी का नाम लेने से समस्त दुख और दर्द दूर हो जाते है। संकट के समय मन, कर्म, वचन से श्री हनुमान जी का नाम लेने से सारी समस्‍याएं दूर हो जाती है।


सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै,सोई अमित जीवन फल पावै॥

अर्थ – श्री हनुमान जी श्री राम चंद्र जैसे श्रेष्ठ और तपस्‍वी राजा के परम भक्त हैं। हनुमान जी श्रीराम जी के सभी कार्यों को सहजता से पूरा करते हैं। बस एक बार याद करने पर  बजरंगबलि अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को फ़ौरन पूरा कर देते हैं।


चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा।

साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥

अर्थ – हे परम पूजनीय हनुमान, आप हर युग में मौजूद हैं। पूरे संसार में आपकी महानता और पराक्रम प्रसिद्ध है। आप श्रीराम के प्रिय और राक्षसों का नाश करने वाले हो। इतनी प्रसिद्धि के बाद भी आप साधु संतों और कमज़ोर लोगों की रक्षा करते हैं।


अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।

राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा।

अर्थ – देवी सीता ने हनुमान जी को वरदान के रूप में आठ सिद्धियां और नौ निधियां प्रदान की हैं। भक्त अपनी श्रद्धा और आस्था से हनुमानजी को प्रसन्न करके इन अनमोल शक्तियों को हासिल कर सकते हैं। हनुमान जी को श्री राम के नाम की एक ऐसी औषधि प्राप्त है, जिससे वह किसी भी प्रकार की बीमारी को दूर कर सकते हैं।


तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै।

अंत काल रघुबर पुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई।

अर्थ – हे बजरंग बली, आपके नाम का जाप करके प्रभु श्री राम को प्रसन्न किया जा सकता है। आपको याद करने से ही समस्त दुख और पाप दूर हो जाते हैं। जो मनुष्य अपने अंतिम समय में आपकी शरण में जाता है, उसे मृत्यु के पश्चात् बैकुंठ की प्राप्ति होती है।


और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई।

संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

अर्थ – हे राम भक्त हनुमान, सिर्फ आपका नाम लेने से ही समस्त कष्टों का नाश हो जाता है और सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इसीलिए किसी और देवता को याद करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती हे। वीर हनुमान, केवल आपके नाम का जाप करने से ही आपके भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं।


जै जै जै हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई।

जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई॥

अर्थ – हे हनुमान आप हमेशा अपने भक्‍तों की रक्षा करते है। आपकी बारंबार जय हो। आप हमेशा एक गुरु की तरह मुझ पर ज्ञान की वर्षा करते है। आपकी कृपा प्राप्त होने से मेरे समस्त कष्ट दूर हो जाएंगे। अगर कोई व्यक्ति 100 बार इस चालीसा का करेगा तो उसे समस्त सुखों की प्राप्ति होने के साथ मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होगी।


जो यह पढ़े हनुमान चालीसा, होय सिद्ध साखी गौरीसा।

तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥

अर्थ – हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। महादेव का अंश होने के कारण हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को शिव की सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं और मनुष्य को जन्म-मृत्यु के फेर से मुक्ति मिल जाती है। तुलसीदास जी ने कहा है, मैं भगवान श्री राम का भक्त हूं बजरंग बली। आप भी मेरे हृदय में आकर बस जाएं।


।। दोहा।।

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

अर्थ – हे संकट मोचन हनुमान, आप श्री राम, माता सीता और श्री लक्ष्‍मण के साथ मेरे हृदय में निवास करें।

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