Maa Kali Chalisa Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में माँ काली को कालिका के नाम से भी जाना जाता है। माँ काली के अंदर भरपूर मात्रा में विनाशकारी शक्तियां मौजूद हैं। जिसकी वजह से उन्हें माँ काली के नाम से जाना जाता है। मां काली बुरी शक्तियों का नाश करने के साथ-साथ अच्छे कर्म करने वाले लोगों पर अपनी कृपा भी बरसाती हैं। रोज़ाना काली चालीसा का पाठ करने से लोगों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
काली माता चालीसा का महत्व (Kali Chalisa Ka Mahatva)
हिंदू धर्म में माँ काली चालीसा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। माँ काली चालीसा में 40 छंद है। सुख और समृद्धि प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से माँ काली चालीसा का पाठ करना चाहिए। खास कर नवरात्रि के नौ दिनों में माँ काली की चालीसा का पाठ बहुत लाभकारी होता है। माँ काली चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माँ काली को समर्पित किया गया है। कई लोग इस दिन माँ काली का व्रत भी रखते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन माँ काली की पूजा करने और रोजाना माँ काली की चालीसा पढ़ने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। माँ काली चालीसा पढ़ने से सभी बिगडे़ कम बन जाते हैं। जो लोग तंत्र विद्या सीखना चाहते हैं उनके लिए माँ काली चालीसा विशेष रूप से फलदाई होती है।
माँ काली चालीसा लिरिक्स (Kali Chalisa Lyrics in Hindi)
॥दोहा॥
जयकाली कलिमलहरण,
महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका,
देहु अभय अपार ॥
॥ चौपाई ॥
अरि मद मान मिटावन हारी ।
मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥
अष्टभुजी सुखदायक माता ।
दुष्टदलन जग में विख्याता ॥
भाल विशाल मुकुट छवि छाजै ।
कर में शीश शत्रु का साजै ॥
दूजे हाथ लिए मधु प्याला ।
हाथ तीसरे सोहत भाला ॥4॥
चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे ।
छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥
सप्तम करदमकत असि प्यारी ।
शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥
अष्टम कर भक्तन वर दाता ।
जग मनहरण रूप ये माता ॥
भक्तन में अनुरक्त भवानी ।
निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥8॥
महशक्ति अति प्रबल पुनीता ।
तू ही काली तू ही सीता ॥
पतित तारिणी हे जग पालक ।
कल्याणी पापी कुल घालक ॥
शेष सुरेश न पावत पारा ।
गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥
तुम समान दाता नहिं दूजा ।
विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥12॥
रूप भयंकर जब तुम धारा ।
दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥
नाम अनेकन मात तुम्हारे ।
भक्तजनों के संकट टारे ॥
कलि के कष्ट कलेशन हरनी ।
भव भय मोचन मंगल करनी ॥
महिमा अगम वेद यश गावैं ।
नारद शारद पार न पावैं ॥16॥
भू पर भार बढ्यौ जब भारी ।
तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥
आदि अनादि अभय वरदाता ।
विश्वविदित भव संकट त्राता ॥
कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा ।
उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥
ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा ।
काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥20॥
कलुआ भैंरों संग तुम्हारे ।
अरि हित रूप भयानक धारे ॥
सेवक लांगुर रहत अगारी ।
चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥
त्रेता में रघुवर हित आई ।
दशकंधर की सैन नसाई ॥
खेला रण का खेल निराला ।
भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥24॥
रौद्र रूप लखि दानव भागे ।
कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥
तब ऐसौ तामस चढ़ आयो ।
स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥
ये बालक लखि शंकर आए ।
राह रोक चरनन में धाए ॥
तब मुख जीभ निकर जो आई ।
यही रूप प्रचलित है माई ॥28॥
बाढ्यो महिषासुर मद भारी ।
पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥
करूण पुकार सुनी भक्तन की ।
पीर मिटावन हित जन-जन की ॥
तब प्रगटी निज सैन समेता ।
नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥
शुंभ निशुंभ हने छन माहीं ।
तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥32॥
मान मथनहारी खल दल के ।
सदा सहायक भक्त विकल के ॥
दीन विहीन करैं नित सेवा ।
पावैं मनवांछित फल मेवा ॥
संकट में जो सुमिरन करहीं ।
उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥
प्रेम सहित जो कीरति गावैं ।
भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥36॥
काली चालीसा जो पढ़हीं ।
स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा ।
केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥
करहु मातु भक्तन रखवाली ।
जयति जयति काली कंकाली ॥
सेवक दीन अनाथ अनारी ।
भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥40॥
॥दोहा॥
प्रेम सहित जो करे,
काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना,
होय सकल जग ठाठ ॥
माँ काली चालीसा पाठ विधि (Kali Chalisa Path Vidhi)
- माँ काली की पूजा दो तरीकों से की जाती है। कई लोग माँ काली की सामान्य पूजा करते हैं और कई लोग माँ काली की तांत्रिक पूजा करते हैं। माँ काली की तांत्रिक पूजा गुरु की शरण में जाती है, जबकी सामान्य पूजा कोई भी व्यक्ति अपने तरीके से कर सकता है।
- माँ काली की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत होने के बाद स्न्नान करके गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- अब अपने घर के पूजा घर में एक लड़की की चौकी पर माँ काली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- अब धूप, दीप, फूल, फल आदि से माँ काली की पूजा करें।
- माँ काली को पूजा में काले या लाल रंग की वस्तु अर्पित करें।
- अब काली माँ के सामने अपने दोनों हाथ जोड़कर मनोकामना पूरी होने के लिए प्रार्थना करें।
- अब माँ काली चालीसा का पाठ करें। सभी नियमों के साथ काली चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं।
काली माता चालीसा के लाभ (Kali Chalisa Benefits in Hindi)
- जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ नियामित रूप से माँ काली चालीसा का पाठ करता है, उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं और समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
- नियामित रूप से माँ काली चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- रोजाना माँ काली चालीसा पढ़ने से मन से डर और भय दूर हो जाते हैं।
- अगर आप शारीरिक बीमारियों से परेशान हैं तो नियमित रूप से माँ काली चालीसा का पाठ करें।
- माँ काली चालीसा का पाठ करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- नियामित रूप से माँ काली चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
- रोजाना माँ काली चालीसा पढ़ने से सफलता प्राप्त होती है।
- अगर आप रोजाना माँ काली चालीसा का पाठ करते हैं तो आपके ऊपर जादू टोने का असर नहीं होता है।
- व्यवसाय, रोजगार, करियर आदि में सफ़लता प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से माँ काली चालीसा का पाठ करें।
- माँ काली चालीसा का पाठ करने से पारिवारिक तनाव दूर हो जाता है और परिवार में खुशहाली आती है।