Mohini Ekadashi ki Katha: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। वैसे तो साल में 24 एकादशी मनाई जाती है, पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है।
मोहनी एकदशी का महत्व (Mohini Ekadashi ka Mahatav)
हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक इस दिन समुद्र मंथन करके अमृत कलश प्राप्त किया गया था। इस दिन भगवान विष्णु ने मोहनी रूप धारण करके दैत्यों से अमृत कलश की रक्षा करते हुए सभी देवताओं को अमृत पिलाया था। जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी के दिन व्रत करता है, उसके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी के दिन व्रत करके सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करता है उसे मृत्यु के पश्चात् मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो मनुष्य पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मोहिनी एकादशी की कथा पढता या सुनता उसे एक हज़ार गाय दान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।मोहनी एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi Shubh Muhurt 2024)
इस बार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 18 मई को सुबह 11:22 से प्रारंभ होकर 19 मई दोपहर 1:50 पर समाप्त होगी। मोहिनी एकादशी के दिन भगवान् विष्णु की पूजा की जाती है।
मोहिनी एकादशी व्रत कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha)
प्राचीन काल में सरस्वती नदी के निकट भद्रावती नामक राज्य में राजा धृतिमान राज करते थे। राजा धृतिमान भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। राजा के पाँच पुत्रों में से पांचवां पुत्र धृष्टबुद्धि बुरे कामों में लिप्त था। अपने पुत्र के बुरे कर्मों को देखते हुए राजा ने धृष्टबुद्धि से अपने सारे सम्बन्ध तोड़ दिए और उसे राज्य से बाहर निकाल दिया गया।
पिता द्वारा त्याग करने के बाद धृष्टबुद्धि जीवनयापन करने के लिए डकैत के गिरोह में शामिल हो गया। राज्य से निकाले जाने के बाद एक बार बैशाख मॉस में जंगल में भटकते हुए धृष्टबुद्धी ऋषि कौंडिन्य के आश्रम में पहुंच गया। उस समय ऋषि कौंडिन्य स्नान कर रहे थे। स्नान करते वक़्त पानी की कुछ बूंदें धृष्टबुद्धि के ऊपर पड़ गयीं। पानी की बूंदे पड़ते ही धृष्टबुद्धि को आत्म-ज्ञान की प्राप्ति हुई और उसी समय से उसने सभी बुरे कार्य छोड़ दिए।
धृष्टबुद्धि ने ऋषि से कहा कि वो उसका मार्गदर्शन करें। तब ऋषि कौंडिन्य ने कहा कि वो पूरी श्रद्धा भाव के साथ मोहिनी एकादशी का व्रत करे। इस व्रत को करने से उसके सभी पाप नष्ट हो जायेंगे। साधू के कहे अनुसार धृष्टबुद्धि ने मोहिनी एकादशी व्रत रखा, जिससे उसके सभी पाप नष्ट हो गए और मृत्यु के पश्चात् उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति हुई।
मोहिनी एकादशी पूजा विधि (Mohini Ekadashi Puja Vidhi)
- मोहिनी एकादशी के दिन प्रातः काल जल्दी उठने के पश्चात् नित्य क्रियाओं से निर्वत होकर स्नान करें। इस दिन स्नान करते समय साबुन का इस्तेमाल ना करें।
- स्नान करने के पश्चात् स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- अब अपने घर की साफ सफाई करने के बाद पूजा घर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
- अब भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
- गंगाजल से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
- अब भगवान विष्णु को स्वच्छ वस्त्र पहनाने के बाद मोहिनी एकादशी की कथा पढ़ें।
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते बहुत प्रिय हैं। बिना तुलसी के पत्तों के भगवान् विष्णु की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।
- मोहिनी एकादशी के दिन पूजा-पाठ के अलावा धर्म से जुड़े कार्य जैसे- गरीबों को दान करना, लोगों की मदद करना इत्यादि अवश्य करें।
- मोहिनी एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते ना तोड़ें।
- मोहिनी एकादशी के दिन पूरा दिन निर्जला उपवास रखें।
- मोहिनी एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। इसलिए इस दिन चावल से बनी चीजें ना खाएं। .
- इस दिन भूलकर भी तामसिक चीजें, जैसे- शराब, लहसुन, प्याज का सेवन ना करें।
मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को चढ़ाएं ये चीजें (Mohini Ekadashi Par Kya Kare)
- भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने के इस दिन पीपल के 21 पत्तों पर श्री हरि लिखकर भगवान के चरणों में चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी सभी मुश्किलें दूर हो जाएँगी।
- मनचाहा फल प्राप्त करने के लिए मोहिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। स्नान करने के पश्चात् पीला वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें।
- इस दिन भगवान् विष्णु को दूध और चावल से बनी खीर का भोग चढ़ाएं।
- मोहिनी एकादशी के दिन केले के पेड़ की पूजा अवश्य करें। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। मोहिनी एकादशी के दिन केले के पेड़ की जड़ में घी का दीपक अवश्य जलाएं। जो भक्त मोहिनी एकादशी के दिन पूरी श्रद्धा के साथ, पूरे विधि विधान से भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं उनके जीवन से धन की कमी दूर हो जाती है।