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Baisakhi 2024: जानिए कब मनाई जाएगी बैसाखी 13 या 14 अप्रैल और इस खास दिन का महत्व

Baisakhi Kab Hai 2024: बैसाखी, भारतीय कैलेंडर के अनुसार एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो खेती से सम्बन्धित है और पंजाब, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार विभिन्न नामों से जाना जाता है – बैसाखी, बैसाख, वैसाखी, विशु, रोहिणी, रोहिणी प्रतिपदा, वैसाख, बैसाख, वैशाखी और बैसाखी प्रतिपदा। यह पर्व वसंत ऋतु के आरंभ के अवसर पर मनाया जाता है और खेतों में खेती के साथ-साथ आने वाले फसल की शुरुआत का भी प्रतीक होता है। तो चलिए इस लेख में आपको विस्तार से बताते हैं साल 2024 बैसाखी किस तारीख को पड़ेगी 14 या 15, बैशाखी का महत्व और पूजा करने का शुभ मुहूर्त। 

बैसाखी क्या है (Baishakhi Kya Hai)

बैसाखी, भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है। यह त्योहार खेती से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, विशेषकर पंजाब, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में। बैसाखी का त्योहार वसंत ऋतु के आरंभ के साथ ही आता है और इसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार अप्रैल महीने के अंत में या मई महीने के आरंभ में मनाया जाता है।

बैसाखी कैसे मनाते हैं (Baishakhi Kaise Manate Hai)

बैसाखी के दिन लोग रंग-बिरंगे वस्त्र पहनते हैं, खेतों को सजाते हैं, लोकनृत्य का आनंद लेते हैं और विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। पंजाब राज्य में बैसाखी का उत्सव खासतौर पर उत्साह से मनाया जाता है, जहां लोग गिद्दा और बंगड़ा नृत्य करते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से, बैसाखी एक महत्वपूर्ण दिन है। हिंदू धर्म में, इस दिन को विवाह और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए भी शुभ माना जाता है। सिख समुदाय में भी बैसाखी का महत्व बहुत अधिक होता है, जब वे गुरु गोबिंद सिंह जी के द्वारा खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। बैसाखी एक आनंदमय और उत्सवी त्योहार है जो खेती और संस्कृति को समृद्धि और खुशियों की ओर ले जाता है। इस अवसर पर, लोग नए संकल्प बनाते हैं और आने वाले समय में सफलता की कामना करते हैं।

बैसाखी का महत्व (Baishakhi Ka Mahatva)

Baishakhi Ka Mahatva

बैसाखी, एक महत्वपूर्ण हिंदू और सिख त्योहार है जो भारतीय उपमहाद्वीप में विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन को भारतीय सभ्यता में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। तो चलिए जानते हैं इस दिन की मान्यता किन किन क्षेत्रों में है।

खेती का महत्व: बैसाखी का त्योहार खेती से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह त्योहार उनके लिए एक नई फसल की शुरुआत का प्रतीक होता है और उन्हें खेती संबंधित उत्साह और प्रेरणा प्रदान करता है।

सामाजिक महत्व: बैसाखी का उत्सव सामाजिक एकता और सम्बंधों को मजबूत करता है। लोग इस अवसर पर मिलकर नाच-गाने का आनंद लेते हैं और आपसी मेल-जोल का माहौल बनाते हैं।

धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में, बैसाखी को विवाह और अन्य परम्परागत कार्यक्रमों के लिए शुभ माना जाता है। सिख समुदाय में, बैसाखी का त्योहार खालसा पंथ की स्थापना के रूप में महत्वपूर्ण है, जो गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा की गई थी।

नए संकल्प: बैसाखी के दिन लोग नए संकल्प लेते हैं और आने वाले समय में सफलता की कामना करते हैं। यह एक नए आरंभ का संकेत होता है और लोगों को नई ऊर्जा और उत्साह प्रदान करता है।

इस प्रकार, बैसाखी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो खेती, सामाजिक, और धार्मिक महत्व के साथ-साथ नए संकल्प और आरंभों के लिए एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह लोगों के जीवन में खुशियों और समृद्धि की कामना के साथ ही उन्हें एक साथी और सहयोगी बनाता है।

साल 2024 में बैसाखी कब है 13 या 14 अप्रैल को (Baishakhi Kab Hai 13 ya 14 Ko)

बैसाखी 13 या 14 अप्रैल को होता है, जैसा कि हर साल नये हिंदू कैलेंडर के अनुसार निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष, 2024 में, बैसाखी 14 अप्रैल को मनाई जाएगी। बैसाखी को खेती से जुड़े लोगों के लिए खुशियों और उत्साह का प्रतीक माना जाता है। 

इस दिन लोग रंग-बिरंगी बसंती वस्त्र पहनते हैं, खेतों को सजाते हैं और खेती से संबंधित रंगीन नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं। बैसाखी का मुख्य त्योहार पंजाब राज्य में होता है, जहां लोग गिद्दा और भागड़ा नामक लोकनृत्य का आनंद लेते हैं। साथ ही, पंजाबी बाज़ारों में उत्सवी वातावरण बना रहता है और लोग विभिन्न व्यंजनों का आनंद लेते हैं। बैसाखी के त्योहार के साथ ही कई मंदिरों और गुरुद्वारों में धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। लोग अपने परिवारों के साथ इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और खुशियों का साझा अनुभव करते हैं।

बैसाखी का शुभ मुहूर्त (Baishakhi Ka Shubh Muhurat 2024)

बैसाखी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 12 बजे से शुरू होगा। बैसाखी के त्योहार का महत्व धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक है। यह एक संघर्ष और परिश्रम का परिणाम है, जो खेती से जुड़े लोगों को खुशियों की सच्चाई का अहसास कराता है। इस दिन को लोग नए संकल्प और आरंभों के लिए भी उत्साहित होते हैं।

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