नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, न केवल माँ दुर्गा की पूजा की जाती है, बल्कि कन्याओं का विशेष पूजन भी किया जाता है। यह पूजा नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथियों पर की जाती है, जो कि माँ दुर्गा की नौ रूपों को समर्पित हैं। इस अद्भुत परंपरा को ‘नवरात्रि कन्या पूजा’ या ‘कन्याक पूजा’ के रूप में जाना जाता है। हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा भाव से शुभ मुहूर्त में विधि विधान से कन्याओं का पूजन करता हैं उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। छोटी कन्याओं को माँ का ही रूप माना जाता है। तो चलिए इस शुभ मौके पर आपको भी बताते हैं चैत्र नवरात्री में कन्या पूजा कैसे करें और कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त।
चैत्र नवरात्रि कन्या पूजा का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri Kanya Pujan Shubh Muhurat 2024)
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर, नौ युवा कन्याओं की पूजा की जाती है, जिन्हें माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है। चलिए जानते हैं साल 2024 में चैत्र नवरत्रि कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त।
- कुछ पंचांगों के अनुसार, नवरात्री अष्टमी तिथि का आरंभ 15 अप्रैल को दोपहर में 12 बजकर 12 मिनट से होगा और समापन 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 22 मिनट पर होगा।
- वही उदया तिथि में अष्टमी तिथि 16 अप्रैल को होने के कारण महाअष्टमी, कन्या पूजन 16 अप्रैल को किया जाएगा। जबकि नवमी तिथि 17 अप्रैल को है। इस दिन दिन में 12 बजे से पहले कभी भी कन्या पूजन करना शुभ होगा।
- स्थान के अनुसार मुहूर्त बदल सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।
चैत्र नवरात्रि कन्या पूजन विधि 2024 (Chaitra Navratri Kanya Pujan Vidhi)
- पूजा स्थल को धोएं और फूल, रंगोली, और अन्य पारंपरिक सजावटों से सजाएं।
- आमंत्रण के लिए एक बैठने की जगह की व्यवस्था करें, जहाँ कन्याएं (नौ संख्या में) आमंत्रित की जाएंगी।आप चाहें तो नौ से ज्यादा कन्याओं का पूजन भी कर सकती हैं।
- कन्या भोज के लिए और माता रानी के भोग के लिए हलवा, पूरी और काले चने बना लें।
- फल, मिठाई, और अन्य पारंपरिक वस्त्रादि की तैयारी करें।
- नौ युवा कन्याओं को अपने घर के लिए आमंत्रित करें, जो पूजा के लिए आएगी।
- उनके पैरों को धोकर स्वागत के रूप में उन्हें फूल, तिलक, तिलक लगाएं और हाथों में कलावा बाँध दें।
- उसके बाद प्रत्येक कन्या को एक सीट पर बिठाएं और माँ दुर्गा को समर्पित मंत्रों का जप करते हुए आरती करें।
- प्रत्येक कन्या को फल, मिठाई, और अन्य वस्त्रादि का प्रसाद प्रदान करें।
- कन्याओं की कृपा के लिए उनके पैरों को छूकर आशीर्वाद लें।
- पूजा के दौरान दुर्गा मंत्र या अन्य नवरात्रि संबंधित मंत्रों का जाप करें। ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे‘ भी माँ दुर्गा के लिए एक प्रभावी मंत्र है।
- पूजना संपन्न होने के बाद सभी कन्याओं को हलवा, पूरी और काले चने का भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण करवाएं।
- कन्याओं को आभार व्यक्त करने के रूप में दान दें।
- पूजा में भाग लेने वाली युवा कन्याओं को सम्मान के रूप में उपहार या धन देना एक प्रचलित प्रथा है।
- पूजा को प्रसाद को परिवार के सदस्यों और मेहमानों में बाँटकर समाप्त करें।
- कन्याओं का आशीर्वाद लें और उनके उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त करें।
इस पूजा को भक्ति और निष्ठा के साथ करें, पारंपरिक रीति-रिवाज़ों और अनुष्ठानों का पालन करें। इसके साथ ही, पूजा के दौरान कन्याओं के प्रति सर्वोत्तम सम्मान और देखभाल का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कन्या पूजा में क्या खिलाना चाहिए (Kanya Pujan Me Kya Khilaye)
कन्या पूजा एक महत्वपूर्ण हिन्दू परंपरा है जो नवरात्रि के नौ दिनों में आयोजित की जाती है। इस अवसर पर नौवीं दिन मां दुर्गा की नौ कन्याओं का पूजन किया जाता है। कन्या पूजा में खाना प्रसाद के रूप में पेश किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के भोजन शामिल होते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं की कन्या पूजन में क्या खिलाना चाहिए।
- सूजी का हलवा: सूजी का हलवा एक प्रमुख प्रसाद है जो कन्या पूजा में परोसा जाता है। यह आसानी से बनाया जा सकता है और माँ दुर्गा को अर्पित किया जाता है।
- पूरी और आलू की सब्जी: पूरी और आलू की सब्जी भी कन्या पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में परोसी जाती है।
- चने और हलवा: चने और हलवा भी प्रसाद के रूप में परोसे जाते हैं। यह भी एक प्रसिद्ध और पौष्टिक भोजन है जो लोगों को पसंद आता है। आप चाहें तो खीर या अन्य प्रकार का मीठा भी बना सकते हैं।
- फल: कन्या पूजा में फल भी अहम भूमिका निभाते हैं। सेब, केला, आम, अंगूर आदि कई प्रकार के फल प्रसाद के रूप में परोसे जा सकते हैं।
- मिठाई: कन्या पूजा में मिठाई भी परोसी जाती है। हलवा, लड्डू, बरफी, जलेबी आदि अनेक प्रकार की मिठाइयां माँ दुर्गा को अर्पित की जाती हैं।